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Health : औषधि है सरसों का तेल!

 विनय संकोची

Health : सरसों का तेल(Mustard Oil)  प्राचीन समय से आयुर्वेद में एक महत्वपूर्ण स्थान रखता है। सरसों के तेल में अनेक गुण हैं, जो स्वास्थ्य और आयु दोनों को बेहतर फायदा पहुंचाते हैं। सरसों का तेल किसी औषधि से कम नहीं है। खाना पकाने के अलावा इसका प्रयोग कई पारंपरिक प्रक्रियाओं में किया जाता है, जैसे पवित्र दीपक जलाना आदि। आमतौर पर लोग इसे सिर्फ तेल समझकर ही इस्तेमाल करते हैं, पर आयुर्वेद में इसे औषधि की श्रेणी में रखा गया है, क्योंकि सरसों का तेल किसी औषधि से कम है ही नहीं। सरसों के तेल का एक और लाभ यह है कि इस तेल को भोजन में इस्तेमाल करने से शरीर की प्रतिरोधक शक्ति मजबूत होती है, जिससे शरीर के अंदर ताकत व मजबूती आती है। इसीलिए दैनिक जीवन में सरसों के तेल का इस्तेमाल करना लाभप्रद है।

• सरसों के तेल में कैंसर को रोकने वाला विशेष तत्व होता है, जो कैंसर के ट्यूमर की गांठ को शरीर में बनने से रोकता है। साथ ही किसी भी तरह के कैंसर को शरीर में पनपने नहीं देता है।

• अस्थमा से परेशान लोगों को सरसों का तेल खाने में जरूर इस्तेमाल करना चाहिए। सरसों के तेल का नियमित उपयोग करने से रक्त वाहिका की अवरुद्धता से होने वाली दिल की बीमारी का खतरा कम होता है।

• सरसों के तेल की मालिश से शरीर में स्फूर्ति आती है शरीर पुष्ट होता है। मांसपेशियां मजबूत बनती हैं, थकान दूर होती है, बुढ़ापे के लक्षण मिटते हैं तथा त्वचा झुर्रियों रहित कोमल कांति पूर्ण बनती है।

• दर्द चाहे जोड़ों का हो या फिर गठिया का सरसों के तेल से मालिश करने से सभी तरह के दर्द में राहत मिलती है। सर्दियों में ठंड की वजह से होने वाले जोड़ों के दर्द में सरसों के तेल को गुनगुना करके मालिश करने से दर्द में आराम मिलता है।

• यदि सरसों के तेल का नियमित रूप से सेवन किया जाए तो यह माइग्रेन के दर्द से राहत देने में बहुत महत्वपूर्ण साबित होता है। माना जाता है कि यह उन पाचक रसों की भी पूर्ति करता है जो उचित पाचन में सहायक होते हैं। जो लोग खांसी जुकाम तथा में साइनसाइटिस से पीड़ित होते हैं, उनमें सरसों का तेल बहुत ही लाभदायक और आरामदायक प्रभाव छोड़ता है।

• जो लोग वजन बढ़ने की समस्या से परेशान हैं, वे सरसों के तेल का फायदा उठा सकते हैं। सरसों के तेल में मौजूद विटामिन जैसे
थियामाइन फॉलेट व नियासिन शरीर के रसायन-तंत्र को बढ़ाते हैं, जिससे वजन आसानी से कम होने लगता है।

• नवजात शिशु, प्रसूता दोनों का शरीर सरसों के तेल की मालिश से बलवान बनता है। यह शरीर के रोम छिद्रों द्वारा सारे शरीर में पहुंचकर शरीर का पोषण करता है तथा शक्ति प्रदान करता है। सर्दियों में सरसों के तेल की मालिश करके नहाने से शरीर पर ठंड का असर नहीं होता।

• बालों के विकास के लिए सरसों का तेल उत्प्रेरक के रूप में काम करता है। इसमें मौजूद विटामिन इस बात को सुनिश्चित करते हैं कि बालों का विकास तेजी से और स्वास्थ्यवर्धक ढंग से हो तथा बाल गिरें नहीं। सरसों के तेल से बालों की मालिश एक सुरक्षित तथा प्राकृतिक कंडीशनर के तौर पर काम करती है और इससे बाल चमकदार रेशमी और मुलायम बनते हैं।

• कानों में सरसों का तेल डालने से कान दर्द, बहरापन जैसे कान के रोग ठीक होते हैं। इससे कान का मैल फूलकर बाहर निकल आता है। कान में दर्द हो या कीड़ा घुस जाए, तो सरसों के तेल में तीन-चार कलियां लहसुन की डालकर गर्म करके गुनगुना रहने पर एक दो बूंद कान में डालने से कीड़ा मर कर तेल के साथ बाहर आ जाता है।

• बेसन, हल्दी, जरा सा पिसा हुआ कपूर तथा सरसों का तेल का दही या पानी के साथ घोल बनाकर इस उबटन को चेहरे व शरीर पर लगाने से रंग साफ होता है तथा त्वचा में चमक आती है। सरसों के तेल में उच्च मात्रा में विटामिन-इ पाया जाता है, जो सूरज की तेज रोशनी से चेहरे का बचाव करता है। कहा जाता है कि सरसों के तेल से त्वचा का रंग सांवला होता है लेकिन असलियत ठीक इसके विपरीत है। सही मात्रा में नारियल का तेल और सरसों का तेल का मिश्रण बनाकर चेहरे पर लगाने से निखार आता है, साथ ही मुहासे भी नहीं होते हैं। सरसों का तेल चेहरे पर लगाने से त्वचा की नमी भी बनी रहती है।

• सरसों के तेल में सेंधा नमक मिलाकर गुनगुना करके छाती पर मालिश करने से खांसी में आराम मिलता है, व कफ भी आसानी से निकल जाता है।

यहां सरसों के तेल के गुणों के बारे में संक्षिप्त और सामान्य जानकारी दी गई है।

विभिन्न रोगों के उपचार में सरसों के तेल के औषधीय गुणों का उपयोग योग्य चिकित्सक के परामर्श के बिना करना उचित नहीं होगा।

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