Thursday, 25 April 2024

Good Health Tips : सेहत का खजाना है काली मिर्च, रोजाना के भोजन में इस्तेमाल करें

Good Health Tips :  काली मिर्च हमारे देश की एक महत्वपूर्ण धरोहर है। कहते हैं कि अंग्रेज हमारे देश में…

Good Health Tips : सेहत का खजाना है काली मिर्च, रोजाना के भोजन में इस्तेमाल करें

Good Health Tips :  काली मिर्च हमारे देश की एक महत्वपूर्ण धरोहर है। कहते हैं कि अंग्रेज हमारे देश में काली मिर्च को खोजते हुए ही आए थे। पर, ‘घर की मुर्गी साग बराबर।’ इसीलिए आज की चर्चा में मैं आपको इस छोटी, पर गुण की गुथली काली मिर्च पर ही चर्चा करूंगी कि हम काली मिर्च जरूर खाएं, पर क्यूं खाएं?

काली मिर्च के कारण ही एक समय भारत विश्व की सबसे बड़ी आर्थिक शक्ति था। हमारे देश में जो भी स्वादिष्ट भोजन बनाने या खाने के शौकीन हैं, वे अपने मसालों में काली मिर्च का इस्तेमाल जरूर करते हैं। हमारे देश में यह मिर्च, गोल मिर्च, काली मिर्च, दक्षिण मिर्च तथा चोखा मिर्च के नाम से भी जानी जाती है। मुझे इसका नाम चोखा मिर्च बेहद पसंद है, क्योंकि सूप हो, सूखी सब्जी या करी वाली सब्जी। ये व्यंजन लजीज बना देती है। व्यंजन का पहला चम्मच मुह में डालें। व्यंजन टेस्ट बड्स को छुआ और ढेर सारा लार मुह में बना, इसलिए यह मसालों की रानी कहलाती है। यह लार बनाने के गुण से ही इसकी औषधीय महत्ता भी शुरू हो जाती है। इसके दो प्रकार हैं, सफेद मिर्च और काली मिर्च। आधे पके फलों की काली मिर्च बनती है तथा पूरे पके फलों को पानी में भिगोकर, हाथ से मसल कर ऊपर का छिल्का उतार देने से वह सफेद मिर्च बन जाती है। छिल्के का अपना महत्व है। अतः छिलके के हट जाने से इसका चोखापन कुछ कम हो जाता है और इसके गुणों में भी कुछ कमी आ जाती है।

Good Health Tips :

काली मिर्च डाली सब्जी खाने से लार बनती है यानि भोजन सही से पचता है, जिससे भूख अच्छी लगती है। लिवर को स्वस्थ बनाती है, तीखी है इसलिए पेट के कीड़ों को भी मारती है। तीखी है तो खाते हुए हम पानी भी अधिक पीते हैं। यानि पेशाब भी बढ़ाती है, जिससे शरीर से टोकसिन्स भी बाहर आते हैं। जब हम भोजन के साथ पानी पीते हैं तब पेट जल्दी भर जाता है। कम भोजन साथ में पानी यानि वजन तो घटेगा ही। इससे अंतड़ियां भी साफ होती हैं, लिक्विड फार्म में खाना जल्दी पचता है तथा अंतड़ियों को भी आराम मिलता है। इसीलिए यह वजन घटाने में सहायक है। पानी ज्यादा पीने से पेशाब भी बढाती है, जिससे शरीर से टोक्सिन्स बाहर आते हैं। शरीर अधिक लिक्विड से डिटॉक्स होता है। इसमें पाया जाने वाला पाइपरिन कैंसर से सुरक्षा प्रदान करता है। इसमें पोटेशियम होता है, जो रक्तचाप तथा हृदय गति को नियंत्रित करता है तथा लाल रक्त कोशिकाओं के उत्पादन में मदद करता है। ये विटामिन बी, कैल्सियम से भरपूर होती है। पाचन अच्छा रखती है, इसलिए हमारी त्वचा पर छाइयां तथा झुर्रियां भी जल्दी नहीं पड़ने देती है।

किस मौसम में खाएं काली मिर्च:

हर मौसम में खाएं काली मिर्च। अधिकतर लोग कहते हैं कि इसको सर्दी में खाएं, यह शरीर को गर्मी देती है। हां, बिल्कुल सही है। काली मिर्च खाली गर्मी ही नहीं, सर्दी में सूखी खांसी या कफ, उसका भी ये बहुत ही उत्तम इलाज है। आप ऑफिस में हैं या पब्लिक मीटिंग में, एक काली मिर्च मुंह में रख लें। पहले कुछ सेकेंड्स के लिए एक खांसी सी आएगी, साथ ही कफ साफ। गला तर रहेगा और मुंह से स्मेल भी नहीं आएगी। इस भ्रांति से दूर रहें कि गर्मी में न खाएं काली मिर्च। गर्मी में पसीना यदि बहुत ज्यादा आता है तो शरीर को पसीना ठंडा तो करता है, लेकिन कभी कभी जरूरी आयन्स की कमी भी हो जाती है और बीपी भी लो हो जाता है। यह समस्या महिलाओं को अधिक होती है। ऐसे में नींबू की शिकंजी या दही की पतली लस्सी में नमक के साथ काली मिर्च डालकर पीने से यह समस्या दूर होती है। प्यास भी बार बार लगती है। मासिक धर्म आने से पहले जो कमर तथा लोअर अब्डोमेन में दर्द होता है, ऐसे में मंुह में काली मिर्च रख लें, धीरे धीरे चबाएं। बहुत ही आराम मिलता है। आज मेडिकल साइंस ने बहुत ही तरक्की कर ली है। हम भी सब कुछ तुरंत ही चाहते हैं। नहीं तो चर्म रोग, बुखार, कुष्ठ रोग, गांव देहात में तो आज भी लोग अंग्रेजी दवाइयों से परहेज करते हैं, वे आज भी तेल में काली मिर्च पीस कर मालिश कर स्वास्थ्य लाभ पाते हैं, यानि पूरे वर्ष खाएं काली मिर्च। इतनी गुणी होने के कारण ही काली मिर्च को खाली उत्तम मसालों में नहीं, बल्कि उत्तम औषधि के रूप में भी उपयोग किया जाता है।

उत्तम औषधि :

काली मिर्च उपयुक्त सब्जी खाने से हमारे पेट में हाइड्रोक्लोरिक एसिड बनने की प्रक्रिया तेज हो जाती है। इसलिए अपच से परेशान लोगों को तो लाल की जगह काली मिर्च का ही सेवन करना चाहिए। भोजन सही पचेगा तो आंतों का स्वास्थ भी सुधरेगा।

काली मिर्च में एल्केलाइड:

काली मिर्च में एल्केलाइड होने से ये एंटी डिप्रेससेंट भी है। यदि आप दो बादाम की गिरी और पांच दाने काली मिर्च हर रोज खाएं तो डिप्रेशन से बचे रह सकते हैं। यदि कभी हिचकी लग जाए और न रुके तो एक गिलास पानी पीयें। साथ ही मुंह में एक दाना काली मिर्च रख लें, धीरे-धीरे चबाएं, इससे हिचकी बंद हो जाती है। चेहरे को लकवा मार जाए या जुबान अकड़ रही हो तो काली मिर्च का पाउडर जुबान पर रखें, बहुत लाभ देगा। यदि वायरल बुखार है बार-बार चढ़ता है, तेज चढ़ता है तो 1-3 ग्राम काली मिर्च या पांच काली मिर्च को पीस लें, एक कप पानी तथा उसमें 20 ग्राम मिश्री कूटकर मिला लें। अब उबालें, जब मिश्री पिघल जाए, ये मिक्सचर पूरी तरह उबल जाये तो गरम गरम पीयें। पसीने के साथ बुखार उतार जायेगा।

काली मिर्च के साइड इफेक्ट्स:

बहुतायत हर चीज की ही बुरी होती है। जब कभी भी हमें किसी वस्तु से लाभ होता है तो यदि हम सोचने लगें कि लाभ कुछ जल्दी ही ले लें, तो बस यहीं मामला खराब भी हो जाता है। कभी-कभी पलक पर या लोअर आइलिड पर एक फुंसी सी निकल आती है। ऐसे में थोड़ी सी काली मिर्च पानी में घिस लें और आंख बंद कर उस घमौरी पर लगा लें, वो ठीक हो जाती है, पर होता क्या है कि घिसने पर यदि थोड़ी सी बच जाए तो हम आंख पर ही कुछ ज्यादा लगा लेते हैं। फिर…आगे, क्या लिखना, क्योंकि काली मिर्च पाचक है, इसलिए हम यदि तीनों समय ही चबाने लगते हैं तो उससे एसिडिटी या छाती में जलन भी होने लगती है। एंटी ऑक्सीडेंट है, हमें युवा रखती है, पर ज्यादा चबाई तो मुंह में छाले भी कर देती है।

इसलिए इसका सदुपयोग करें। आवश्यकता अनुसार ही खाएं और स्वास्थ्य लाभ उठाएं।

गुड हेल्थ टिप्स सेहत का खजाना है। अपने भोजन में काली मिर्च अपनाएं तथा डिप्रेशन जैसे रोग से बचें। आज के लिए इतना ही। आप स्वस्थ रहें, सानंद में रहें। फिर मिलते हैं अगले एपिसोड में।

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