Pregnancy Health Care : हर महिला के लिए प्रेगनेंसी का सफर बेहद यादगार और खूबसूरत होता है। लेकिन महिलाओं को अपनी प्रेगनेंसी के दौरान कई उतार-चढ़ाव का भी सामना करना पड़ता है। कई महिलाओं को प्रेगनेंसी में दो-चार बार डायबिटीज, ब्लड प्रेशर और कोलेस्ट्रॉल की समस्या भी होती हैं। महिला की गर्भवस्था के दौरान ब्लड प्रेशर और कोलेस्ट्रॉल का बढ़ना बेहद खतरनाक हो सकता है। जिसकी वजह से महिला को हार्ट अटैक जैसी खतरनाक बिमारी आने का खतरा बढ़ सकता है।
Pregnancy Health Care
इसलिए जब भी कोई महिला गर्भवस्था में होती है तो उसे डॉक्टर की सलाह के मुताबिक ही डाइट लेनी चाहिए, और उसे प्रतिदिन सैर के लिए जाना चाहिए। ताकि गर्भवती महिला के कोलेस्ट्रॉल के खतरे को कम किया जा सके।
कोलेस्ट्रॉल क्या होता है?
कोलेस्ट्रॉल एक तरह का वसा या (चिकनाई) होता है। जो हर व्यक्ति के शरीर में पाया जाता है। यह हमारे शरीर के लिए बेहद ज़रूरी होता है, क्योंकि यह मानव शरीर के बहुत से कार्यों के लिए आवश्यक होता है। कोलेस्ट्रॉल हमारे शरीर में विटामिन डी, हार्मोन्स व पित्त का निर्माण करता है। लेकिन कभी-कभी वसा की अधिकता हमारे शरीर को बेहद नुकसान पहुंचाती है। खासकर गर्भवती महिलाओं में कोलेस्ट्रॉल की बढ़ोत्तरी खरतनाक साबित हो सकती है।
प्रेगनेंसी में कोलेस्ट्रॉल बढ़ने के लक्षण
- बार-बार उल्टी जैसा आभास होना।
- सीने में दर्द महसूस होना
- अत्यधिक थकान का आभास होना।
- ब्लड प्रेशर बढ़ना।
क्या है बचाव?
- गर्भवती महिलाओं को कोलेस्ट्रॉल कम करने के लिए सबसे पहले अपने खाने-पीने का खास ध्यान रखना चाहिए।
- अपने खान-पान में फल, सब्जियां, साबुत अनाज, दही, अंडे व दूध को शामिल करें, अपने खाने में जितना हो सके सैचुरेटेड व ट्रांस फैट की मात्राओं को घटाएं।
- डॉक्टर द्वारा बताए गए खान-पान का खास ख्याल रखें।
- किसी भी बात का तनाव न लें
- जंक फूड से परहेज करें।
प्रतिदिन आधे घंटे का समय निकालकर सैर के लिए जाएंसमय-समय पर कोलेस्ट्रॉल को मॉनीटर करते रहें। साथ ही शरीर के कोलेस्ट्रॉल कम करने के लिए समय-समय पर डॉक्टर द्वारा बताई गई दवाईयों को लेते रहें।
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