Noida news : मौसम के यूटर्न लेते ही सर्दी संबंधी दिक्कतें बढ़ जाती हैं। पहले से आर्थराइटिस के पीडि़तों की परेशानी बढ़ गई हैं। सर्दी की शुरुआत होते ही आर्थराइटिस के पुराने मरीजों का मर्ज बढ़ जाता है। ठंड में संक्रमण के साथ मांसपेशियों, हड्डियों और जोड़ों के दर्द की समस्या अचानक बढ़ जाती है। खासकर उस समय जब दिसंबर और जनवरी में जब कड़ाके की ठंड पड़ रही होती है।
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फेलिक्स हॉस्पिटल के हड्डी रोग विशेषज्ञ डॉ केशव गोयल के मुताबिक बदलते लाइफस्टाइल के चलते नौजवानों में भी यह समस्याएं बढ़ गई हैं। रुमेटाइड आर्थराइटिस में जोड़ों के साथ कुछ दूसरे अंग या पूरा शरीर भी प्रभावित होता है। हाथ पैरों के जोड़ों में दर्द, सूजन, टेढ़ापन, मांसपेशियों में कमजोरी, बुखार आदि इसके लक्षण हैं। लगभग हर किसी को जोड़ों और हड्डियों में दर्द की शिकायत आम है। खासकर 40 साल से अधिक उम्र वालों में तो यह अधिक देखी जा रही है। ठंड में हम अपने शरीर और जोड़ों को गर्म कपड़ों से कवर करके नहीं रखते तो जोड़ों के सॉफ्ट टिशू के अंदर इंफलामेशन ज्यादा हो जाती है। इसे हम सॉफ्ट टिशू में स्वेलिंग होना भी कहते हैं। यह स्वेलिंग ज्वाइंट के आसपास के सॉफ्ट टिशू में होने लगती है। इसके अलावा ठंड के दौरान तापमान में कमी आने पर खूून की धमनियां संकुचित हो जाती हैं। इससे खून का प्रवाह सामान्य ढंग से नहीं हो पाता। शरीर के विभिन्न अंगों तक खून, पानी और ऑक्सीजन सही मात्रा में नहीं पहुंचती। इसी वजह से शरीर की तंत्रिकाओं में तनाव पैदा हो जाता है। जोड़ों में अकडऩ के साथ दर्द महसूस होता है। ऐसे में जरूरी है कि सर्दियां शुरू होते ही अच्छे गर्म कपड़े पहनें। लगातार कई घंटों तक एक ही कुर्सी और कंप्यूटर के आगे बैठे-बैठे आपके जोड़ अकड़ जाते हैं, इसलिए ऑफिस में हर आधे घंटे या एक घंटे में सीट छोड़कर सात मिनट के लिए घूमे-फिरें, शरीर को स्ट्रेच करें। मरीज विशेषज्ञ की देखरेख में ही एक्सर्साइज और योग करें। महिलाएं ऊंची हील की सैंडिल पहनने से बचें। इससे एड़ी, घुटने और पिंडलियों के साथ कमर पर भी असर पड़ता है।
पौष्टिक खानपान दूर करता है दर्द
स्वस्थ और मजबूत हड्डियों के लिए अच्छा व पौष्टिक भोजन करना बहुत जरूरी है। मौसमी फल व सब्जियों का सेवन करें। अपने खानपान में दूध, दही, पनीर, हरी सब्जियां, सोयाबीन शामिल करें। इन चीजों में कैल्शियम की अच्छी मात्रा होती है जो हड्डियों के लिए बेहद लाभदायक है। डॉक्टर के सुझाव से कैल्शियम और विटामिन डी की गोलियां का सेवन करें। विटामिन -डी का सबसे अच्छा स्रोत है सूर्य की रोशनी। रोजाना सुबह के समय 15 मिनट धूप सेकें।