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Home Remedies : इस नुस्खे को आजमाएं, खाज से छुटकारा पाएं

Home Remedies: Try this recipe, get rid of itching

Home Remedies: Try this recipe, get rid of itching

Home Remedies :  खाज लोगों को कितना परेशान करती है। इस दर्द को सिर्फ भुक्तभोगी ही बयां कर सकता है। खुजलाते-खुजलाते लोग परेशान हो जाते हैं लेकिन खुजली नहीं जाती है। लेकिन यदि खाज हो जाए तो घबड़ाएं नहीं। खाज को दूर करने का हम आपको नायाब नुस्खा बता रहे हैं। यह नुस्खा बताया है प्रसिद्ध चिकित्सक डा. अजीत मेहता ने।

Home Remedies :

100 ग्राम नारियल के तेल में 5 ग्राम देशी कपूर (कपूर डेला) मिलाकर किसी कांच की शीशी में भर लें और कसकर डाट लगा दें। हिलाने अथवा कुछ देर शीशी को धूप लगाने से तेल और कपूर मिलकर एकरस होकर घुल जायेंगे। रोजाना स्नान से पहले इस तेल की मालिश करने से सारे शरीर में उठने वाली सूखी खुजली में आराम होता है। दाद आदि चर्म विकार भी दूर होते हैं। सारे बदन पर खाज होने पर इस कपूर के तेल की 10 बूँदें बाल्टी भर पानी में डालकर नहाने से भी वह शांत हो जाती है।

विशेष : दाद विशेषकर (जिसमें फुन्सी की तरह दाना निकलकर जलन और खुजली के साथ पानी भी निकलता हो) में इस तेल को रात सोते समय दाद के स्थान पर लगायें। पट्टी की आवश्यकता नहीं है। सप्ताह अथवा कुछ दिनों में घाव भर जायेगा और पहले सफेद खाल आयेगी। सफेद खाल आने पर अकेला नारियल का तेल लगाएँ। प्राय: एक मास में त्वचा अपने असली रंग में आ जाती है। यदि अंगुलियों के अग्रिम पोरों में या नाखूनों के आसपास कपड़ा धोने से (साबुन के दुष्प्रभाव से) सूजन, दर्द हो या पपड़ी जम जाती हो तो कपड़ा धोने के बाद इस घोल को लगाते रहने से अंगुलियाँ और नाखून ठीक रहते हैं।

सहायक उपचार : साथ ही त्रिफला चूर्ण चार ग्राम ( एक चम्मच भर) निरन्तर सोते समय पानी के साथ सेवन करते रहें जब तक कि खुजली को आराम न हो जाये। इससे खुजली समाप्त हो जाती है। तेल, मिर्च, खटाई का परहेज सेवन काल में करे तो शीघ्र और स्थायी लाभ होगा। त्रिफला चूर्ण के सेवन के साथ त्रिफला जल (25 ग्राम त्रिफला चूर्ण 500 ग्राम जल में 12 घंटे भिगोकर) से खाज-खुजली ग्रस्त अंगों को दिन में एक बार धोते रहने से आँखों, सिर व गुर्दा की खुजली और बवासीर में लाभ होता है और चर्म रोग दूर होते हैं। काली मिर्च का चूर्ण एक ग्राम, गाय का घी दस ग्राम के साथ लेने से सब प्रकार की खुजली, दाद एवं विष का प्रभाव दूर होता है। नित्य प्राय: खाली पेट इक्कीस दिन तक लें। इसे लेने बाद दो घंटे तक कुछ न खाएँ। चने के आटे की रोटी बिना नमक की दो मास तक खाने से खुजली और दाद दोनों दूर हो जाते हैं।

विकल्प : नीम की 21 कोपले साफ कर लें। जाला, मिट्टी न होनी विकल्प- चाहिए। 11 काली मिर्च भी मिला लें। 60 ग्राम पानी में घोंटकर सुबह-शाम सात दिन पीने से खून साफ हो जाता है और खुजली नहीं रहती। बालकों को अवस्थानुसार, 7,11 कोपले 10, 20, 30 ग्राम पानी में घोटकर पिलाएँ। साथ ही फुन्सी पर नीम की छाल को अन्दर की तरफ से चन्दन की तरह पानी में घिसकर लगायें। इसके साथ नीम के पत्ते (साफ कर) उबले पानी से स्नान करे।

नीम के पत्ते 50 ग्राम को गाय का घी 500 ग्राम में डालकर आग पर चढ़ा दें और इतना पकाएँ कि पत्ते बिल्कुल काले हो जाएँ। फिर आग से उतार कर दोनों को घोट-पीसकर मरहम-सा बना लें। पुराने से पुराने और किसी औषधि से ठीक न होने वाले घावों पर इसे नित्य दो बार लगाने से शीघ्र ही ठीक हो जाते हैं। असाध्य दुम्बल भी इससे ठीक हो जाता है। सहस्रश: अनुभूत है।
सहायक उपचार : घाव धोने के लिए उत्तम नीम का पानी – नीम के पत्ते 100 ग्राम (दो मु_ी) को 600 ग्राम पानी में पाँच से पन्द्रह मिनट उबालें। गुनगुना रहने पर कपड़े से छान लें। रुई को इस पानी में भिगोकर घाव धोएँ, घाव भर जायेगा। उपरोक्त मरहम लगाने से पहले इस नीम के पानी से घाव धो लेना उत्तम रहेगा। इस नीम के पानी को ठण्डा होने पर इससे सिर धोएँ तो सिर की फोड़े-फुन्सियाँ ठीक हो जाएंगी। साथ ही गंजापन भी दूर होगा ।

नीम के पानी से करे जो स्नान
खाज खुजली जो दूषित खून
मिट जाये सब, निश्चित जान।
इस नीम के पानी से बगल को धोते रहने से एक सप्ताह में बगलगन्ध दूर हो जाती है।

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