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Health News : गुड हेल्थ टिप्स : सेहत का खजाना है चना, रोज भीगे हुए चने खायें, घोड़े जैसी ताकत पाएं

Good Health Tips: Chana is the treasure of health, eat soaked gram daily, get strength like a horse

– अंजना भागी

नई दिल्ली/नोएडा। शायद ही दुनिया में कोई ऐसा प्राणी हो, जो अच्छी सेहत यानि ‘गुड हेल्थ’ न चाहता हो। यह अलग बात है कि उत्तम सेहत पाने के लिए हम प्रयास नहीं करना चाहते। चलिये मैं आज आपको बताती हूं बिना कोई खास प्रयास किए अति उत्तम सेहत बनाने का एक आसान सा नुस्खा।

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यह नुस्खा जुड़ा हुआ है, आपके खान पान की आदतों से आप सब जानते हैं कि आज ताजे शुद्ध भोजन का स्थान इंस्टेंट फूड लेता जा रहा है। हर मार्केट में सबसे ज्यादा चलने वाली दुकानें हैं, 10 मिनट में तैयार भोजन की दुकानें। इन दुकानों से जो हम फूड खाते हैं, वो एनर्जी भी इंस्टेंट ही देते हैं। शरीर भी उतना ही चलता है। जब दाल नहीं गलती तो आज का युवा एनेरजाइज्ड रहने के लिए ढूंढता है दारू की दुकान। दुर्भाग्य से वो भी हर जगह ही उपलब्ध है। जब मां-बाप द्वारा पोषित खूबसूरत शरीर बिगड़ने लगता है, तब याद आता है जिम। किन्तु, एक्सर्साइज करने के लिए भी शरीर मांगता है ताकत युक्त भोजन। ऐसे में आप ये सलाह जरूर अपनाएं और हर उम्र में अच्छा स्वास्थ्य पाएं। काले चने भिगोकर खाएं और खूब सेहत बनाएं। सिर्फ 100 ग्राम भीगा चना यदि आप हर रोज खा लेते हैं तो आपके शरीर में पैदा होने वाले एलडीएल कॉलेस्ट्रोल तथा टोटल कोलेस्ट्रॉल ट्राइग्लीसराइड की समस्या से आप बचे रह सकते हैं। विटमिन्स और मिनरल से भरपूर भोजन है चना।

ज्यादा कठिन नहीं, सिर्फ सोने से पहले धोएं और भिगोयें। हर रोज एक ही स्वाद की चीज खायें, ऐसी सलाह मैं कभी न दूंगी। इसलिए एक व्यक्ति के लिए सिर्फ 100 ग्राम चना ही धोएं और जिस बर्तन में भी भिगोयें, लगभग 150 मिलीलीटर पानी यानि चना पूरी तरह भीग जाये और पानी भी न बचे। सोने से पहले इस बर्तन में चम्मच डाल थोड़ा सा चला दें, ताकि आखिरी दाने तक भरपूर पानी पहुंच जाये। सुबह का पहला नाश्ता ये भीगे हुए चने ही हों। यदि आपको चने खाली सोकड पसंद नहीं, तो प्रेशर कुकर में सिर्फ प्रेशर बनते ही गैस बंद कर खोलें नहीं। 15 मिनट बाद चना खाने के लिए तैयार भीगे चने में पाया जाने वाला कार्बोहाइड्रेट धीरे- धीरे पचता है। इससे ब्लड शुगर लेवल कम होता है जोकि इंसुलिन के प्रतिरोध में योगदान देता है। यानि हमारा टाइप 2 मधुमेह होने का रिस्क कम होता है।

चने यानि बीज इनको भिगो देने से इनके मिनिरल्स, फाइबर एक्टिवेट हो जाते हैं, जिससे ये अधिक लाभदायक हो जाता है। चने में ग्लाइसेमिक इंडेक्स (पोषक तत्व) भी पाया जाता है, जो भूख को कम करता है, जिसके कारण वजन घटाने के शौकीन इसको खाना पसंद करते हैं। यानि कम खाकर पेट अधिक भरता है। फाइबर पेट में भरपूर होने से बहुत समय तक भूख नहीं लगती और जब ये बाहर आता है तो अंताड़ियों में जो कुछ भी जमा हो साथ ले आता है। यानि हमारी पाचन शक्ति को अच्छा करता है।

भीगे चने में ब्यूटेरिक फैट्टी एसिड पाया जाता है, जो मुख्य रूप से कैंसर को जन्म देने वाली कोशिकाओं को खत्म करने में मदद करता है। भीगे चने में बीटा केरोटिन पाया जाता है, जो हमारी आंखों की कोशिकाओं को मजबूत करता है, यानि आंखों की रोशनी भी बढ़ाता है। चना प्रोटीन और आयरन से भरपूर होता है। गर्भवती तथा बच्चे को दूध पिलाने वाली माताओं के लिए तो ये बहुत ही गुणकारी है। गर्भवती महिलाओं की पीठ में कभी कभी दर्द होता है और सफेद स्राव भी होता है, ऐसे में चना बिना दवा बहुत ही उत्तम उपाय है, पर गर्भवती महिलाएं ज्यादा न खाएं, मात्रा का ध्यान रखें। बढ़ते बच्चे को पूरा प्रोटीन मिलता है तथा मां ऊर्जावान रहती है। बच्चों को दूध पिलाने वाली माताओं के लिए तो चना अमृत समान है। बच्चे की ग्रोथ अच्छी होती है। मां के चेहरे पर झाइयां धब्बे नहीं पड़ते हैं, क्योंकि आयरन, प्रोटीन तथा फाइबर का खजाना है भीगा चना, हिमोग्लोबिन का मुख्य स्रोत है। हिमोग्लोबिन हमारे खून में ऑक्सीजन एब्जार्ब करने की क्षमता बढ़ाता है। चने में विटामिन ए, बी और ई भी अच्छी मात्रा में पाया जाता है, इसलिए ये हमारे घने, लंबे मजबूत बालों का भी स्रोत है।

उदाहरण प्रत्यक्ष है, चना ही घोड़े का मुख्य भोजन है। घोड़ों को न तो कोई स्टीरोइड्स साइकिल करवाता है न प्रोटीन, मासगेनर के महंगे बंद डब्बे खिलाता है। सिर्फ हरी घास और चना खाने में दिया जाता है। इतिहास गवाह है कि हमारे महापुरुषों का भारत के इतिहास में स्वर्णिम अक्षरों में नाम लिखवाने में घोड़ों का भी बहुत बड़ा योगदान रहा है। हां, एक बात और महत्वपूर्ण है कि भीगे चने के इस भोजन को नीरस न बनाएं, बल्कि थोड़ा सा एफर्ट का तड़का भी लगाएं। कभी इसमंे कच्चे प्याज नींबू निचोड़ कर खाएं। कभी केला सेब चाट मसाला। कभी सिर्फ प्रेशर कुकर में प्रेशर बनते ही बंद कर दें। अब चाट मसाला मिलाए। कभी इसे पीस लें, बच्चों को चीले की तरह बनाकर खिलाएं। इसे खाना बच्चों का शौक बनाएं, न कि गुण समझा समझा बच्चों को भीगे चने से ऐलरजिक।

आज बस इतना ही। अपनी सेहत का खूब ध्यान रखें। आगे भी आपको इसी प्रकार के कई अति महत्वपूर्ण नुस्खे बताती रहूंगी।

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