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फिजिकल एक्टिविटी को लेकर काफी आलसी है भारतीय, जानें रिपोर्ट क्या कहता है?

Physical Activity

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Physical Activity : भारत की आधी आबादी शारीरिक रूप से सक्रिय नहीं है। इस बात का खुलासा द लैंसेट ग्लोबल हेल्थ की तरफ से प्रकाशित किए गए जर्नल में हुआ है। फिजिकल एक्टिविटी में आलसी होने के कारण अधिकतर भारतीय बीमारियों की जकड़ में आ रहे हैं।

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फेलिक्स अस्पताल के डॉ. डी.के. गुप्ता का कहना है कि रिपोर्ट के मुताबिक फिजिकल एक्टिविटी को लेकर भारतीय लोग काफी आलसी है। लैंसेट की रिपोर्ट के मुताबिक साल 2000 से 2022 के दौरान लगभग 197 देशों पर यह स्टडी की गई थी। वर्ष-2022 में जहां 38.4 प्रतिशत पुरुष, तो वहीं 52.6 प्रतिशत महिलाएं फिजिकली इनएक्टिव मिली। इस पर नियंत्रण नहीं किया गया तो 2030 तक 60 प्रतिशत आबादी अस्वस्थ होगी। शारीरिक गतिविधियां कम होने से बीमारियों का खतरा बना रहेगा। वयस्कों में हार्ट संबंधी बीमारियों, टाइप 2 मधुमेह, मनोभ्रंश और स्तन कैंसर के खतरे बढ़ाती है। दुनियाभर में करीब एक तिहाई (31 फीसदी) वयस्क 2022 में शारीरिक गतिविधियों के अनुशंसित स्तरों को पूरा नहीं कर पाए। अपर्याप्त शारीरिक गतिविधियों के मामले में 195 देशों में भारत 12वें स्थान पर है। वर्ष-2000 में भारत की 22.3 प्रतिशत वयस्क आबादी शारीरिक रूप से अस्वस्थ थी। 2010 में यह संख्या 34 प्रतिशत वयस्कों तक पहुंच गई और 2022 में, देश की 49.4 प्रतिशत वयस्क आबादी विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के दिशा-निर्देशों के अनुसार पर्याप्त शारीरिक गतिविधि के लिए साप्ताहिक सीमा को पूरा नहीं कर रही है।

इस दशक के अंत तक 60 प्रतिशत भारतीय वयस्क शारीरिक रूप से अयोग्य हो जाएंगे। अभी भारत की आधी वयस्क आबादी विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के शारीरिक गतिविधि संबंधी मानदंडों को पूरा नहीं करती है। जिसका अर्थ है कि प्रति सप्ताह कम से कम 150 मिनट मध्यम-तीव्रता वाली शारीरिक गतिविधि में शामिल नहीं होना या प्रति सप्ताह 75 मिनट तीव्र-तीव्रता वाली शारीरिक गतिविधि में शामिल नहीं होना है।

शारीरिक निष्क्रियता से मधुमेह और हृदय रोग जैसी गैर-संचारी बीमारियां होने की संभावना बढ़ जाती है। द लैंसेट डायबिटीज एंड एंडोक्रिनोलॉजी जर्नल में प्रकाशित 2023 इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च-इंडिया डायबिटीज के अध्ययन में अनुमान लगाया गया है कि 2021 में भारत में 101 मिलियन लोग मधुमेह से पीडि़त थे और उसी वर्ष लगभग 315 मिलियन लोगों को उच्च रक्तचाप था अध्ययन के अनुसार इसके अलावा अनुमान है कि 254 मिलियन लोग मोटापे से ग्रस्त हैं। 185 मिलियन लोगों में एलडीएल या ‘खराब’ कोलेस्ट्रॉल का स्तर उच्च है। गतिहीन जीवनशैली का बढ़ता प्रचलन और शारीरिक गतिविधि के घटते स्तर इन बीमारियों की घटनाओं को बढ़ा रहे हैं, जिससे वैश्विक स्वास्थ्य सेवा प्रणालियों पर अधिक दबाव पड़ रहा है। सबसे ज्यादा फिजिकली इनएक्टिव लोग एशिया-प्रशांत रीजन और दक्षिण एशिया में हैं। इसके लिए पर्यावरण, नींद की कमी, काम के पैटर्न जैसी कई चीजों को जिम्मेदार बताया गया है। भारत के अलावा पाकिस्तान और अफगानिस्तान में महिलाओं में अपर्याप्त शारीरिक गतिविधि चिंता का विषय है। एक्सरसाइज नहीं करने से मोटापा, डायबिटीज, दिल की बीमारियों, कैंसर, स्ट्रोक, डिप्रेशन जैसी कई गंभीर बीमारियों का खतरा कई गुना बढ़ा जाता है। वर्किंग प्रोफेशनल्स काम के लंबे घंटे और ट्रैवलिंग के वजह से फिटनेस पर ज्यादा ध्यान नहीं दे पाते। शहर में लगातार होते डेवलपमेंट के चलते घर छोटे होते जा रहे हैं और आसपास भी इतनी जगह ही नहीं, जहां एक्सरसाइज की जा सके। लोगों को मोबाइल, टीवी की ऐसी लत लग चुकी है कि वो इसके आगे फिटनेस को इग्नोर कर देते हैं।

इन बातों का रखें ध्यान

हर दिन 30 मिनट से 1 घंटा व्यायाम के लिए समय निकालें। इसे सुबह या शाम के समय अपने रूटीन में शामिल करें।

यह सबसे सरल और प्रभावी व्यायाम हैं। रोज़ाना कम से कम 30 मिनट चलने या दौडऩे की कोशिश करें।

योग शरीर को लचीला बनाता है और मन को शांत करता है। रोज़ाना योगासन और ध्यान करने की आदत डालें।

साइकलिंग कार्डियो वर्कआउट का एक अच्छा तरीका है। इसे अपने दैनिक रूटीन में शामिल करें।

अगर संभव हो तो जिम ज्वाइन करें या फिटनेस क्लासेज़ लें। इससे आपको गाइडेंस और मोटिवेशन मिलेगा।

घर के काम जैसे सफाई, बागवानी, और अन्य शारीरिक गतिविधियों को अपने रूटीन में शामिल करें।

अपने पसंदीदा खेल जैसे बैडमिंटन, टेनिस, क्रिकेट आदि खेलें। इससे न केवल शरीर सक्रिय रहता है बल्कि मनोरंजन भी होता है।

डांस करना एक मजेदार और प्रभावी तरीका है फिट रहने का। किसी डांस क्लास में शामिल हों या घर पर ही म्यूजिक पर डांस करें।

स्विमिंग तैराकी एक पूरा शरीर का व्यायाम है। इसे नियमित रूप से करने से पूरे शरीर को फायदा होता है।

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