Site icon चेतना मंच

Health : डॉक्टर की सलाह के बिना न लें एंटीबायोटिक दवा

Dr. Ritika, Microbiologist, Felix Hospital

Dr. Ritika, Microbiologist, Felix Hospital

Health :  नोएडा । बदलते मौसम में अधिकतर लोग बीमार पड़ रहे है। सर्दी, जुकाम, बुखार, डेंगू मलेरिया समेत कई तरह के मरीज अस्पताल पहुंच रहे है। ऐसे में कई लोग बिना डॉक्टर के सलाह के मेडिकल स्टोरों और झोलाछाप से लगातार एंटीबायोटिक और पैरासिटामोल का प्रयोग कर रहे है, जिसकी वजह से लीवर और फेफड़ों में खराबी आ रही है।

फेलिक्स हॉस्पिटल की माइक्रोबॉयोलॉजिस्ट डॉ रितिका ने बताया कि डॉक्टर की सलाह के बिना एंटीबायोटिक (एंटीमाइक्रोबियल) का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए। दवा जितने दिन के लिए और जितनी मात्रा में लिखी है उसका कोर्स पूरा करें। दवा का प्रयोग करने के बाद बेहतर महसूस कर रहें है तो भी कोर्स पूरा करें, क्योंकि दवा लेने से प्रारंभिक स्तर पर हमारे शरीर में आराम तो आ जाता है लेकिन संक्रमण पैदा करने वाले सूक्ष्मजीव पूरी तरह से खत्म नहीं होते हैं।

Advertising
Ads by Digiday

कोर्स बीच में छोडऩे से यह सूक्ष्मजीव धीरे धीरे उस दवा के प्रति प्रतिरोध क्षमता हासिल कर लेते हैं और अगली बार जब हम बीमार होते हैं तो वह दवा पूरी तरह असरदार नहीं होती है। वर्ल्ड एंटीमाइक्रोबियल अवेयरनेस वीक (18 से 24 नवंबर) तक मनाया जा रहा है।
वीक के दौरान रोगाणुरोधी प्रतिरोध के प्रति आमजन को जागरूक करने के लिए विभिन्न जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं।
एंटीमाइक्रोबियल रेसिसटेंस या रोगाणुरोधी प्रतिरोध एक ऐसी स्थिति है, जिसमें रोग पैदा करने वाले रोगाणु, जैसे- बैक्टीरिया, वायरस, फंजाई तथा पैरासाइट्स दवाओं के प्रति प्रतिरोधी हो जाते हैं। आम बोलचाल की भाषा में किसी सूक्ष्मजीव वायरस, बैक्टीरिया आदि के संक्रमण के इलाज के लिए प्रयुक्त होने वाली दवा के प्रति उस सूक्ष्मजीव द्वारा प्रतिरोध क्षमता हासिल कर लेना ही एंटीमाइक्रोबियल रेसिसटेंस है। इसके परिणामस्वरूप मानक उपचार अप्रभावी या कम असरदार रहते हैं और इससे बीमारी के फैलने तथा मृत्यु की संभावना रहती है।

दवाओं के कम प्रभावी रहने से यह संक्रमण शरीर में बना रह जाता है और दूसरों में फैलने का खतरा बरकरार रहता है। इससे इलाज की लागत बढ़ती है तथा मृत्युदर में इजाफा होने की संभावना बनी रहती है। विश्व स्वास्थ्य संगठन ने एंटीमाइक्रोबियल रेसिसटेंस को वैश्विक स्वास्थ्य के लिए शीर्ष 10 खतरों में से एक के रूप में पहचाना है। ग्लोबल एंटीमाइक्रोबियल रेसिसटेंस सर्विलांस सिस्टम के डाटा के अनुसार महत्त्वपूर्ण एंटीमाइक्रोबियल के प्रति प्रतिरोध क्षमता में वैश्विक स्तर पर इजाफा हो रहा है।

एंटीबायोटिक्स लेते वक्त इन 5 बातों को न भूलें
-इसे हर बीमारी और तकलीफ में यूज न करें
-इन्फेक्शन कैसा है, यह जानना जरूरी है
-डोज और ड्यूरेशन तय होना चाहिए
-एक बार एंटीबायोटिक्स ली है, तो उसका कोर्स पूरा करें
-किडनी और लिवर से जुड़ी कोई प्रॉब्लम है, तो इसे लेने से पहले डॉक्टर की सलाह जरूर लें

बिना जरूरत एंटीबायोटिक लेने के बाद लक्षण
-उल्टी महसूस होना या चक्कर आना
-डायरिया या पेटदर्द
-एलर्जिक रिएक्शन
-वेजाइनल यीस्ट इंफेक्शन

Exit mobile version