Wednesday, 24 April 2024

Eye Care : सूख न जाए आखों का पानी, बचें ड्राई आईज सिंड्रोम से

Eye Care : सैय्यद अबू साद Eye Care :  लगातार कंप्यूटर, मोबाइल, लैपटॉप, टीवी पर आंखें गड़ाए रहने से आंखों…

Eye Care : सूख न जाए आखों का पानी, बचें ड्राई आईज सिंड्रोम से

Eye Care :

सैय्यद अबू साद

Eye Care :  लगातार कंप्यूटर, मोबाइल, लैपटॉप, टीवी पर आंखें गड़ाए रहने से आंखों से जुड़ी कई समस्याएं आज लोगों में बढ़ती जा रही हैं। उस पर गर्मियों के सीजन में सड़क पर गर्म हवाओं और धूल भरी आंधी के बाद ऑफिस व घर में एसी की ठंडक से इन दिनों बढ़ जाता है आंख में ड्राई आईज सिंड्रोम का खतरा। ड्राई आइज की दिक्कत तब होती है जब आपकी आंखें पर्याप्त मात्रा में आंसू का उत्पादन नहीं कर पाती हैं, जिससे आंखों में सूखापन होने से खुजली बढ़ जाती है। इस कारण से आंखों की नमी कम होने लगती है। आंखों का सूखापन की समस्या का जोखिम गर्मियों में काफी तेजी से बढ़ जाता है। स्वास्थ्य विशेषज्ञ कहते हैं, आंखों की इस समस्या पर अगर समय रहते ध्यान न दिया जाए तो इससे कोशिकाओं को गंभीर क्षति होने के साथ आंखों की रोशनी पर खतरा भी हो सकता है। इसलिए समय रहते इसे पहचानकर इलाज शुरू कर देना चाहिए।

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क्यों होती हैं आंखें ड्राई
मेडिकल न्यूज टुडे में छपी एक रिपोर्ट के अनुसार, आंखें ड्राई तब हो सकती हैं, जब आंसू बहुत जल्दी वाष्पित या इवैपोरेट हो जाते हैं या फिर आंखें बहुत कम आंसू का निर्माण करती हैं। यह एक या दोनों आंखों को प्रभावित कर सकता है और इससे सूजन हो सकती है। दरअसल, स्वस्थ आंखें हर समय आंसू का निर्माण करती हैं। यह लगातार फ्लूइड से ढंकी होती हैं, जिसे टियर फिल्म कहा जाता है। यह इस तरह से डिजाइन किया गया है कि आप जब भी पलक झपकाएंगे ये स्थित रहते हैं। इससे आंखें ड्राई नहीं होती हैं और दृष्टि स्पष्ट होती है। यदि आंसू ग्रंथियां कम आंसू पैदा करती हैं, तो टियर फिल्म अस्थिर हो सकती है। यह जल्दी ही टूट सकता है, जिससे आंखों की सतह पर सूखे धब्बे बन सकते हैं। जब आंसू का निर्माण बहुत कम होने लगे, तो आंखें ड्राई हो जाती हैं। साथ ही दवाओं के सेवन, वातावरण फैक्टर्स, पलकों की समस्या से भी ड्राई आई की समस्या शुरू हो सकती है। इससे खुजली होने लगती है, बार बार आंखों में खुजली करना हर तरह से आंखों की सेहत के लिए नुकसानदायक है।

ड्राई आइज में संक्रमण का खतरा
यदि आपको ड्राई आइज की समस्या है तो इसका समय रहते उपचार किया जाना बहुत आवश्यक है। ड्राई आइज के कारण आपको आंखों में सूखापन, किरकिरा या जलन, लालिमा या दर्द महसूस हो सकता है। अगर समय रहते इस विकार का इलाज न किया जाए तो इससे संक्रमण और अल्सर तक का खतरा बढ़ जाता है। इंफेक्शियस केराटाइटिस, आंख की कॉर्निया में होने वाला एक संक्रमण है, जिसे ड्राई आइज के जोखिम कारक के रूप में जाना जाता है। अपर्याप्त आंसू के कारण इस संक्रमण का खतरा होता है। इसी तरह ड्राई आइज के कारण अल्सर भी हो सकता है। कॉर्नियल अल्सर आंख की सामने की सतह पर होने वाल घाव है, जिससे अंधापन हो सकता है।

गर्म हवा व एसी भी नुकसानदायक
गर्मियों के सीजन में सड़क पर गर्म हवाओं और धूल भरी आंधी के बाद ऑफिस व घर में एसी की ठंडक से इन दिनों बढ़ जाता है आंख में ड्राई आईज का खतरा। एसी और हीटर दोनों को ड्राई आइज की समस्या को बढ़ाने वाला पाया गया है। ये उपकरण आपके आसपास की हवा में नमी की मात्रा को काफी कम कर देते हैं। ऐसे में न सिर्फ ड्राई आइज होने का जोखिम बढ़ जाता है साथ ही जिन लोगों को पहले से ही ये दिक्कत है उनमें इसकी जटिलताएं और भी बढ़ सकती हैं।

लैपटॉप-मोबाइल के इस्तेमाल होती समस्या
लैपटॉप-मोबाइल के ज्यादा इस्तेमाल से न सिर्फ स्क्रीन टाइम और इससे होने वाली दिक्कतें बढ़ती हैं साथ ही इसे ड्राई आइज का भी कारण माना जाता है। डिजिटल डिवाइस की स्क्रीन पर देखते रहने से हमारी ब्लिंक दर 66 प्रतिशत तक कम हो जाती है। पलकें कम झपकने से ड्राई आई सिंड्रोम विकसित होने का खतरा बढ़ जाता है। आंखों को तरोताजा और स्वस्थ महसूस कराने में पलक झपकना जरूरी है। इसके अलावा इन डिवाइस से निकलने वाली नीली रोशनी के कारण भी ड्राई आइज का जोखिम हो सकता है।

कैसे करें ड्राई आइज से बचाव
नेत्र रोग विशेषज्ञ कहते हैं कि अपनी आंखों को स्वस्थ रखने के लिए निरंतर प्रयास करें। आहार, लाइफस्टाल को ठीक रखने के साथ पलकों को झपकाने जैसे अभ्यास आपकी आंखों को स्वस्थ रखने में मददगार हो सकते हैं।
▪ धुंआ, हवा और एयर कंडीशनिंग से बचने की कोशिश करें।
▪ स्क्रीन टाइम को कम करें।
▪ जब आप बाहर हों तो रैपराउंड धूप का चश्मा पहनें।
▪ खूब पानी पिएं- हर दिन 8 से 10 गिलास पानी पीने की कोशिश करें।
▪ बिना डॉक्टरी सलाह के आंखों में किसी आई ड्राप का इस्तेमाल न करें।

हर्बल तरीका आजमाएं
आपको अपनी डाइट में लिक्विड इनटेक बढ़ा देना चाहिए। खुद को हाइड्रेटेड रखें। अगर आप चाय के शौकीन हैं तो कैमोमाइल की तरह हर्बल चाय पिएं, क्योंकि वे अपने एंटी-इंफ्लेमेटरी गुणों के कारण एलर्जी से लड़ने में मदद करते हैं।

स्वस्थ आहार है तरीका
फलों, सब्जियों और ओमेगा-3 फैटी एसिड से भरपूर आहार ऐसी स्थितियों के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है। ये खाद्य पदार्थ इम्यूनिटी को मजबूत करते हैं, जो आगे धूल एलर्जी को खत्म करने में मदद करता है और स्वास्थ्य पर भी अच्छा असर पड़ता है।

खुजली के लिए कोल्ड कंप्रेस
धूल अक्सर आंखों में खुजली और जलन पैदा करते है। इस कारण आपके आंखों से लगातार पानी भी निकलता है। खुजली को शांत करने के लिए रगड़ने के बजाय कोल्ड कंप्रेस लगाना बेहतर होता है।

एयर फिल्टर लगाएं
जब आपका शहर धूल भरी आंधी में घिरा हो तो एयर फिल्टर काम आता है। आसपास की हवा को प्रभावी ढंग से फिल्टर और शुद्ध करके घर के अंदर की हवा की गुणवत्ता को बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। एयर फिल्टर का उपयोग धूल से होने वाली एलर्जी को कम करने और स्वच्छ और स्वस्थ इंडोर वातावरण बनाकर समग्र श्वसन स्वास्थ्य में सुधार करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है।

ड्राई आइज में चिकित्सकीय सलाह
▪ घर के अंदर रहने की कोशिश करें, खासकर यदि आप स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं के प्रति संवेदनशील हैं।
▪ धूल को घर में प्रवेश करने से रोकने के लिए सुनिश्चित करें कि सभी दरवाजे, खिड़कियां बंद हैं।
▪ बाहर जाते समय ऐसे मास्क पहनें जो चेहरे और नाक को अच्छी तरह से ढके हों।
▪ दमा रोगियों को सलाह दी जाती है कि वे घर के अंदर रहें और दमा की उचित दवा लें।
▪ यदि धूल भरी आंधी के दौरान गाड़ी चला रहे हों, तो धूल को कम करने के लिए अपनी कार में एयर इनटेक को सक्रिय करें।

 

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