Cervical Cancer : मशहूर एक्ट्रेस और मॉडल पूनम पांडे की शुक्रवार (2 फरवरी) को सर्वाइकल कैंसर के चलते मौत हो गई। इस खबर ने लोगों को चौका कर रख दिया है। लेकिन आपको बता दें यह कोई पहला मामला नहीं है जिसमें किसी महिला की सर्वाइकल कैंसर के चलते मौत हुई है। पिछले कुछ सालों में दुनियाभर में सर्वाइकल कैंसर महिलाओं की मौत के कई मामले देखने को मिल रहे हैं। बात करें भारत की तो, देश में, सर्वाइकल कैंसर 18.3% (123,907 मामले) की दर के साथ तीसरा सबसे आम कैंसर है। रिपोर्ट की माने तो महिलाओं में मौत का यह दूसरा सबसे बड़ा कारण है। ऐसे में आइए जानते हैं महिलाओं में बढ़ते इस गंभीर कैंसर के बारे में।
क्या होता है सर्वाइकल कैंसर ?
सर्वाइकल कैंसर, सर्विक्स में होने वाला एक बेहद गंभीर कैंसर माना जाता है। सर्विक्स गर्भाशय का सबसे निचला भाग होता है, जो योनि से जुड़ा होता है। सर्वाइकल कैंसर के अधिकतर मामले ह्यूमन पेपिलोमावायरस (एचपीवी) के संक्रमण के चलते होते हैं। एचपीवी एक आम वायरस है, जो संभोग के दौरान एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में फैल जाता है। गर्भाशय ग्रीवा में कैंसर होने से पहले, गर्भाशय ग्रीवा की कोशिकाएं ‘डिसप्लेसिया’ नाम के बदलावों से गुजरती हैं, जिसमें गर्भाशय ग्रीवा के ऊतकों में असामान्य कोशिकाएं दिखाई देने लगती हैं। ऐसे में समय के साथ अगर इसका इलाज नहीं जाए तो असामान्य कोशिकाएं कैंसर कोशिकाएं बन सकती हैं और बढ़ने लग जाती है। साथ ही गर्भाशय ग्रीवा और उसके आसपास की जगहों में अंदर तक फैल जाती हैं।
सर्वाइकल कैंसर के लक्षण क्या है?
जानकारी के अनुसार 35 से 44 साल की उम्र की महिलाओं में सर्वाइकल कैंसर के होने की ज्यादा संभावना होती है। लेकिन स्क्रीनिंग और एचपीवी वैक्सीन के चलते इस दर में गिरावट देखी जा रही है। इसके बाद भी महिलाओं को इससे जुड़े लक्षणों के बारे में ध्यान देना चाहिए। सर्वाइकल कैंसर की शुरुआती चरणों में लक्षण बहुत साफ नहीं होते हैं, यही वजह है कि ज्यादातर महिलाओं को इसके गंभीर चरणों तक फैलने के बारे में पता ही नहीं चल पाता।
- सेक्स के बाद असामान्य रक्तस्राव।
- योनि से स्राव जो सामान्य से अलग दिखता या गंध देता है।
- पेल्विक हिस्से में अक्सर दर्द बने रहना।
- बार-बार पेशाब करने की आवश्यकता और पेशाब के दौरान दर्द होना।
सर्वाइकल कैंसर से कैसे बचे ?
सर्वाइकल कैंसर से बचाव के लिए एचपीवी वैक्सीनेशन को सबसे कारगर तरीका माना जाता है। हाल ही में जारी हुए बजट 2024-25 में वित्तमंत्री ने देश में वैक्सीनेशन की दर को बढ़ाने का ऐलान किया है। जिससे ज्यादा से ज्यादा लोगों को इस गंभीर कैंसर से सुरक्षित रखा जा सके। एचपीवी वैक्सीनेशन सर्वाइकल कैंसर के बढ़ते जोखिमों को कम करने में मददगार हो सकती है। टीके 90% से अधिक एचपीवी संक्रमण और कैंसर को कम करने में मददगार पाए गए हैं। इसलिए डॉक्टरों की ओर से सभी को यहीं सलाह दी जाती है कि किसी भी तरह के लक्षण दिखने पर लोगों को तुंरत अपने डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए।
इस बात की जानकारी देते हुए Felix अस्पताल के निदेशक डॉ. डी.के गुप्ता ने इससे बचने के कुछ उपाय साझा किए हैं।
- HPV टीका: अपने डॉक्टर से संपर्क करें और सर्विकल कैंसर और अन्य एचपीवी संबंधित कैंसरों के जोखिम को कम करने के लिए HPV टीका प्राप्त करने के लिए सावधानीपूर्वक जांच करें।
- नियमित पैप टेस्ट: प्रारंभिक स्थितियों को पहचानने के लिए नियमित पैप टेस्ट महत्वपूर्ण है। जिससे सर्विकल कैंसर को रोकने के लिए निगरानी या उपचार की जा सकती है। 21 वर्ष की आयु से नियमित पैप टेस्ट करें और उसे नियमित अंतरालों पर दोहराएं।
- सुरक्षित यौन आचरण: सुरक्षित यौन आचरण का पालन करें, जैसे कि नियमित रूप से कंडोम का उपयोग करना और यौन साथियों की संख्या को कम करना, सेक्सविद्रोह की रोकथाम के लिए।
- तंबाकू से बचें:धूम्रपान से बचें, और अगर आप वर्तमान में धूम्रपान कर रहे हैं, उसे छोड़ने के लिए स्वास्थ्य पेशेवर से परामर्श करें।
- पौष्टिक आहार अपनाएं: फलों और सब्जियों को पर्णतु, सब्जियों, और पौधों जैसे पौष्टिक आहार को अपनाएं। हाई-कैलोरी भोजनों को छोटा और स्वल्प से चिकना करने के लिए अपने आहार को बनाएं।
- मध्यम शराब की मात्रा: यदि आप शराब पीना चुनते हैं, तो मध्यम या पूर्णतः इससे बचें। अधिक शराब का सेवन विभिन्न प्रकार के कैंसर, जैसे कि स्तन, कोलन, फेफड़ा, किडनी, और जिगर को बढ़ा सकता है।
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