Wednesday, 4 December 2024

आ गए ‘मांसाहारी चावल’ मिलेगा मीट का स्वाद और भरपूर प्रोटीन

Meaty Rice For Protein : मीट खाना बहुत लोगो की पसंद होता हैं चाहें वो करी हो ,बिरयानी या फिर…

आ गए ‘मांसाहारी चावल’ मिलेगा मीट का स्वाद और भरपूर प्रोटीन

Meaty Rice For Protein : मीट खाना बहुत लोगो की पसंद होता हैं चाहें वो करी हो ,बिरयानी या फिर कबाब । मीट खाने के शौक़ीन लोगो के लियें नॉन वेज की कमी नहीं है । इसी को ध्यान में रखते हुए वैज्ञानिकों नें एक नई किस्म के चावल को बनाया है । जिसका स्वाद खाने मे मीट जैसा हैं और लाजवाब भी हैं । जिसका नाम (meaty rice) मांसाहारी चावल हैं ।

मांसाहार खाने वालो के लिये बड़ी खबर:

नॉनवेज खाने वाले लोगों के लिये एक बड़ी खबर हैं । वैज्ञानिकों ने ऐसे चावल की किस्म तैयार की हैं जिसका स्वाद खाने मे मीट जैसा हैं । मीट जितना खाने में लजीज होता हैं उतना ही शरीर के पोषण के लिये भी जरुरी होता हैं । मीट में पाया जाने वाला प्रोटीन,आयरन,जिंक और कैल्शियम हमारे शरीर के लिये अतिआवश्यक होते हैं । लेकिन मीट खरीदना और बनाना हर किसी के बस की बात नहीं है । वैज्ञानिकों ने इस समस्या का भी हल निकाल लिया है । एक ऐसा चावल जो आपकों पूरी तरह से बिरयानी का स्वाद देगा इसके साथ आपको मीट बनाने की जरुरत भी नहीं और स्वाद भी जबरदस्त होता हैं । वैज्ञानिकों ने इसका नाम मांसाहारी चावल रखा है यानी की (meaty rice)और इसका स्वाद खाने मे मीट जैसा होता हैं । इसकी खूबिया जान कर आप भी हैरान हो जायेंगे।

Meaty Rice For Protein

वैज्ञानिकों ने इस चावल मे दिया मछली का स्वाद:

दक्षिण कोरिया की योनसेई यूनिवर्सिटी के वैज्ञानिकों ने नई किस्म के चावल तैयार किये हैं ।ये देखने मे एक दम सामान्य चावल की तरह है ।इस चावल को बनाने मे कई तरह के मीट को मिलाया गया हैं और इसमे मछली का  भी स्वाद दिया गया हैं । सामान्य सा दिखने वाला ये चावल मीट के मुकाबले कई गुना प्रोटीन और फैट से भरा होता हैं । इसमे 8% ज्यादा प्रोटीन और 7% ज्यादा फैट होता है । इसे आप सामान्य तापमान पर भी स्टोर करके रख सकतें हैं और इसकी खासियत यह है कि यह 11 दिनों तक खराब नहीं होता हैं ।

सामान्य चावल से इसकी खेती हैं आसान:

इस चावल की उत्पादन विधि भी बहुत आसान है । यह चावल कुपोषण की स्थिति मे शरीर के लिये काफी पौष्टिक आहार है । आपातकाल मे यें सेनाओं को ये दिया जा सकता हैं ।सेना मे काम करने वाले सैनिकों के शरीर की दैनिक जरूरतों को पूरा कर सकता है । वैज्ञानिकों का कहना है कि यह सामान्य चावल से कई गुना आसानी से उगाया जा सकता हैं । इसकी खेती में  जानवरों की जरुरत भी कम हो जायेगी। इसकी खेती इस बात पर निर्भर करती है कि आमजन इस चावल को कितना अपनाते हैं ।

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