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Home Remedies : बुढ़ापा रखना है दूर तो अपनायें कुछ ये टिप्स

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Home Remedies :  हमेशा जवां दिखने की हसरत हर इंसान में होती है। हर कोई अपनी उम्र से छोटा दिखना चाहता है। उम्र के साथ त्वचा पर झुर्रियां, दाग-धब्बे व लकीरें आदि निकल आती हैं। बुढ़ापे को दूर रखने में अक्सर कुछ घरेलू उपाय बेहद कारगर साबित होते हैं। बढ़ती उम्र में भी जवां दिखने के कुछ उपाय आपको जवान रखेंगे और बुढ़ापा दूर रहेगा।

बुढ़ापा दूर रखने और यौवन की रक्षा के लिए आंवलों के मौसम में नित्य प्रात: व्यायाम या भ्रमण के बाद दो पके पुष्ट हरे आँवलों को चबाकर खायें और यदि इस प्रकार कच्चा आँवला न खा सकें तो उनका रस दो चम्मच और शहद दो चम्मच मिलाकर पीयें। जब आंवलों का मौसम न रहे तब सूखे आंवलों को कूट-पीसकर कपड़े से छानकर बनाया गया आंवले का चूर्ण तीन ग्राम (एक चम्मच की मात्रा से) सोते समय रात को अन्तिम वस्तु के रूप में शहद में मिलाकर या पानी के संग लें। इस तरह तीन-चार महीनों प्रतिदिन आंवलों का प्रयोग करने से मनुष्य अपनी काया पलट कर सकता है।। निरन्तर प्रतिदिन सेवन करने से भूख और पाचन शक्ति बढ़ जाती है, गहरी नींद आने लगती है, सिरदर्द दूर हो जाता है, मानसिक और मर्दाना शक्ति (Masculine Power) बढ़ती है, दांत मजबूत हो जाते हैं, बाल काले व चमकदार हो जाते हैं, कान्ति, ओज और तेजस्विता की वृद्धि होती है और मनुष्य बुढ़ापे में भी जवान बना रहता है। आँवलोंं में रोग निरोधक गुण होने के कारण स्वत: ही रोगों से बचाव होता है और मनुष्य सदैव निरोग रहकर लम्बी आयु प्राप्त करता है।

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डा. अजीत मेहता (Dr. Ajit Mehta)  के मुताबिक आँवले के प्रयोग के साथ सात्विक भोजन करें। आँवला एक उच्च कोटि का रसायन है। यह रक्त में से हानिकारक और विषैले पदार्थों के निकालने और वृद्ध मनुष्यों को पुन: जवान बनाने में सक्षम है। इसके नियमित सेवन से रक्त वाहिनियाँ लचकीली बनी रहती हैं और उनकी दीवारों की कठोरत दूर होकर रक्त का परिभ्रमण भली-भाँति होने लग जाता है। रक्त वाहिनियों में लचक बनी रहने के कारण मनुष्य का न तो हृदय फेल होता है, न ही उच्च रक्तचाप का रोग होता है और न ही रक्त का थक्का बन जाने से रुकावट के कारण मस्तिष्क की धमनियाँ फटने पाती हैं। आँवलों के निरन्तर सेवन से रस, रक्त, मांस, मेद, अस्थि, मज्जा और शुक्र इन सब धातुओं से मलीन या मृत परमाणु देह के बाहर निकल जाते हैं और उनके स्थान पर नूतन और सबल रक्त परमाणुओं का प्रवेश हो जाता है। रक्त वाहिनियाँ बुढ़ापे में भी लचकीली बनी रहती हैं। चेहरे की झुर्रियाँ दूर हो जाती हैं और मनुष्य वृद्धावस्था में भी नवयुवकों की भाँति चुस्त और ताकतवर बना रहता है।

उपचार : आरोग्य, दीर्घ जीवन तक यौवन बनाये रखने के लिए-दिन में बायीं और रात्रि में दायीं नासिका से श्वास लेने की आदत डालने पर मनुष्य चिरकाल तक युवा बना रह सकता है। इसके लिए रात्रि को बायी करवट सोना चाहिए ताकि दांये नथुने से श्वास लिया जा सके और दिन में आराम और विश्राम करते समय दाहिने करवट सोयें ताकि बायें नथुने से साँस ली जा सके ।

बुढ़ापे पर विजय प्राप्त कर यौवन को स्थायी बनाने के लिए डाल पके पपीते का नियमित सेवन करना चाहिए। पपीता यौवन का टॉनिक है। इसका भरपूर लाभ उठाने के लिए इसे खाली पेट नाश्ते के रूप में उपयोग करना चाहिए। पपीते का फल खाते रहने वाले व्यक्ति को तपेदिक, दमा, आँखों के रोग, अपच, रक्तहीनता आदि रोग नहीं होते। यह आंतों की सफाई करने में बेजोड़ और पाचन संस्थान के रोगों को दूर करने वाला उत्तम फल है ।Home Remedies

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