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Home Remedies for Jaundice : यदि आपको या आपके किसी परिचित को है पीलिया (Jaundice)  तो करें यह उपाय

Home Remedies for Jaundice: If you or someone you know has Jaundice, then do this remedy

Home Remedies for Jaundice: If you or someone you know has Jaundice, then do this remedy

Home Remedies for Jaundice :  सब जानते हैं कि पीलिया यानि (Jaundice) एक जानलेवा बीमारी है, इस बीमारी से मरीज धीरे-धीरे कमजोर होकर मौत के मुंह तक पहुंच जाता है। आज हम आपको बताते हैं कि पीलिया को ठीक करने वाले कुछ अचूक उपाय यानि Jaundice ये घरेलू उपाय प्रसिद्ध चिकित्सक डा. अजीत मेहता ने हमें बताए हैं।

Home Remedies for Jaundice :

डा. अजीत मेहता के मुताबिक पीपल के पेड़ के तीन-चार नये पत्ते (कोंपले) पानी से साफ करके, मिश्री या चीनी के साथ खरल में खूब घोंटे या सिल पर बारीक पीस लें। एक गिलास (250 ग्राम) पानी में घोलकर किसी स्वच्छ कपड़े से छान लें। यह पीपल के पत्तों का शर्बत पीलियाग्रस्त रोगी को दिन में दो बार पिलाएँ। आवश्यकतानुसार तीन दिन से सात दिन तक दे। पीलिया से छुटकारा मिल जाएगा।
विशेष— यह पीलिया रोग का सरल व सफल इलाज जयपुर के श्री सौभाग्यमलजी बेंगानी द्वारा स्वानुभूत है। उन्होंने लिखा है-‘कुछ साल पहले मुझे पीलिया हुआ था। एलोपैथिक इलाज चालू था परन्तु महीने भर से ठीक होने का नाम न ले रहा था। एक बार पीलिया बिगड़ चुका था और दूसरी बार बिगडऩे (रीलेप्स होने) की संभावना थी। इलाज रोककर मैंने गाँव के किसी अनुभवी व्यक्ति की सलाह पर उपरोक्त पीपल के पत्तों का शरबत बनाकर लिया और सप्ताह भर में बिल्कुल अच्छा हो गया। हाँ, पथ्यापथ्य के पालन पर ध्यान अवश्य रखा। फिर मैंने कई अन्य व्यक्तियों पर वही प्रयोग किया और समान रूप से लाभकारी पाया। एक बार 5-6 दिन के नवजात शिशु के पीलिया में भी पीपल का एक कोमल पत्ता लेकर मिश्री मिलाकर, पीसकर कपड़े से छान लिया और तैयार शर्बत को निप्पल वाली बोतल में भरकर दे दिया। इस प्रकार कुछ ही खुराक से वह बच्चा दो-तीन दिन में ठीक हो गया। हल्का और सुपाच्य भोजन लें और पूर्ण विश्राम करे। स्वच्छ, शीतल, हवादार मकान में रहे। पीलिया में साधारण जुलाब लेकर औषधि सेवन करना अच्छा रहता है, जैसे—त्रिफला पानी।
विकल्प – गुलाबी (अथवा बढिया सफेद फिटकरी) फूली हुई पीसकर 1/8 ग्राम से आधा ग्राम (2 से 4 रत्ती) की मात्रा में गाय की छाछ (या दही) के साथ दिन में तीन बार पिलाने से पीलिया कुछ ही दिनों में ठीक हो जाता है। आवश्यकतानुसार 3 से 7 दिन तक लें। मूली के पत्तों और टहनियों का रस 50 ग्राम में मिश्री मिलाकर प्रात: खाली पेट पीने से सब प्रकार के पीलिया में लाभ होता है। और इससे एक सप्ताह के भीतर पीलिया रोग दूर हो जाता है। 10 ग्राम

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सहायक उपचार— लिव-zw टेबलेट्स (हिमालय ड्रग्स कम्पनी की आयुर्वेदिक पेटेंट औषधि) 2 गोली दिन में तीर बार भोजन के बाद लेने से पीलिया में शीघ्र लाभ होता है। हिमालय ड्रग कम्पनी द्वारा निर्मित LIV-zw Tablets नामक यह प्रसिद्ध आयुर्वेदिक पेटेंट औषधि पीलिया रोग की बेहतरीन दवा है और एलोपैथिक डॉक्टर भी इसे खुलकर प्रयोग करते हैं। औषधि पर्याप्त लम्बे समय तक प्रयोग के पश्चात् भी कोई हानिकारक प्रभाव नहीं दिखाती है।  सवेरे निराहार मुख दो संतरे रोज खाने या संतरे का रस पीने से पाँच-सात दिन में कई बार, रोग समूल नष्ट होते देखा गया है। छाछ एक गिलास में एक चुटकी काली मिर्च मिलाकर लगातार एक सप्ताह तक लें। एक कप पानी में एक चम्मच ग्लूकोज डालकर सुबह दोपहर और रात में पीने से लाभ होता है।  सफेद बोतल में तीन चौथाई पानी भरकर धूप में 6 से 8 घंटे रख देने के बाद ठंडा होने पर ऐसा सूर्य तापित पानी के पीने से पानी के दोष समाप्त हो जाते हैं और पीलिया में यह सफेद बोतल का पानी विशेष लाभप्रद सिद्ध होता है। पोदीने का रस निकालकर सुबह चीनी मिलाकर पीना पीलिया में गुणकारी है। दस दिन लें।

 पीलिया की पहचान और लक्षण
जिस व्यक्ति की आँखें, त्वचा, नख, मुँह आदि हल्दी की तरह पीले हो जाएँ, मूत्र भी पीले रंग का आए, शरीर में शिथिलता और कमजोरी अधिक प्रतीत हो, दाह अन्न से अरुचि आदि से जो विशेषतया पीडि़त हो तो समझ लें कि उसे नीलिया हो गया है। पीलिया में मन्द ज्वर 99 से 100 तक रहता है। नाडी मन्द और क्षीण हो जाती है। यह रोग पित्त की अधिकता से होता है। (बाहरी कारणों में दूषित पानी एवं खाद्य पदार्थों के सेवन से भी होता है) और रोगी के मल का रंग सफेद या पीला होता है। अग्नि मंद हो जाती है। भूख नहीं लगना, मुँह का स्वाद कडुवा या बेस्वाद रहना, मुँह सूखना, मिचली, पेट फूलना, गैस बनना, कई बार शरीर में खुजली होना, हाथ-पैरों का टूटना, ज्वर-भाव के साथ दिन-प्रतिदिन कमजोरी बढ़ती जाती है। जीर्ण पीलिया में चक्कर, भयानक खुजली विशेषकर रात में, सिरदर्द, स्मृतिहीनता, उत्साहनाश, नींद में कमी, पित्त खून में मिलकर रक्त को विषाक्त करना, यकृत और प्लीहा का बढऩा व कड़ा पड़ जाना आदि उल्लेखनीय है।

पीलिया के पथ्य-अपथ्य
परहेज—घी, तेल, हल्दी, लाल मिर्च और गर्म मसालों से बनी चीजें, अचार, सम्पूर्ण खट्टे पदार्थ न खाएँ। थोड़ी मात्रा में गाय का मक्खन लिया जा सकता है। राई, हींग, तिल, गुड़, बेसन, कचालू, अरबी न लें। चने और उड़द की दाल, उड़द और मैदे के भोज्य पदार्थ, केक, तले हुए पदार्थ, पित्त पैदा करने वाली और जलन करने वाली चीजों का सेवन बन्द कर दें। धूप में घूमना, आग के पास बैठना, परिश्रम के काम करना, अधिक पैदल चलना और क्रोध, तनाव, सम्भोग आदि से बचें। धूम्रपान, शराब, मांस, मछली, चाय एवं मादक पदार्थों का सेवन न करें। अशुद्ध पानी और अशुद्ध व बासी खाद्य पदार्थों का प्रयोग न करें।

पथ्य- पीलिया में गन्ने का रस लेना सर्वोत्तम है बशर्ते कि रस अच्छे और साफ गन्ने का स्वच्छता से बनाया हुआ हो। प्रात: गन्ने या नारंगी का रस लिया जा सकता है। संतरे का रस, कच्चे नारियल या डाभ का पानी, जौ का पानी, बेदाना (मीठा अनार) का रस, मूली के पत्तों का रस, फटे दूध का पानी, दही का तोड़, काली मिर्च व जरा नमक मिलाकर पतली छाछ पीना हितकारी है। दूध यदि लें तो दूध में बराबर पानी मिलाकर और कुछ दाने सौंफ के डालकर अथवा 1-2 दाने छोटी पीपर डालकर अथवा एक ग्राम सौंठ का चूर्ण मिलाकर, लोहे की कड़ाही में गर्म किया हुआ दूध अच्छा रहता है। शाक-परवल, चौलाई, कच्ची मूली, घिया (लौकी), तोरई, टिण्डे, पालक, पोदीना, धनिया, आँवला, टमाटर, लहसुन आदि। फल-मीठा अनार (बेदाना) मीठा संतरा, अंगूर (अंगूर के स्थान पर 8-10 मुनक्का दाने या किशमिश 20-25 दानों को चौदह घंटे पानी में भिगोकर प्रात: मुनक्का के बीज निकालकर या किशमिश को खाकर ऊपर से यही बचा हुआ पानी पी लेना चाहिए)। आजकल अंगूर तथा कई फल बहुत ही जहरीले कृमिनाशक घोल में डुबोये जाते हैं। अत: अंगूर आदि इन फलों को स्वच्छ पानी से कम-से-कम तीन बार अच्छी तरह धोने के बाद काम में लाएँ। मौसमी, पपीता, चीकू, खजूर आदि फल भी पथ्य है।  भोजन खाने में पुराने गेहूँ और जौ की रोटी बिना घी की दें। चावल, खिचड़ी न दें। दलिया दे सकते हैं। पीलिया में जौ का सत्तू लेना और ऊपर से गन्ने का रस पीना अधिक लाभदायक रहता है। मूंग की दाल का पानी लें अथवा बिना मसाले की मूँग की दाल में काला नमक व काली मिर्च मिलाकर लें। मूँग, मसूर, अरहर का यूष भी पथ्य है। पीलिया होते ही कम से कम आठ दिन तक खटाई, लाल मिर्च व मसाले वाली चीजें तथा चिकनाई युक्त आहार का त्याग करने से जल्दी लाभ होगा।

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