Thursday, 2 May 2024

Special Story : आपका बच्चा भी रहता है सुस्त, तो हो जाएं सतर्क

Special Story :   सैय्यद अबू साद Special Story :  समर विकेशन चल रहे हैं। बच्चे स्कूल व पढ़ाई से…

Special Story : आपका बच्चा भी रहता है सुस्त, तो हो जाएं सतर्क

Special Story :

 

सैय्यद अबू साद

Special Story :  समर विकेशन चल रहे हैं। बच्चे स्कूल व पढ़ाई से दूर खेलकूद, मौज-मस्ती और घूमने में व्यस्त हैं। पूरी छुट्टियां बच्चे ठीक से वसूल करना जानते हैं। दिनभर खेलने के बाद भी बच्चों की एनर्जी का कोई मुकाबला नहीं कर सकता। अक्सर उनमें ऊर्जा की कमी महसूस होती है, पर ही अगले ही पल वे फिर से उतनी ही फुर्ती से खेलने में व्यस्त हो जाते हैं। उनमें थकान तो दिखती ही नहीं, लेकिन क्या आपने अनुभव किया कि आम बच्चों की तुलना में आपका बच्चा जल्दी थक जाता है। कहने को तो यह एक सामान्य स्थिति है, परन्तु यदि ऐसा लंबे समय तक चलता रहा तो उनकी सेहत पर नकारात्मक असर पड़ सकता है। इस स्थिति पर ध्यान दें, क्योंकि बच्चे खुद अपनी शरीर की जरूरतों को पूरा नहीं कर सकते। सबसे जरूरी है यह समझना की आखिर बच्चों में ऊर्जा की कमी क्यों हो रही है। चलिए जानते हैं क्यों होती है ऐसी स्थिति और क्या हैं इसके उपाय।

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बच्चों में क्यों होती है ऊर्जा की कमी
बच्चों में ऊर्जा की कमी के कई कारण हो सकते हैं। इसका सबसे बड़ा कारण है शरीर में पोषक तत्वों की कमी। विटामिन डी, कैलशियम, मैंग्नीशियम और आयरन बच्चों के शरीर के लिए अति आवश्यक हैं, इनकी कमी बच्चों में ऊर्जा शक्ति की कमी कारण बन सकती है। यह बेहद जरुरी है कि छुट्टियों में भी पैरेंट्स अपने बच्चों को पर्याप्त मात्रा में आवश्यक पोषण दें। डायटीशियन मीनाक्षी अनुराग बताती हैं कि शारीरिक गतिविधियों की कमी और अधिकता दोनों ही बच्चों में ऊर्जा की कमी का कारण बनती हैं। इसलिए शारीरिक गतिविधियों के बीच एक उचित संतुलन होना अनिवार्य है। छुट्टी के दौरान भी उनकी डाइट को उसी प्रकार बनाए रखें। कई बार खेलने के चक्कर में बच्चे खानपान पर ध्यान नहीं दे पाते। ऐसे में उनको ड्राइफ्रूट के रूप खुराक देते रहें। कई बार घर का नकारात्मक माहौल भी बच्चों में ऊर्जा शक्ति की कमी का कारण बन सकता है। ऐसे में बच्चों के मानसिक एवं भावनात्मक स्वास्थ्य पर नकारात्मक असर पड़ता है जिससे की उन्हें ऊर्जा की कमी का एहसास होता है। कुछ बातों का ध्यान रखकर उनको संतुलित रखा जा सकता है।

पर्याप्त पानी पहुंचे शरीर में
बच्चे अक्सर खेलकूद के चक्कर में पर्याप्त मात्रा में पानी नहीं पीते हैं। वहीं शारीरिक रूप से अधिक सक्रीय रहने के कारण उन्हें डिहाइड्रेशन हो सकता है। डिहाइड्रेशन ऊर्जा की कमी का एक आम कारण है। क्या आप जानते हैं कि वास्तव में बच्चों को वयस्कों की तुलना में अधिक पानी की आवश्यकता होती है? शारीरिक गतिविधि या गर्म मौसम के दौरान यह आवश्यकता बढ़ जाती है। हालांकि, केवल पानी बच्चे की ऊर्जा बढ़ाने वाली सभी जरूरतों को पूरा नहीं कर सकता है, परन्तु यह एनर्जी बूस्ट करने में एक अहम भूमिका निभाता है। अपने बच्चों के वॉटर इंटेक का खास ध्यान रखें, बच्चे खुद से पानी नहीं पीते हैं तो यह आपकी जिम्मेदारी है की उनके शरीर में पानी की कमी न हो। इलेक्ट्रोलाइट बैलेंस मेंटेन रखना अनिवार्य है।

कैलशियम है बेहद जरूरी
बच्चों के शरीर की ऊर्जा शक्ति को बनाये रखने के लिए कैलशियम की बेहद आवश्यकता होती है। कैलशियम ग्रोथ में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। कैलशियम की आवश्यकता को पूरा करने के लिए दूध दही और ग्रिल्ड चीज सैंडविच उनको दिया जा सकता है। साथ ही यदि बच्चा दूध से बने खाद्य पदार्थ नहीं खाता तो उनकी डाइट में प्लांट बेस्ड फूड्स जैसे हरी पत्तेदार सब्जियां, दाल, चना, बादाम, तिल, सोयाबीन, अनाज, गाजर के जूस को शामिल कर सकती हैं। इसके साथ ही विटामिन डी, प्रोटीन, कैल्शियम, मैंग्नीशियम, और आयरन युक्त खाद्य पदार्थों का सेवन भी बेहद महत्वपूर्ण है।

नींद लेना है जरुरी
अमेरिकन एकेडमी ऑफ पीडियाट्रिक्स ने हर उम्र के लिए औसत नींद की जरूरतों पर दिशानिर्देश जारी किए हैं। जितना अच्छे से आप अपने बच्चों की जरूरतों को समझ सकती हैं उतना बेहतर और कोई नहीं जान सकता। यदि आपका बच्चा पहले की तुलना में कम एनर्जेटिक रहने लगा है, तो देखें कि क्या उनके शारीरिक गतिविधियों में बदलाव आया है। यदि हां, तो उनके फिजिकल एक्टिविटी को सामान्य रखने की कोशिश करें, न ये अधिक हो और न ही कम। जब बॉडी फंक्शन्स बैलेंस्ड रहता है तो एक उचित नींद प्राप्त करना बेहद आसान हो जाता है। इसलिए हमेशा बच्चों के कमरे का माहौल रिलैक्सिंग और स्लीप फ्रेंडली रखें। साथ ही उनके सोने का एक उचित समय निर्धारित करना भी अनिवार्य है। रूटीन होने से बच्चों को सही समय पर खुद नींद आने लगेगी और आपको हर रोज उन्हें सुलाने में अधिक मेहनत नहीं करनी पड़ेगी।

खुद तैयार करें एनर्जी ड्रिंक
मार्केट में मौजूद एनर्जी ड्रिंक में प्रेजरवेटिव, शुगर और आर्टिफीसियल फ्लेवर उपलब्ध होता है। ऐसे में आप अपने बच्चों के लिए घर पर एनर्जी ड्रिंक तैयार कर सकती हैं। ये ड्रिंक्स बिना किसी नुकसान के आपके बच्चों में ऊर्जा शक्ति को बनाये रखने में मदद कर सकती हैं। एनर्जी ड्रिंक की सबसे बड़ी बात यह है कि पानी की तरह यह प्यास बुझाने के साथ ही बॉडी को कई आवश्यक विटामिन्स और मिनरल्स प्रदान करता है। शरीर में इनकी एक उचित मात्रा होना अनिवार्य है क्योंकि गर्मी में खेलने कूदने की वजह से उन्हें अधिक पसीना आता है और शरीर से मिनरल्स बाहर निकल जाते हैं, ऐसे में होम मेड एनर्जी ड्रिंक इन्हे रिफिल करने में आपकी मदद करेंगे। प्राकृतिक ऊर्जा स्रोत और इलेक्ट्रोलाइट्स से भरपूर कोकोनट वॉटर, नींबू, गाजर, पालक, शहद और नमक जैसे पदार्थों से आप आसानी से होममेड एनर्जी ड्रिंक तैयार कर सकती हैं। इन्हे नियमित रूप से अपने बच्चों की डाइट में शामिल करें।

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