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Heat Wave : हाथों में छाले कहीं सन पॉइजनिंग तो नहीं, धूप से दूरी भली

Heat Wave: Blisters in hands are not sun poisoning, distance from sunlight is good

Heat Wave: Blisters in hands are not sun poisoning, distance from sunlight is good

Heat Wave :

 

सैय्यद अबू साद

Heat Wave :  जून की तेज धूप के कारण न सिर्फ हीट स्ट्रोक का खतरा रहता है, साथ ही त्वचा में टैनिंग और सनबर्न की समस्या भी काफी आम होती है, लेकिन क्या आप जानते हैं कि तेज धूप के संपर्क में आने से आपको सन पॉइजनिंग भी हो सकती है। कुछ लोगों को लगता है कि सनबर्न और सन प्वाइजनिंग दोनों एक ही है, लेकिन आपको बता दें कि सनबर्न की तुलना में सन प्वाइजनिंग काफी खतरनाक होता है। सन प्वाइजनिंग एक तरह से सनबर्न का ही घातक रूप होता है। यह तब होता है जब आप लंबे समय तक सूर्य से निकलने वाली पराबैंगनी (यूवी) किरणों के संपर्क में रहते हैं। आपकी त्वचा कितनी सेंसिटिव है, इसपर भी सन पॉइजनिंग का जोखिम काफी हद तक निर्भर करता है। इसे ठीक करने के लिए मेडिकल ट्रीटमेंट लेना पड़ता है।

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सन प्वाइजनिंग के लक्षण
यूवी किरणों के संपर्क में आने के 6 से 12 घंटे के भीतर सनबर्न के लक्षण दिखाई दे सकते हैं। इसमें आपको लालिमा, दर्द और सूजन का अनुभव हो सकता है। ये बढ़ जाता है, तो सन प्वाइनिंग बन जाता है। यदि सन प्वाइजनिंग ज्यादा बढ़ जाता है तो इसमें से मवाद या पानी निकलने लगता है। कुछ दिनों में इस में दर्द और सूजन शुरू हो जाता है। सन पॉइजनिंग जब शरीर से इलेक्ट्रोलाइट्स को निकाल देता है तो आपके अंदर गंभीर लक्षण नजर आने लगते हैं। आपको मतली महसूस होगा, उलझन बढ़ेगी तेज ठंड लगेगी औऱ मांसपेशियों में ऐंठन की समस्या देखने को मिल सकती है।

▪ त्वचा लाल होना और दर्द होना
▪ फफोले या त्वचा पर दाने होना
▪ त्वचा पर पपड़ी और फफोले पड़ना
▪ सिर दर्द होना या चक्कर आना
▪ डिहाइड्रेशन होना
▪ उलझन महसूस होना
▪ मतली या उल्टी
▪ बेहोशी आना
▪ बुखार (और कभी-कभी ठंड लगना)

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सन प्वाइजनिंग से बचाव
सन पॉइजनिंग के अधिकतर मामलों में डॉक्टर ठंडे पानी से नहाने या कोल्ड कंप्रेस की सलाह देते हैं। त्वचा पर लोशन लगाने से नमी बनाए रखने में मदद मिल सकती है। इसके अलावा, तरल पदार्थ पीने से शुष्क त्वचा और खोई हुई नमी को कंट्रोल किया जा सकता है। इन उपायों से समस्या काफी हद तक कंट्रोल हो जाती है। वहीं यदि आपको डिहाइड्रेशन है तो आईवी फ्ल्यूड, ब्लिस्टरिंग सनबर्न के लिए स्टेरॉयड क्रीम और कुछ एंटीबायोटिक्स भी दी जा सकती है।
▪ सनस्क्रीन का प्रयोग करें और एसपीएफ 30 से ऊपर वाले सनस्क्रीन लोशन का इस्तेमाल करें
▪ बाहर निकलने से करीब आधा घंटा पहले सनस्क्रीन का इस्तेमाल करें
▪ त्वचा को पूरी तरह से कवर करके ही घर से बाहर निकले
▪ बाहर निकलते वक्त कॉटन के कपड़े पहने और टाइट कपड़े पहनने से बचें
▪ धूप का चश्मा, सिर को कैप या कपड़े से कवर करें
▪ सुबह 11 बजे से शाम 5 बजे के बीच धूप में न जाएं
▪ खुद को ज्यादा से ज्यादा हाइड्रेट रखने की कोशिश करें
▪ अगर बहुत ज्यादा पसीना आता है तो हर 2 घंटे पर सनस्क्रीन जरूर लगाएं
▪ तरल पदार्थों-पानी का सेवन करते रहें

धूप के संपर्क में न आए त्वचा
स्वास्थ्य विशेषज्ञ कहते हैं कि सन पॉइजनिंग असल में कोई विषाक्तता नहीं है। यह एक टर्म है जिसे सनबर्न के गंभीर मामले के लिए इस्तेमाल किया जाता है। इस समस्या को पॉलीमोरफिक लाइट इरप्शन भी कहा जाता है। इसके कारण आपको त्वचा की समस्याओं के साथ शारीरिक स्वास्थ्य की भी कई दिक्कतें हो सकती हैं। चूंकि इन दिनों तापमान बहुत अधिक है और धूप का ज्यादा जोखिम है, इसलिए अगर आप इससे बचाव नहीं करते हैं तो सन पॉइजनिंग होने का जोखिम हो सकता है। कोशिश करें कि धूप के संपर्क में त्वचा को न आने दे। यदि आपको सन पॉइजनिंग के लक्षण दिखें, तो तुरंत ही त्वचा विशेषज्ञ से संपर्क करना चाहिए। सभी सावधानियां बरतते हुए अच्छे से उसका इलाज करना चाहिए और धूप से बचकर ही रहना चाहिए।

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