New Delhi: नई दिल्ली। सरकार और स्वास्थ्य विभाग की अपील के बावजूद कोरोना के बूस्टर डोज के प्रति आम लोगों की लापरवाही भारी पड़ सकती है। देश में गुरुवार को कोरोना के 20 हजार से अधिक नए मामले सामने आए हैं। मौतों का आंकड़ा भी बढ़ रहा है, लेकिन नागरिकों की लापरवाही जस की तस है। एक मीडिया रिपोर्ट्स में बूस्टर डोज के बाबत चौंकाने वाले आंकडे सामने आए हैं। रिपोर्ट्स के मुताबिक 92 फीसदी लोगों ने अब तक बूस्टर डोज के प्रति कोई रुचि नहीं दिखाई है, जो पात्र हैं। हालांकि सरकार ने 18 वर्ष से अधिक उम्र के लोगों के लिए आगामी 75 दिनों के लिए मुफ्त टीका लगाने का ऐलान किया है। देश में अब तक लगभग 59.4 करोड़ वयस्क बूस्टर डोज लेने में देर कर चुके हैं।
सरकार ने सभी वयस्कों के लिए कोरोना टीकों की बूस्टर डोज की घोषणा तीन महीेने से अधिक समय पहले की कर दी थी, लेकिन लोगों की उदासीनता के कारण सरकार ने अब निःशुल्क टीका लगाने का ऐलान किया है। केंद्र सरकार ने छह जुलाई को दूसरी खुराक और बूस्टर खुराक के बीच के अंतर को नौ से घटाकर छह महीने करने की घोषणा की थी।
एक रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि सरकार ने 60 वर्ष और उससे अधिक उम्र के लोगों और फ्रंटलाइन व स्वास्थ्य कर्मियों के लिए बूस्टर डोज मुफ्त देने की घोषणा की थी। 12 जुलाई को जारी आंकड़े से पता चला है कि फ्रंटलाइन वर्कर्स में से 35 प्रतिषत पात्र और हेल्थकेयर वर्कर्स में से 39 फीसदी ने बूस्टर शॉट नहीं लिया था। सबसे अधिक अनिच्छा 60 वर्ष से ऊपर के लोगों में देखी गई, जिनमें 73 फीसदी लोगों ने बूस्टर डोज नहीं लिया है।