Saturday, 20 April 2024

डेंगू और वायरल बुख़ार हैं एक दूसरे से काफी अलग

नई दिल्ली: देश में दोबारा से डेंगू बुखार का आतंक बढ़ता जा रहा है। बारिश के मौसम आने से अकसर…

डेंगू और वायरल बुख़ार हैं एक दूसरे से काफी अलग

नई दिल्ली: देश में दोबारा से डेंगू बुखार का आतंक बढ़ता जा रहा है। बारिश के मौसम आने से अकसर मच्छर से होने वाली बीमारियांं बढ़ना शुरु हो जाती है। ऐसे में बुखार आने पर नजरअंदाज नहीं करना चाहिए जिसकी तुरंत जांच करने की आवश्यकता है। डेंगू और वायरल बुख़ार दोनों बेहद अलग तरह की बीमारियां मानी जाती है।

शुरुआत की बात करें तो इन्हें बिना जांच के पहचानना मुश्किल होने लगता है। इन दोनों बुख़ार में कई लक्षण भी एक जैसे माने जाते हैं, लेकिन ये बिल्कुल अलग तरह से फैलना शुरु हो जाते हैं।

वायरल बुख़ार तीन से 5 दिनों के समय तक रहता है जिससे हल्के में नहीं लिया जा सकता है।, जिसमें ठंड लगना और शरीर में दर्द बढ़ने लगता है। ये बुख़ार जितनी जल्दी चढ़ता है, उतनी ही जल्दी उतर शुरु हो जाता है। यह या तो संक्रमित व्यक्ति द्वारा हवा में छींक या खांसी से छोड़ी गई बूंदों से फैलने लगता है या किसी संक्रमित चीज़ को छू लेने से होता है।

वहीं, डेंगू का बुख़ार, प्रकृति में अधिक जटिल होने लगता है। यह टाइगर मच्छर (एडीज़ इजिप्टी) द्वारा फैल जाता है। मच्छर में काली और पीली धारियां देखकर इसको पहचानना जा सकता है और यह आमतौर पर सुबह या भोर में काटना शुरु कर देता है। वायरस सफेद रक्त कोशिकाओं में प्रवेश करने के बाद और प्रजनन करता है।

वायरस के पांच अलग-अलग प्रकार बताएं जाते हैं, जिनमें से प्रत्येक की गंभीरता बढ़ने लगती है। एक प्रकार के संक्रमण में आजीवन प्रतिरक्षा मिलना शुरु हो जाती है और दूसरे प्रकार में कुछ समय के लिए ही मिलती रहती है। डेंगू वायरस संक्रमित व्यक्ति के छींकने या खासने या छूने से नहीं फैलता है। यह बुख़ार कम से कम 7 दिनों तक हो जाता है। जिस दौरान बीच में उतरता-चढ़ने क दौरान शुरु होता है। इसके अलावा सिर दर्द, जोड़ों में दर्द और सूजन और शरीर पर चकत्ते भी दिखाएं देने लगते हैं।

बुखार होने के बाद पैरों और हाथों की उंगलियां और जॉइन्ट्स में सूजन और दर्द का खतरा बढ़ सकता है। कई मरीज़ अपने पैरों, बाहों और धड़ पर चुभने वाले चकत्तों की शिकायत करते हैं।

एक्सपर्ट्स से मिली जानकारी के मुताबिक वायरल और डेंगू बुख़ार में फर्क करने की प्रक्रिया काफी आसान है। वायरल संक्रमण होने से मरीज़ को बुख़ार के साथ नाक बहना, गले में दर्द, शरीर में दर्द, कमज़ोरी आदि जैसे लक्षण नजर आने लगते हैं। वहीं, डेंगू में बुख़ार तेज़ होता रहता है, मांसपेशियों और हड्डियों में बेहद दर्द और बुखार के 24 या 48 घंटों बाद पूरे शरीर में गुलाबी रंग के चकत्ते पड़ने लगते हैं।

अगर आप भारत में इनमें से किसी भी बीमारी को पकड़ने की संभावना के बारे में चिंतित हो जाते हैं, तो सबसे अहम बात जो ध्यान में रखने वाली चीज मौसम माना जाता है। बीमारी की व्यापकता से हर साल और भारत में जगह-जगह बदलने से इसका असर तेज होने लगता है। भारत में डेंगू मॉनसून के मौसम के बाद के महीनों में सबसे आम माना जाता है। वहीं, वायरल बुख़ार मौसम के बदलने के वक्त ज़्यादा होने लगता है जिससे आपके शरीर पर काफी प्रभाव होता है।

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