Periods Health : पीरियड्स महिलाओं के जीवन का एक अहम हिस्सा है जिससे हर महिला को गुजरना पड़ता है। पीरियड्स के दौरान महिलाओं को बेहद दर्द का सामना करना पड़ता है जिसके कारण वो कभी-कभी बहुत कमजोर भी हो जाती है। इन दिनों महिलाओं को हैवी फ्लो, पेट में दर्द, मूड स्विंग्स का भी सामना करना पड़ता है। इन दिनों महिलाओं को बेहद सावधानी बरतनें की जरूरत होती है । लेकिन क्या आप जानती है पीरियड्स हर महिला के अच्छे स्वास्थ्य की ओर इशारा करता है जिसमें थोड़ी सी भी गड़बड़ी होती है तो यह अच्छा संकेत नहीं होता है। कभी-कभी पीरियड्स के दौरान कुछ महिलाओं को ब्लड फ्लो बेहद कम होता है। यदि आपके साथ भी ऐसा होता है तो आपको इस बात की जानकारी जरूर होनी चाहिए कि आपके साथ ऐसा क्यों होता है? आज हम आपके लिए पीरियड्स से जुड़ी कुछ महत्वपूर्ण जानकारी लेकर आए हैं जो आपके बहुत काम आएगी।
ब्लड फ्लो कम क्यों आता है?
महिलाओं के लिए पीरियड्स एक ऐसा समय होता है जिसके दौरान उसे बेहद दर्द से गुजरना पड़ता है। इन दिनों महिलाओं को आराम की सख्त जरूरत होती है। लेकिन क्या आप जानती हैं कि यदि आप किसी भी बात को लेकर अत्यधिक तनाव लेती हैं तो इसका सीधा असर आपके पीरियड्स पर पड़ता है जिससे आपको पीरियड्स में कम ब्लीडिंग हो सकती है। दरअसल जब भी आप तनाव लेती हैं तो आपके शरीर में कोर्टिसोल हार्मोन बढ़ने लगता है जो हाइपोथैलेमस और पिट्यूटरी समेत अवोरी के फंक्शन को प्रभावित करता है। जिसके कारण आपको पीरियड्स के दिनों में लाइट ब्लीडिंग होती है।
कम उम्र में मासिक धर्म होना
अगर किसी को कम उम्र में पीरियड्स शुरू हो जाते हैं तो ऐसे में भी ब्लड का फ्लो कम हो जाता है। क्योंकि कम उम्र में हार्मोन कम बनते हैं जिसके कारण पीरियड्स में ब्लीडिंग कम होती है।
Health care असंतुलन हार्मोन
कभी-कभी असंतुलन हार्मोन के कारण पीसीओडी और पीसीओएस की समस्या हो जाती है जिसके कारण पीरियड्स के दौरान ब्लड फ्लो काफी कम होता है। ऐसी स्थिति में फीमेल हार्मोन बेहद कम बनते हैं जो ब्लड फ्लो कम आने एकमात्र कारण बनता है।
डॉ. विकास दिव्यकीर्ति ने दे दिया सबसे बड़ा गुरू मंत्र, जो भी चाहोगे वही पा जाओगे
देश विदेश की खबरों से अपडेट रहने लिए चेतना मंच के साथ जुड़े रहें।
देश-दुनिया की लेटेस्ट खबरों से अपडेट रहने के लिए हमें फेसबुक पर लाइक करें या ट्विटर पर फॉलो करें।