Health : बहुत गुणकारी है 'मीठी मुलेठी'!

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locationभारत
userचेतना मंच
calendar15 FEB 2022 10:13 AM
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 विनय संकोची मुलेठी एक फायदेमंद वनस्पति है, इसे संस्कृत में मधुयष्टी, बांग्ला में जष्टिमधु, मलयालम में इरत्तीमधुरम तथा तमिल में अतिमधुरम कहते हैं। आयुर्वेद के अनुसार मुलेठी अपने नायाब गुणों के कारण तीनों दोषों वात, कफ और पित्त को शांत करती है। सर्व सुलभ जड़ी मुलेठी के उपयोग और फायदे का उल्लेख आयुर्वेद से जुड़े ग्रंथों में किया गया है। आयुर्वेद में मुलेठी का प्रयोग आदिकाल से कई खतरनाक रोगों से बचने के लिए किया जाता रहा है। • शरीर में कमजोरी, शुष्कता और खून की कमी को दूर करने के लिए मुलेठी का सेवन लाभदायक होता है। मुलेठी का रोज 1 ग्राम सेवन करने से खून में वृद्धि होती है। यदि किसी को निरंतर थकान जैसी तकलीफ हो, तो उसे अपने पास मुलेठी रखनी चाहिए, क्योंकि यह शारीरिक थकान मिटाती है। • दिल की बीमारी को ठीक करने में भी मुलेठी का सेवन काफी प्रभावशाली माना गया है। एक शोध से पता चला है कि मुलेठी की जड़ को खाने से कोलेस्ट्रॉल में काफी कमी आती है। हृदय की रक्षा होती है और हार्ट अटैक की संभावनाएं खत्म होती हैं। इसके साथ ही मुलेठी खून को अधिक गाढ़ा होने से भी बचाती है, जिससे रक्त संबंधी किसी भी तरह के विकार का शिकार होने से बचा जा सकता है। • सांस की बीमारी या दमा जैसे रोगों में मुलेठी संजीवनी के रूप में कार्य करती है। इसमें पाया जाने वाला विशेष रसायन दमा जैसी समस्या के लिए रामबाण तत्व माना गया है। • मुलेठी की तासीर ठंडी होती है, जिसके कारण यह पित्त जैसी समस्या को दूर करने में सहायक सिद्ध होती है। बढ़े हुए आमाशय को भी मुलेठी नियंत्रित करती है। आमाशय में अल्सर होने की वजह से पित्त में वृद्धि होने लगती है। यदि रोजाना मुलेठी को घी में पकाकर उपयोग किया जाए तो इस रोग से मुक्ति मिल सकती है। • अनियमित और विपरीत आहार का सेवन करने से आजकल मोटापा कब्ज़ और वायु रोगों में लगातार वृद्धि हो रही है। इनमें कब्ज़ प्रमुख है। मुलेठी की सूखी जड़ें पीसकर उसका चूर्ण बनाकर गुड और पानी के साथ सेवन करने से निश्चित रूप से कब्ज की समस्या से निजात मिल सकती है। • बुजुर्गों के साथ-साथ आजकल युवाओं में भी शरीर के जोड़ों और मांसपेशियों में दर्द की शिकायत आम हो गई है। इस दर्द से छुटकारा पाने के लिए मुलेठी का सेवन बहुत लाभकारी होता है। मुलेठी की जड़ों को पूरी रात पानी में भिगोकर सुबह सवेरे उठकर उस पानी को पीने से पुराने से पुराने जोड़ों एवं मांसपेशियों के दर्द में काफी हद तक राहत मिलती है। • गले की हर तरह की समस्या में मुलेठी फायदा देती है। यदि गले में खराश हो तो मुलेठी को चूसना चाहिए। यह गले को ठीक करने के साथ आवाज को भी मधुर बनाती है। आयुर्वेद के मुताबिक मुलेठी की जड़ों को साफ पानी में कुछ समय तक भिगोकर रखने के बाद, उस पानी से गरारे करने से मुंह में मौजूद छाले खत्म हो जाते हैं। • मिर्गी के इलाज में भी मुलेठी का इस्तेमाल दवा के तौर पर होता है। मुलेठी आंतों में होने वाली टी. बी. की परेशानी को भी दूर करती है। • वैसे तो मुलेठी शक्कर से भी ज्यादा मीठी होती है, पर मधुमेह की बीमारी के उपचार में भी इसका इस्तेमाल होता है। कोई भी समस्या ना हो, तो भी कभी-कभी मुलेठी का सेवन कर लेना चाहिए, इससे आंतों के अल्सर और कैंसर का खतरा कम हो जाता है तथा पाचन क्रिया भी एकदम ठीक रहती है। • मुलेठी स्त्रियों के कुछ लोगों को भी दूर करती है। यह सौंदर्य में बढ़ोतरी करती है। इसके सेवन से मोटापा भी दूर होता है। मुलेठी के 1 ग्राम चूर्ण को पानी के साथ सेवन करने से सुंदरता लंबे समय तक टिकी रहती है। • मुलेठी के उपयोग के संबंध में यह बात जान लेना आवश्यक है कि उच्च रक्तचाप से पीड़ित व्यक्ति को मुलेठी का सेवन नहीं करना चाहिए। इसके अतिरिक्त जिनके रक्त में पोटेशियम की मात्रा कम है और सोडियम की मात्रा अधिक है, शरीर में सूजन है अथवा कोई स्त्री प्रसव अवस्था में है, तो उन्हें भी मुलेठी के इस्तेमाल की इजाजत आयुर्वेद के जानकार नहीं देते हैं। मीठी मुलेठी से रोग विशेष के उपचार से पूर्व योग्य आयुर्वेदाचार्य से परामर्श अवश्य कर लें।
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अब देश में 12 से 18 साल के बच्‍चों को लग सकती है ये भी वैक्‍सीन, जानें नाम और खासियत

Vaccine
Corbevax
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userचेतना मंच
calendar15 FEB 2022 09:43 AM
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Corona Vaccine: नई दिल्ली. देश में 12 से लेकर 18 साल तक के बच्‍चों को एक और कोरोना वैक्‍सीन लगाने की मंजूरी मिल गई है। भारत के केंद्रीय औषधि प्राधिकरण की विशेषज्ञ समिति ने सोमवार को 12 से 18 साल के बच्चों के लिए कुछ शर्तों के साथ बायोलॉजिकल ई के कोविड-19 टीके कोर्बेवैक्स (Corbevax) का आपात इस्तेमाल करने की मंजूरी देने की अनुशंसा की है। कोर्बेवैक्स टीका मांसपेशियों के जरिये शरीर में पहुंचाया जाएगा और 28 दिनों के भीतर दो खुराक लेनी होगी। इस टीके का भंडारण दो से आठ डिग्री सेल्सियस पर किया जाता है। सरकार ने अबतक 15 साल से कम उम्र के बच्चों का टीकाकरण करने पर फैसला नहीं लिया है। नीति आयोग के सदस्य (स्वास्थ्य) वीके पॉल ने हाल में कहा था कि टीकाकरण की अतिरिक्त जरूरत और इसके लिए और अधिक आबादी को शामिल करने की समीक्षा नियमित तौर पर की जाती है। Chinese Apps Banned: सुरक्षा खतरे की चिंताओं को लेकर सरकार ने 50 चीनी ऐप्स पर प्रतिबंध लगाए औषधि महानियंत्रक पहले ही कोर्बेवैक्स को अपनी मंजूरी 28 दिसंबर को सीमित आधार पर आपात स्थिति के लिए दे चुके हैं। यह भारत में ही कोविड-19 के खिलाफ विकसित आरबीडी आधारित टीका है। हालांकि, इस टीके को देश के टीकाकरण अभियान में शामिल नहीं किया गया है। इस सिफारिश को अंतिम मंजूरी के लिए डीसीजीआई को भेजा गया है। नौ फरवरी को डीसीजीआई को भेजे गए आवेदन में बायोलॉजिकल ई लिमिटेड के गुणवत्ता एवं नियमन मामलों के प्रमुख श्रीनिवास कोसाराजू ने कहा है कि कंपनी को कोर्बेवैक्स का पांच से 18 साल की आयु वर्ग पर दूसरे-तीसरे चरण के चिकित्सकीय परीक्षण की अनुमति पिछले साल सितंबर में मिली थी।
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Insomnia Treatment रातभर नींद न आने से हैं परेशान तो अपनाएं ये सरल उपाय

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Insomnia Treatment
locationभारत
userचेतना मंच
calendar14 FEB 2022 01:40 PM
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Insomnia Treatment : क्या आप भी रातभर (Insomnia Treatment) बिस्तर पर करवटें बदलते रहते हैं, क्या आपको (Insomnia Treatment) भी रात रातभर नींद नहीं आती हैं। एक स्वस्थ व्यक्ति को कम से कम 8 घंटे की नींद लेना बेहद जरुरी है। यदि आप पूरी नींद नहीं ले पा रहे हैं तो यह आपके स्वास्थ्य पर प्रतिकूल प्रभाव भी डाल सकती है। आज हम आपको इस लेख में भरपूर नींद लेने के कुछ सरल और प्राकृतिक उपायों की जानकारी देंगे।

Insomnia Treatment

ध्यान और आराम - हर रोज नियमित ध्यान या मेडिटेशन करने से तनाव के हार्मोंस के स्तर को कम करने में मदद मिलती है। जिससे नींद को बढ़ावा मिलता है।

विजअलाइज़ेशन - इसमें आप सोने से पहले लगभग 20 मिनट तक अपने बिस्तर पर आजमा सकते हैं। आप इसके लिए कोई कल्पना कर सकते हैं, पानी को देख सकते हैं या मीठी ध्वनि को सुन सकते हैं। जिससे दिमाग शांत होता है।

योग - योग हर मर्ज की दवा है। शोध के मुताबिक, योग से मन, शरीर, आत्मा और दिमाग को शांति मिलती है। इससे अनिद्रा रोग से छुटकारा मिलता है। नियमित योगाभ्‍यास से आप दिनभर एक्टिव रहते हैं।

आहार - आप क्या खाते हैं और क्या नहीं, इसका असर आपकी नींद पर भी पड़ता है। शराब का सेवन ना करें। कॉफ़ी, चाय या कैफीन के स्रोतों का सेवन करें। अपने आहार में चीनी की मात्रा सीमित कर दें। ऐसे खाद्य पदार्थों को खाएं जो सोने में मदद करे। काने में विटामिन बी को शामिल करें। साथ ही ध्यान रहे की खाने में मैग्नीशियम भरपूर मात्रा में लें। इसकी कमी से नींद में कमी, कब्ज, मांसपेशियों में ऐंठन, तनाव हो सकता है।

मालिश - कई सालों की पीढ़ी से आयुर्वेद का इस्तेमाल किया आता जा रहा है। आयुर्वेदिक चिकित्सा में अनिद्रा का इलाज सम्भव है। आयुर्वेदिक इलाज के लिए सिर और पैरों पर तेल का इस्तेमाल करें। अगर आप गर्म तेल की मालिश करेंगे तो आपको बहुत लाभ मिलेगा।

सोने से पहले गर्म दूध पीएं - दूध नींद पैदा करने वाले हार्मोन के उत्पादन को उत्तेजित करता है। जिससे आप पूरी नीं ले सकते हैं।

पुदीने का रस - तीन ग्राम ताजे पुदीने के पत्तों या 1.5 ग्राम पुदीने के सूखे पत्तों को 15-20 मिनट के लिए 1 कप पानी में उबालें। रात को सोते समय 1 चम्मच शहद के साथ गुनगुना लें।

अश्वगंधा - तनाव, कोर्टिसोल के स्तर में वृद्धि का एक बड़ा कारक है। अश्वगंधा तनाव को नियंत्रण में रखने में सहायक और नींद की गुणवत्ता को बढ़ाने में बहुत बड़ा कारक होता है।

पनीर - पनीर ट्रिप्टोफैन में समृद्ध होता है। ट्रिप्टोफैन एक एमिनो एसिड है जो न्यूरोट्रांसमीटर सेरोटोनिन का उत्पादन करता है। ये आपके शरीर को आराम पहुंचाने व नींद लाने में मददगार है।

बादाम - बादाम कैल्शियम और मैग्नीशियम दोनों का एक अच्छा स्रोत हैं, दोनों ही खनिज अच्छी नींद के लिए महत्वपूर्ण हैं।

शराब से दूरी - भरपूर नींद लेने के लिए जरुरी है कि आप शराब से बचें। शराब के सेवन से शुरू में तो नींद आ जाती है लेकिन बाद में जल्दी-जल्दी पेशाब की समस्या हो सकती है। अनिद्रा हम में से किसी को भी हो सकती है। नींद ना आना आम बात है लेकिन नींद ना आने की आदत आपके लिए अनिद्रा का कारण बन सकता है। अगर आप भी अनिद्रा से जूझ रहे हैं तो आप हमारे बताये हुए प्राकृतिक तरीको को अपना सकते हैं। आप खान पान का ख्याल रखें। इसके अलावा गम्भीर परिस्थियों में आप बिना देर किया डॉक्टर की मदद ले। एक सही इलाज आपकी ज्यादा अच्छी मदद कर सकता है।

महामंडलेश्वर संत कमल किशोर