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Health Update : हार्ट अटैक से अधिक खतरनाक है कार्डियक अरेस्ट, बच्चों में बढ़ रहा है इसका जोखिम

Noida News:

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सैय्यद अबू साद

Health Update : हाल के दिनों में युवाओं में कार्डियक अरेस्ट के कई मामले सामने आए तो लोग हैरान रह गए लेकिन अब स्कूली बच्चों में भी कार्डियक अरेस्ट के मामले आ रहे हैं। पिछले दिनों नोएडा के एक स्कूल में 8वीं क्लास का छात्र खेलते हुए अचानक बेहोश हो गया। अस्पताल पहुंचने से पहले ही उसकी मौत हो गई। बताया जा रहा है कि ऐसा कार्डियक अरेस्ट की वजह से हुआ है। ये कोई पहला मामला नहीं है। पिछले कुछ महीनो में हार्ट अटैक से कई स्कूली बच्चों की जान गई हैं। कार्डियक अरेस्ट, हृदय रोगों से संबंधित गंभीर और जानलेवा स्थिति मानी जाती है जिसके कारण हर साल लाखों लोगों की मौत हो जाती है। आमतौर पर हृदय रोगों और इससे संबंधित जटिलताओं को उम्र बढ़ने के साथ होने वाली दिक्कतों के तौर पर जाना जाता रहा है पर क्या आप जानते हैं कि बच्चे भी इसके शिकार हो सकते हैं?

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एक हालिया रिपोर्ट में शोधकर्ताओं ने बताया कि 5 साल की उम्र के बच्चों में भी कार्डियक अरेस्ट जैसी गंभीर समस्या देखी गई है, जो हृदय रोगों को लेकर सभी लोगों को अलर्ट करती है। डॉक्टर्स कहते हैं, अक्सर लोग कार्डियक अरेस्ट और हार्ट अटैक में फर्क नहीं कर पाते हैं जबकि दोनों अलग स्थितियां है। हार्ट अटैक में आपके दिल तक खून का संचार कम हो जाता है लेकिन कार्डिएक अरेस्ट में दिल अचानक काम करना ही बंद कर देता है। इसके वयस्कों और बुजुर्गों में कई कारण देखे गए हैं, पर ये बच्चों को कैसे और क्यों हो रहा है, आइए इस बारे में समझते हैं।

बच्चों में कार्डियक अरेस्ट का खतरा
हृदय रोग विशेषज्ञ कहते हैं, हृदय की बीमारियों का सबसे बड़ा कारण मोटापा है। बच्चों की शारीरिक गतिविधि कम होती जा रही है वहीं फास्ट-जंक फूड खाने की आदत ने इस जोखिम को काफी बढ़ा दिया है। इतना ही नहीं लंबे समय तक मोबाइल, लैपटॉप या टीवी से लगे रहने के कारण भी यह समस्या हो रही है। बच्चों में हृदय रोगों का बढ़ना भविष्य के लिए गंभीर सूचक है। हमें अलर्ट रहने की जरूरत है क्योंकि खराब लाइफस्टाइल वयस्कों के लिए ही नहीं बच्चों के हृदय के लिए भी काफी जोखिमों का कारण हो सकती है।

कार्डियक अरेस्ट के लक्षण
कार्डियक अरेस्ट के लक्षण पहले दिखाई नहीं देते हैं। कार्डिएक अरेस्ट चूंकि अचानक आता है और हार्ट अटैक की तुलना में इसमें रोगी की जान जाने का खतरा भी अधिक हो सकता है। रोगी के दिल की धड़कन अचानक बहुत तेज हो जाती है और वह सामान्य रूप से सांस नहीं ले पाता है। पल्स और ब्लड प्रेशर रुक जाता है। ऐसे में दिमाग और शरीर के अन्य हिस्सों में खून नहीं पहुंच पाता है, यह सभी चीजें काफी तेजी से हो रही होती हैं। यही कारण है कि कार्डियक अरेस्ट को ज्यादा खतरनाक माना जाता है।

बच्चों में क्यों हो रहा कार्डियक अरेस्ट
बच्चों में कार्डियक अरेस्ट की मुख्य वजह वेंट्रिकुलर फाइब्रिलेशन के कारण इलेक्ट्रिकल हार्ट फंक्शन में होने वाली समस्या है। वेंट्रिकुलर फाइब्रिलेशन का मतलब है कि हृदय के वेंट्रिकुलर तेजी से और अनियमित पैटर्न में धड़कने लगते हैं। आमतौर यह हृदय से संबंधित जन्मजात समस्याओं के कारण होता है।

बच्चों में कार्डियक अरेस्ट के सामान्य कारण
▪ जन्मजात हृदय की समस्याएं जैसे संरचनात्मक असामान्यताएं या मार्फन सिंड्रोम।
▪ पोस्टऑपरेटिव कार्डियक रिपेयर।
▪ हृदय की मांसपेशियों की संरचना या कामकाज के साथ असामान्यताएं।
▪ लाइफस्टाइल विकार और मोटापे का जोखिम।

बच्चों को हृदय विकारों से कैसे बचाएं
▪ बच्चों को शारीरिक रूप से सक्रिय रहने, खेलों में भाग लेने के लिए प्रोत्साहित करें।
▪ बच्चों में मोटापे के जोखिमों को कम करने के लिए प्रयास करें।
▪ आहार को स्वस्थ और पौष्टिक रखें। जंक-फास्ट फूड्स से दूरी बनाएं।
▪ सुनिश्चित करें कि बच्चे की नियमित स्वास्थ्य जांच हो। इससे दिल की असामान्यता का पता लगाने में आसानी होती है।
▪ सडेन कार्डियक अरेस्ट को रोका नहीं जा सकता है, लेकिन कुछ उपायों को प्रयोग में लाकर इसके जोखिम को जरूर कम कर सकते हैं।

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