Thursday, 21 November 2024

PCOD कैसे बन रहा हार्ट अटैक का कारण, यहां जानें

Heart Attack : आजकल हार्ट अटैक (Heart Attack) और दिल से संबंधित बीमारियों के खतरे का सिलसिला रफ्तार पकड़ रहा…

PCOD कैसे बन रहा हार्ट अटैक का कारण, यहां जानें

Heart Attack : आजकल हार्ट अटैक (Heart Attack) और दिल से संबंधित बीमारियों के खतरे का सिलसिला रफ्तार पकड़ रहा है। रिपोर्ट्स की मानें तो महिलाओं के मुकाबले पुरुषों को हार्ट अटैक और दिल से संबंधित बीमारियों का खतरा ज्यादा बना रहता है लेकिन रीसेन्ट स्टडी के मुताबिक ऐसे कई कारक हैं, जो महिलाओं में हार्ट अटैक का खतरा बढ़ा रहे हैं। PCOD आजकल महिलाओं में देखी जाने वाली सबसे कॉमन समस्या है। यही वजह है कि आजकल महिलाओं में होने वाली मौतों में से 17 फीसदी मामले हार्ट अटैक से संबंधित पाए जा रहे हैं और ये आंकड़ा तेजी से बढ़ रहा है।

महिलाओं में हार्ट अटैक आने का एक कारण पीसीओडी (PCOD) को भी माना जा रहा है। पीरियड्स की अनियमितता के चलते हार्ट से जुड़ी बीमारियों का खतरा महिलाओं में बढ़ रहा है, जिसमें पीसीओडी, मोटापा और वायु प्रदूषण जैसे कई कारक जिम्मेदार हैं। यही वजह है कि पिछले कुछ समय में महिलाओं में होने वाली हार्ट अटैक से मृत्यु के आंकड़े देखने मिले हैं। अगर आप PCOD के बारे में नहीं जानते हैं तो इस आर्टिकल के जरिए आसानी से जान जाएंगे।

क्या है PCOD?

पीसीओडी का पूरा नाम ‘पॉलिसिस्टिक ओवेरियन डिसीज’ है। पीसीओडी महिलाओं में होने वाला एक हॉर्मोनल विकार है। पीसीओडी के लक्षणों में अनियमित पीरियड्स या पीरियड्स नहीं आना, दर्दभरा व लम्बा मासिक धर्म, चेहरे पर अनचाहे बाल, मुंहासे, पेल्विक दर्द, प्रेगनेन्सी में कठिनाई होना है। हॉर्मोन असंतुलन होने की वजह ओवरी में छोटे-छोटे सिस्ट बन जाते हैं, जो गांठ के रूप में पहचानी जाती हैं।

पीसीओडी एक हार्मोनल डिजीज है जिसमें कई कारणों के चलते महिलाओं के पीरियड्स अनियमित हो जाते हैं। अनहेल्दी लाइफस्टाइल, बाहर का जंक फूड ज्यादा खाना, कम नींद, स्ट्रेस और मोटापा ये सभी महिलाओं में पीसीओडी को आमंत्रित करने के मुख्य कारण बताए गए हैं। जिनकी वजह से पीसीओडी की समस्या होती है। यही वजहें आगे चलकर हार्ट अटैक को बुलावा देने का कारण बनती हैं।इन सभी वजहों से बैड कॉलेस्ट्रोल का स्तर भी बढ़ता है, जो कि हार्ट अटैक का मुख्य कारण बनता है। पीसीओडी आजकल महिलाओं में देखी जाने वाली सबसे कॉमन समस्या बनकर उभर रही है जिसमें वजन बढ़ना, इंसुलिन रेजिस्टेंस, प्री-डायबिटीज से लेकर डायबिटीज की स्थिति, एंड्रोजन का ज्यादा होना जैसे लक्षण काफी आम हैं। साथ ही एक्सपर्ट्स का यह मानना है कि पीसीओडी में रक्त वाहिकाओं (नसों) और हृदय पर बहुत बुरा असर पड़ता है।

एक्सपर्ट्स का क्या है कहना?

‘ग्लोबल बर्डन ऑफ डिजीज स्टडी’ के अनुसार, हार्ट अटैक और दिल से जुड़ी बीमारियां भारतीय महिलाओं में मौत की एक बड़ी वजह हैं जिसमें 17 प्रतिशत से ज्यादा मौतें हार्ट अटैक की वजह से होती हैं। सीनियर कार्डियोलॉजिस्ट डॉक्टर वरूण बंसल बताते हैं कि पहले ये समझा जाता था कि जो प्रेमेनोपजल वुमेन है जिनमें ओवरी से एस्ट्रोजन हार्मोन निकल रहा है वो कार्डियोवैस्कुलर डिजीज से सुरक्षित रहती थी लेकिन अब रिस्क फैक्टर्स दिन पर दिन बदलते जा रहे हैं क्योंकि महिलाओं में मोटापे की समस्या बढ़ गई है।

खुद का ऐसे रखें ख्याल

PCOD के मामले ज्यादा बढ़ गए हैं और साथ ही वायु प्रदूषण के चलते ऐसी स्थिति बन गई है कि फेफड़े ऐसा महसूस करते है जैसे कि वो एक्टिव या पैसिव स्मोकिंग कर रहे हों। इस आर्टिकल में ऊपर दिए गए फैक्टर्स के चलते युवा महिलाएं हॉस्पिटल्स में ज्यादा नजर आ रही हैं। फिलहाल पीसीओडी का उपचार नहीं है। इस बीमारी से खुद को बचाए रखने के लिए अपना बेहद ध्यान रखें व रोजाना एक्सरसाइज करें, स्ट्रेस को मैनेज करने के लिए योगा या मेडिटेशन करें, रोज 7-8 घंटे की अच्छी नींद लें, अपने वजन को कंट्रोल में रखें साथ ही स्मोकिंग और ड्रिंकिंग ना करें। ऐसा करने से आप इस बिमारी से होने वाले खतरे को खुद से दूर भी रख पाएंगे और हार्ट से जुड़ी हुई बीमारियों का खतरा भी कम कर पाएंगे।

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