नई दिल्ली: उत्तर प्रदेश (Free Medical Facility) की सरकार 2.0 इस बार करीब 22 लाख सरकारी कर्मचारियों और पेंशनरों को इस महीने में काफी बड़ी सुविधा देने की तैयारी कर चुकी है। उनके परिवारों को देखा जाए तो इसी महीने से कैशलेस इलाज मिलने जा रहा है। इसका फायदा पाने वालों की बात करें तो संख्या तकरीबन एक करोड़ कर्मचारियों को होने जा रहा है।
स्वास्थ्य विभाग ने इसकी तैयारी पूरी करना शुरु कर दिया है। विभागीय अधिकारियों (Free Medical Facility) में यूपी ऐसा करने वाला पहला राज्य होने वाला है। योजना के शुभारंभ के लिए बस मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के इशारे का इंतजार हो रहा है।
योगी सरकार द्वारा अपने पहले होने वाले कार्यकाल में राज्य कर्मचारियों और पेंशनरों को कैशलेस इलाज की सुविधा देने का वादा कर दिया था जिसका लोगों का काफी से इंतजार है। जनवरी में राज्य कैबिनेट ने इस प्रस्ताव को हरी झंडी मिल गई थी। मगर इसके अमल में आने से पहले देखा जाए तो चुनाव प्रक्रिया शुरू कर दी गई।
स्वास्थ्य विभाग द्वारा बात की जाए तो अपने सौ दिन के एजेंडे में शामिल किया जा चुका है। सभी कर्मचारियों का स्टेट हेल्थ कार्ड बना दिया जाएगा, जिसकी मदद से कैशलेस इलाज की सुविधा का फायदा ले सकते हैं।
सरकारी अस्पतालों में खर्च की नहीं होगी सीमा
नई व्यवस्था में राज्य कर्मचारी और पेंशनर या उनके परिवार के लोग भी निजी अस्पतालों में भी पांच लाख रुपये तक का इलाज करवा सकते हैं। वहीं सरकारी संस्थानों में खर्च की कोई समयसीमा नहीं रखी गई है। इसके अलावा सरकार पहले भुगतान करने के बाद रिंबर्समेंट लेने की पुरानी व्यवस्था भी खत्म नहीं करने जा रही है।
चक्कर काटने की नहीं होगी जरुरत
नई व्यवस्था की मदद से कर्मचारियों और पेंशनरों को सरकारी अस्पतालों, विभाग और सीएमओ के चक्कर काटने से एकदम चिंता मुक्त हो जाएंगे। कई महंगी जांचें और बीमारियों का इलाज को लेकर भी अब आयुष्मान योजना की जद में आने से लोगों को बड़ी सुविधा मिलने जा रही है।