PCOD : आजकल प्रेगनेंसी में आ रही रुकावट की एक बड़ी समस्या पीसीओडी बन गया है। लेकिन घबराने की ज़रूरत नहीं है ,अगर इसका सही समय पर इलाज करा लिया जाए तो आसानी से गर्भ धारण किया जा सकता है।
PCOD :
क्या है पीसीओडी ?
पीसीओडी महिलाओं की सेहत से जुडी एक ऐसी बीमारी है जो पीरियड्स और प्रेगनेंसी में कई बड़ी दिक्कतें पैदा कर देती है। यह बीमारी होने पर पीरियड्स में ब्लीडिंग बहुत कम होती है और कभी कभी बढ़ जाती है, और कभी कभी तो पीरियड्स खत्म होने के बाद भी स्पॉट आते रहते हैं।
मेडिकल की भाषा में पीसीओडी को पॉलीसिस्टिक ओवेरी डिजीज के नाम से जाना जाता है लेकिन बोल-चाल की भाषा में लोग इसको पीसीओडी ही कहते हैं। आइये जानते हैं की पीसीओडी आपकी सेहत पर किस किस प्रकार से असर डालती है।
- 1. पीसीओडी नाम की बीमारी आपके प्रेग्नेंट होने की क्षमता को प्रभावित करती है जिससे आपको प्रेगनेंसी में दिक्कत आती है।
- 2. यह आपके लुक्स पर भी असर डालती है , इससे आपको पिम्पल्स , बाल झड़ना और मोटापा बढ़ने जैसे समस्याएं होने लगती हैं।
- 3. इससे आपको हार्ट सम्बन्धी बीमारियां हो सकती हैं जिसके लक्षण हैं सांस फूलना , थकान होना आदि।
- 4. इससे बच्चेदानी में कई छोटी बड़ी गांठें बन जाती हैं जिससे सेहत सम्बन्धी कई तरह की दिक्कतें होने लगती हैं।
क्यों होती है पीसीओडी ?
पीसीओडी की समस्या आम तौर पर अनुवांशिक होती है यानी कि अगर आपके घर में आपकी माँ या बहन को यह बीमारी है तो आपको भी होने की आशंका रहती है। इसके अलावा यह बीमारी हार्मोनल इंबैलेंस की वजह से भी होती है। आपके शरीर में हॉर्मोन्स का उतार चढ़ाव कई कारणों से हो सकता है जैसे गलत खान पान , सोने जागने का गलत समय और गलत दवाइयों का सेवाएं आदि।
इलाज
पीसीओडी की समस्या को सही इलाज और सही डॉक्टर की राय के साथ जल्दी ही कण्ट्रोल भी किया जा सकता है। इलाज के बाद प्रेग्नेंट होने में कोई समस्या नहीं आती है और पीरियड्स की समस्या भी खत्म हो जाती है।
Uttar Pradesh News : दुष्कर्म के आरोपी को 10 वर्ष की कारावास