Health Care:
सैय्यद अबू साद
Health Care : इसमें कोई शक नहीं बारिश गर्मी से राहत देती है और सभी को खुश कर देती है, लेकिन मानसून अपने साथ खूब सारी बीमारियां भी साथ लेकर आता है। इस दौरान यदि सावधानी न बरती जाए, तो बीमार होना भी लाजिमी है। अब जबकि मानसून की बारिश ने देश के ज्यादातर हिस्सों पर दस्तक दे दी है, तो हमें अपनी को लेकर भी सतर्क हो जाना चाहिए। जैसे कि बारिश में उमस और नमी बढ़ने से खाना जल्दी खराब हो जाता है, इसलिए बाहर का खाना न खाने की सलाह दी जाती है। साथ ही जगह-जगह पानी का जमाव मच्छरों की संख्या को बढ़ने का मौका देता है। मच्छर के काटने से डेंगू, मलेरिया आदि जैसी बीमारियां गंभीर रूप भी ले सकती हैं। आइए जानते हैं मानसून में किन खतरनाक बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है और कैसे किया जा सकता है इन बीमारियों से अपना बचाव।
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एनर्जी खत्म कर देता है टाइफाइड
बरसात के समय टाइफाइड के मामले भी बढ़ने लगते हैं, जो आमतौर पर दूषित खाने और पानी से होता है। इसके चपेट में आने वाले व्यक्ति की एनर्जी खत्म हो जाती है। इसके लक्षणों में लगातार तेज बुखार आना, कमजोरी महसूस होना, पेट में दर्द और भूख न लगने के लक्षण परेशान करते हैं, जिससे वजन भी घटने लगता है।
इन्फ्लूएंजा से बच कर रहें
उमस बढ़ने और तापमान में बदलाव आने से इन्फ्लूएंजा के मामले भी बढ़ने लगते हैं। यह संक्रमण तेजी से फैलने वाला होता है, जिसमें बुखार, मांसपेशियों में दर्द, गले में खराश, नाक बंद होना, सूखी और लगातार खांसी होने जैसे लक्षण दिखते हैं। इसकी वजह से निमोनिया, अस्थमा, डायबिटीज और दिल की बीमारी जैसे लक्षण भी दिखते हैं।
मलेरिया है खतरनाक
मलेरिया संक्रमण मच्छर के काटने से होता है। घर के आपपास पानी के जमाव में मलेरिया के मच्छर पनपते हैं, जो इस बीमारी का मुख्य कारण भी है। मलेरिया के लक्षणों में तेज बुखार, ठंड लगना, कंपकंपी, जरूरत से ज्यादा पसीना आना और गंभीर एनीमिया जैसे लक्षण शामिल हैं। बीमारी का अगर इलाज समय पर न किया जाए, तो इससे सेरेब्रल मलेरिया हो सकता है, जो एक जानलेवा स्थिति है। इसके साथ दौरे पड़ना, किडनी फेलियर, जॉन्डिस और सांस से जुड़ी बीमारियां भी हो सकती हैं।
बचना पड़ेगा डेंगू से
बारिश के मौसम में डेंगू बुखार सबसे आम हो जाता है, जो जंगल में लगी आग की तरह फैलता है। नेशनल सेंटर ऑफ वेक्टर-बॉर्न डिसीज कंट्रोल के अनुसार, हर साल भारत में, हजारों लोग इस बीमारी के चलते अपनी जान गंवा बैठते हैं। साल 2022 में डेंगू के एक लाख से ज्यादा मामले सामने आए थे। यह बीमारी मादा एडीज मच्छर के काटने से फैलती है, जो आमतौर पर दिन के समय या सूरज ढलने से पहले काटता है। तेज बुखार के साथ बदन दर्द डेंगू के आम लक्षण हैं। इसके अलावा लोग पसीना आना, सिर दर्द, आंखों में दर्द होना, मितली, उल्टी, कमजोरी, चकत्ते, हल्की ब्लीडिंग और ब्लड प्रेशर कम होने जैसे लक्षणों का अनुभव करते हैं। डेंगू के गंभीर मामलों में मरीज सांस न आना, प्लेटलेट्स काउंट का कम हो जाना जैसे लक्षण जानलेवा भी साबित हो सकते हैं।
जोड़ों का दर्द देता चिकनगुनिया
चिकनगुनिया भी मच्छरों से होने वाली बीमारी है, जो रुके हुए पानी में पनपते हैं। चिकनगुनिया टाइगर एडीज एल्बोपिक्टस मच्छर के कारण फैलता है। इसके लक्षण संक्रमित मच्छर के काटने के 3 से 7 दिनों के बाद नजर आते हैं। जिसमें बुखार, शरीर और जोड़ों में दर्द शामिल है।
पेट खराब कर देगा डायरिया
बरसात का मौसम दस्त जैसे इन्फेक्शन का कारण भी आसानी से बनता है। इस मौसम में नमी और उमस के कारण खाना आसानी से खराब हो जाता है, जिसकी वजह से किसी का भी पेट खराब हो सकता है। साथ ही इन्फेक्शन्स बढ़ जाने की वजह से भी दस्त का खतरा बढ़ जाता है।
लिवर के लिए नुकसानदायक हेपेटाइटिस ए
दूषित पानी से होने वाली हेपेटाइटिस ए में लिवर हेल्थ पर सबसे ज्यादा इफेक्ट डालती है। पीलिया, फीवर, मतली जैसी समस्याएं इसमें होती है। इसलिए पानी शुद्ध ही पीने की कोशिश करनी चाहिए।
कैसे बचें बारिश में बीमारियों से
हेल्थ एक्सपर्ट्स की मानें, तो मानसून और बीमारियों का रिश्ता पुराना है। फिर भी इन बीमारियों की वजह और इलाज के बारे में जानकारी रखना जरूरी है ताकि आप बीमार पड़ने से बच सकें। बरसात में खुद को बीमारियों से बचाने के लिए इन बातों का ख्याल रखें।
▪ स्वच्छता का ध्यान रखें।
▪ दिन में कई बार हाथों को धोएं।
▪ बाहर का खाना न खाएं, खासतौर पर सड़क के ठेलों से।
▪ पानी को फिल्टर या उबाल कर ही पिएं।
▪ अपनी इम्यूनिटी को बढ़ाएं।
▪ छींकते या खांसते समय हमेशा मुंह और नाक को ढकें।
▪ रिपेलेंट्स का उपयोग करें।
▪घर के आप पास पानी का जमाव न होने दें।
ये तरीके होंगे कारगर
▪ अधिक से अधिक और शुद्ध पानी का ही इस्तेमाल करें।
▪ हरी सब्जियों का सेवन और ठोस खाद्य पदार्थों से दूर रहें।
▪ बदलते मौसम में अंगूर और संतरे जैसे रसीले फलों का इस्तेमाल करें।
▪ फ्रिज का पानी और अधिक ठंडे पेय पदार्थों से दूर रहें।
▪ खुले आकाश के नीचे न सोएं।
▪ घर और आसपास में पानी एकत्र न होने दें, नाली मेें नियमित कैरोसिन डालें।
▪ मच्छरों के बचाव को मच्छरदानी का इस्तेमाल करें।
▪ पानी शुद्ध न होने पर उसे उबाल कर ही इस्तेमाल करें।
▪ तबियत बिगड़ने पर तुरंत चिकित्सक से सलाह लेकर उपचार कराएं।
▪ सड़े कटे फल सब्जी, बासी खाना बाजारी खाद्य सामग्री से बचें।
मानसून में फंगल इन्फेक्शन से बचें
साफ, सूखा और ढीले-ढाले कपड़े ही पहनें। जीन्स, गीले या फिर हल्के गीले और कसे हुए कपड़े न पहनें। रोज साबुन से नहाएं और बालों को शैम्पू से धोएं। अपने कपड़े, कंघी जैसी पर्सनल चीजें किसी से भी शेयर न करें। पैरों को साफ और सूखा रखें।
बुखार में इसे प्रयोग करें
खूब सारा पानी पिएं। हल्का बुखार और बदन दर्द महसूस होने पर भी डॉक्टर से दवा लें। अगर सर्दी-खांसी परेशान कर रही है, तो स्टीम लें। गले की खराश के लिए गुनगुने पानी में नमक मिलाकर गार्गल करें।
बीमार न पड़ने के लिए कुछ करें
कच्चे फूड्स खाने से बचें। सब्जी और फलों को खाने से पहले पानी से अच्छी तरह धो लें। बारिश में भीग जाएं, तो साफ पानी से नहाना न भूलें। इससे आप इन्फेक्शन और बीमारियों से बचे रहेंगे।
इस मौसम कैसे रहें फिट
घर की हर सतह की सफाई रोज करें, खासकर जिन पर अक्सर हाथ लगते हैं। साथ ही इन्हें डिसइंफेक्ट भी करें। घर पर अगर कोई बीमार है, तब घर को डिसइंफेक्ट करना न भूलें। अपनी नींद पूरी लें। पूरी तरह एक्टिव रहें। स्ट्रेस से दूर रहें। खूब सारे फ्लुएड्स लें और पोषण से भरपूर खाना खाएं।