Thursday, 25 April 2024

Health : स्वास्थ्य का रखवाला है ‘आड़ू’!

  विनय संकोची Health: गर्मियों (Summer) में पीले और लाल रंग का सेहत के लिए बेहद फायदेमंद एक विशेष फल…

Health : स्वास्थ्य का रखवाला है ‘आड़ू’!

  विनय संकोची

Health: गर्मियों (Summer) में पीले और लाल रंग का सेहत के लिए बेहद फायदेमंद एक विशेष फल आता है, जिसे आड़ू कहते हैं। आड़ू का वानस्पतिक नाम प्रूनस पार्सिका है और इसे अंग्रेजी में पीच, संस्कृत में पिचुकम, आरुकम, ओड़िया में पिशु, उर्दू में अडूड, गुजराती में आरु, पंजाबी में ओर आदि नामों से जाना जाता है। आयुर्वेद भी आड़ू के गुणों का महत्व स्वीकारता है। आड़ू की उत्पत्ति स्थान चीन है, लेकिन कुछ वैज्ञानिकों का मानना है कि इसका जन्म स्थान ईरान है। आड़ू को सीधे फल के रूप में खाना तो लाभदायक है ही, इसका सलाद में मिलाकर या जैम और जेली के रूप में भी सेवन करना भी स्वास्थ्य के लिए उपयोगी है। कुछ लोग आड़ू को काटकर दही में मिलाकर नाश्ते के रूप में भी खाते हैं। इसे दूध के साथ मिक्सर में पीस कर केले के साथ मिलाकर भी खाया जा सकता है। आड़ू की सॉस और चटनी बनाकर भी इसके गुणों का उपयोग किया जा सकता है।

आड़ू में पाए जाने वाले पोषक तत्वों में शामिल है – प्रोटीन ( Protein), फैट (Fat), कार्बोहाइड्रेट्स(Carbohydrates), डाइटरी फाइबर(Dietary Fiber), शर्करा(Sugar), कैल्शियम(Calcium), आयरन(Iron ), मैग्नीशियम(Magnesium), फॉस्फोरस(Phosphorus), पोटेशियम(Potassium), सोडियम(Sodium), जिंक(Zinc), कॉपर(Copper), सेलेनियम(Selenium), विटामिन सी(Vitamin-C), एस्कोरबिक एसिडAscorbic Acid), थायमिन(Thiamine), राइबोफ्लेविन(Riboflavin), नियासिन(Niacin), फॉलेट(Folate), विटामिन बी6(Vitamin-B6), विटामिन ए(Vitamin-A), विटामिन के(Vitamin-K), फैटी एसिड्स (Fatty acids) (टोटल सैचुरेटेड, टोटल मोनोसैचुरेटेड और टोटल पॉलीअनसैचुरेटेड) ((Total Saturated, Total Monosaturated and Total Polyunsaturated)और यह सभी पोषक तत्व मिलकर आड़ू को स्वास्थ्य के लिए बेहद फायदेमंद फल बनाते हैं।

आइए जानते हो आड़ू के गुण और उपयोग के बारे में जो तमाम तरह की बीमारियों से बचाने का गुण रखता है।

• पथरी की समस्या आम है और आड़ू इस समस्या से छुटकारा दिलाने में सहायक है। आड़ू के सेवन से गुर्दे की पथरी के इलाज में मदद मिलती है। गुर्दे की पथरी के मरीज यदि प्रतिदिन नियम से आड़ू खाएं तो पथरी टूटकर बाहर निकल जाती है।

• पेट अथवा आंत का दर्द दूर करने में भी आड़ू उपयोगी है। 10 से 20 मिलीलीटर आड़ू के रस में 500 मिलीग्राम अजवाइन पाउडर और 125 मिलीग्राम हींग मिलाकर पीने से, न केवल पेट और आंत के दर्द में राहत मिलती है, अपितु पेट के कीड़े भी मर जाते हैं।

• आड़ू में बीटा कैरोटीन पाया जाता है, जो शरीर में विटामिन-ए बनने के लिए जरूरी है और विटामिन-ए रेटीना को स्वस्थ रखने में मदद करता है। इस तरह आड़ू के सेवन से आंखों को स्वस्थ रखा जा सकता है।

• आड़ू में मौजूद विटामिन-सी शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने में सहायता करता है। आड़ू को इम्यूनिटी बूस्टर के रूप में इस्तेमाल किया जा सकता है।

• आड़ू एलर्जी के जोखिम को कम करता है, क्योंकि इससे अच्छे एंटी एलर्जिक गुण पाए जाते हैं।

• आड़ू में मौजूद फ्लेवोनॉयड एंटी एजिंग एजेंट की तरह काम करते हैं। यदि आड़ू का संतुलित मात्रा में नियमित सेवन किया जाए तो बुढ़ापे को जल्दी आने से रोका जा सकता है।

• आड़ू में मौजूद एंटीऑक्सीडेंट तनाव चिंता और अवसाद को कम करने में सहायता कर सकते हैं। आलू के सेवन से चित्त शांत रहता है।

• आड़ू में लिपिड प्रोफाइल में सुधार करने वाले तत्व मौजूद होते हैं, जो हृदय रोग के जोखिम को कम करने का काम करते हैं। आड़ू के सेवन से दिल को सुरक्षित रखा जा सकता है।

• आड़ू में पाया जाने वाला फाइबर हृदय को नुकसान पहुंचाने वाले बैड कोलेस्ट्रॉल (एलडीएल) को कम करने में सहायता कर सकता है।

• आडू कब्ज की शिकायत से छुटकारा दिलाता है, क्योंकि इसमें अच्छी मात्रा में फाइबर होता है।

• आड़ू के सेवन से कैंसर के खतरे को कम किया जा सकता है। आड़ू के छिलके में एंटी कैंसर गुण मौजूद होते हैं, जो कैंसर कोशिकाओं को पनपने से रोकते हैं।

• आड़ू वजन घटाने में भी सहायता करता है। आड़ू में मौजूद पॉलीफेनॉल एंटी ओबेसिटी प्रभाव रखते हैं, जिससे आड़ू के नियमित सेवन से वजन घटाया जा सकता है।

• आड़ू में फाइबर प्रचुर मात्रा में मौजूद रहता है, इसलिए आड़ू लीवर, पेट, किडनी आदि से विषाक्त पदार्थों को निकाल बाहर करने में सहायता कर सकता है।आड़ू गुर्दे की बीमारी को दूर करने और अल्सर को रोकने में मददगार है।

जरूरी बात : आड़ू के अत्यधिक सेवन से सांस लेने और मतली की समस्या उत्पन्न हो सकती है। इसके अलावा ज्यादा आड़ू खाने से पेट दर्द, पेट में मरोड़, उल्टी आदि जैसे लक्षण पैदा हो सकते हैं। कच्चा आड़ू खाने से गले में सूजन, होठों पर लाली, जीभ में सूजन आ सकती है। आड़ू के बीज नहीं खाने चाहिए क्योंकि यह विषाक्त होते हैं और इनमें साइनाइड पाया जाता है।

विशेष : यहां आड़ू के गुण और उपयोग के बारे में सामान्य जानकारी प्रस्तुत की गई है। परंतु सामान्य जानकारी चिकित्सकीय परामर्श का विकल्प कदापि नहीं है। इसलिए हम किसी उपाय / जानकारी की सफलता का दावा नहीं करते हैं। रोग विशेष में उपचार में आड़ू को औषधि रूप में अपनाने से पूर्व योग्य चिकित्सक से परामर्श आवश्यक है।

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