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Health: डिप्रेशन और एंजाइटी में होता है बहुत बारीक सा अंतर, समझना बेहद जरूरी

डिप्रेशन और एंजाइटी

Health Tips: डिप्रेशन और एंजाइटी, मेंटल हेल्थ से जुड़ी ये दोनों ही प्रॉब्लम बहुत सामान्य है, जो अक्सर लोगों में देखने और सुनने को मिल जाती है। अक्सर लोग डिप्रेशन और एंजायटी को मेंटल हेल्थ से जुड़ी एक ही प्रॉब्लम समझने की भूल कर देते हैं। यानी लोग डिप्रेशन को ही एंजायटी, और एंजायटी को ही डिप्रेशन मान लेते हैं। बहुत कम लोगों को इस बात की जानकारी होती है कि एंजायटी और डिप्रेशन, मेंटल हेल्थ से जुड़ी अलग-अलग प्रॉब्लम है। एंजायटी और डिप्रेशन में बहुत बारीक सा अंतर होता है, लेकिन ये बारीक सा अंतर ही इन दोनों बीमारियों को एक दूसरे से काफी अलग कर देता है। यही वजह है कि हर किसी के लिए इस बारीक से अंतर को समझना बहुत जरूरी है। आगे इस पोस्ट में एंजायटी और डिप्रेशन के इस बारीक अंतर को ही एक्सप्लेन करने का प्रयास किया गया है।

दरअसल एंजायटी और डिप्रेशन में तीन महत्वपूर्ण अंतर होते हैं। इसके बारे में सभी को जानकारी होना जरूरी है। ये तीन अंतर कुछ इस प्रकार है-

1. एंजायटी और डिप्रेशन में सबसे बड़ा अंतर यह है कि जिस इंसान में एंजायटी की प्रॉब्लम होती है वो ओवरथिंकर होता है। ऐसे इंसान के मन में हमेशा कोई ना कोई थॉट प्रोसेस चलती रहती है और किसी भी चीज को लेकर वह बहुत ज्यादा सोचता है। इसके विपरीत जिस व्यक्ति में डिप्रेशन की प्रॉब्लम होती है, वो कुछ थिंक ही नहीं करता। डिप्रेशन से पीड़ित व्यक्ति का दिमाग पूरी तरह से खाली होता है। उसके मन में किसी भी प्रकार के कोई विचार नहीं आते।

2. डिप्रेशन और एंजायटी में दूसरा बड़ा अंतर यह है कि एंजायटी का शिकार व्यक्ति, सामान्य परिस्थितियों में बिल्कुल नॉर्मल इंसान की तरह रहता है, और जब कोई एब्नार्मल स्थिति आती है तो उस घटना को लेकर बहुत घबरा जाता है। जबकि जिस व्यक्ति को डिप्रेशन की प्रॉब्लम होती है, वह दीन-दुनिया से परे हर समय उदास और दुखी नजर आता है। उसे किसी सुख या दुख से मतलब नहीं होता है। किसी खुशी या गम के मौके का उस पर असर नहीं होता है। वो पूरे टाइम बस उदास ही रहता है।

3. डिप्रेशन और एंजायटी का एक खास बड़ा अंतर यह है कि एंजायटी से पीड़ित व्यक्ति हमेशा खुद को सबसे इंपॉर्टेंट समझता है। उसे लगता है कि उसके बगैर घर या ऑफिस का कोई काम नहीं हो सकता। ऐसे व्यक्ति को घर और परिवार की चिंता हमेशा सताए रहती है। इसके साथ ही उसे इस बात की भी चिंता रहती है कि कोई इंसान उसे गलत ना समझ ले। इसके विपरीत जिस व्यक्ति को डिप्रेशन की प्रॉब्लम होती है, वो खुद को बहुत ही यूजलेस समझता है। उसे लगता है कि वह किसी काम का नहीं है और किसी को उसकी जरूरत नहीं है।

आशा करते हैं कि ऊपर दिए गए लक्षणों के माध्यम से आप डिप्रेशन और एंजाइटी के बीच के अंतर को भली-भांति समझ गए होंगे।

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