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Health : क्यों नहीं कर पातीं हैं महिलायें कंसीव

Uttar Pradesh News

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निकिता चौहान

मां बनने का सुख हर लड़की प्राप्त करना चाहती है। ये एक ऐसा अनुभव है जिसे हर लड़की महसूस करना चाहती है।

वह भी यही सोचती है कि वे अपने बच्चे को अच्छी परवरिश दे, पर हर लड़की का यह सपना पूरा नहीं हो पाता। क्योंकि कुछ शारीरिक और अन्‍य कारणों के कारण कई महिलाएं मातृत्‍व सुख का अहसास नहीं ले पाती। क्या आप भी इसी परिस्थिति से गुजर रहीं हैं? क्‍या आप भी कंसीव नहीं कर पा रहीं हैं ? तो आपको कुछ बातों का ध्यान रखना होगा। आईये जानते हैं डॉ. एकता बजाज गयनेकोलॉजिस्ट (उजाला सिग्नस हॉस्पिटल) से…..

कंसीव न कर पाने के कारण
महिलायों के कारण
पीरियड्स का रेगुलर न होना।
PCOD (पीसीओडी में महिला को ओवेल्‍यूशन नहीं होता है)।
महिला के सेक्‍स हॉर्मोन्‍स असंतुलन होना।
थायराइड की समस्‍या।
फैलोपियन ट्यूब का ब्‍लॉक होना।
पेल्विक इंफ्लेमेटरी डिजीज (यह एक तरह का हार्मोनल डिसऑर्डर होता है जिसमें महिला के गर्भाशय, फैलोपियन ट्यूब व प्रजनन से जुड़े अंगों में सूजन आ जाती है)।
यूट्रस की शेप में गड़बड़ी होना।

पुरुषों के कारण
पुरुषों में इनफर्टिलिटी की समस्‍या महिला के प्रेगनेंट न होने का कारण बन सकती है।
मेल इनफर्टिलिटी जैसे कि स्‍पर्म काउंट का कम होना।
स्‍पर्म क्‍वॉलिटी का सही न होना।
स्‍पर्म मोटिलिटी का कम होना।

कंसीव करने के लिए क्या करें

सबसे पहले उन्‍हें डॉक्‍टर के पास जाना चाहिए। डॉक्‍टर महिला की कंडीशन को देखकर उसे प्री नेटल विटामिंस, बेसिक चेकअप, फोलिक एसिड और विटामिन सी लेने की सलाह लेते हैं।

प्रेग्नेंट होने के लिए जरूरी है कि आप सेहतमंद आहार खाएं और खान पान पर पूरा ध्यान दें। आयरन और केल्शियन की कमी के चलते कंसीव होने के चांस खत्म होते हैं क्योंकि फर्टिलाइजेशन प्रॉपर डाइट से जुड़ा मामला है। महिला खुश रहे और अच्छा खाना खाए तो प्रेग्नेंसी के चांस 30 फीसदी बढ़ जाते हैं।

नियमित तौर पर व्यायाम करें।

बढ़े हुए वजन के दौरान कंसीव करने में काफी परेशानी आती है। इसलिए जल्दी कंसीव करने के लिए वजन पर कंट्रोल करें।

उपचार
सबसे पहले पुरुष का स्‍पर्म एनालिसिस करते हैं यानि कि स्‍पर्म क्‍वॉलिटी चेक करते हैं। भारत में करीब 40% इनफर्टिलिटी का कारण पुरुष होते हैं। इसलिए डॉक्टर सबसे पहले स्‍पर्म क्‍वॉलिटी चेक करने की सलाह देते हैं। इसके बाद महिला के हॉर्मोनल टेस्‍ट होते है, जिसमें FSH (Follicle-Stimulating Hormone), LH, Prolactin Test, थायराइड टेस्‍ट, AMH (Anti-Mullerian Hormone Test) और अल्‍ट्रासाउंड शामिल हैं। अगर महिला की उम्र 35 साल से ज्‍यादा है तो उसे शादी के बाद 6 महीने तक नेचुरल तरह से प्रेगनेंट होने का ट्राई करना चाहिए। अगर न हो तो डॉक्‍टर से मिलना चाहिए।

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