कोलकाता। पश्चिम बंगाल में पिछले ढाई महीने में तीव्र श्वसन (एक्यूट रेस्पिरेटरी) संक्रमण के कुल 12,343 मामले सामने आए हैं। इनमें से अधिकतर मामले बच्चों में पाए गए हैं। एक वरिष्ठ अधिकारी ने यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि अब तक 19 लोगों की इस संक्रमण से मौत हुई है, जिनमें से 13 लोग पहले से गंभीर बीमारियों से पीड़ित थे।
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अधिकारी ने बताया कि संक्रमण से अस्पताल में भर्ती होने वाले मरीजों की संख्या में कमी आई है। अस्पतालों में प्रतिदिन इसके 800 मरीज की जगह अब हर दिन 600 मरीज भर्ती हो रहे हैं।
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मुख्य सचिव एचके द्विवेदी की अध्यक्षता में एआरआई पर गठित एक उच्च स्तरीय कार्य बल ने बैठक में फैसला किया कि निजी अस्पतालों में काम करने वाले चिकित्सकों और निजी चिकित्सकों को प्रशिक्षण दिया जाएगा। जिससे इससे कारगर ढंग से निबटा जा सके।
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अधिकारी ने बताया कि इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए) और इंडियन एसोसिएशन ऑफ पीडियाट्रिशियन (आईएपी) अपने सदस्यों को इसको लेकर सतर्क करेंगे। उन्होंने कहा कि लक्षणों की शुरुआती पहचान के लिए आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं को सामान्य जानकारी और परामर्श दिया जाएगा। अधिकारी ने बताया कि आशा कार्यकर्ताओं का घर-घर जाकर जागरूकता फैलाने का अभियान भी तेज किया जाएगा।
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