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Indian Railway: देश का भूतिया रेलवे स्टेशन ,जब स्टेशन मास्टर और पूरे परिवार की हुई थी रहस्यमयी मौत

Indian Railway

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Indian Railway: भारत आजादी की अमृत काल में भारतीय रेलवे अब एक नया इतिहास लिखने जा रहा है जिसमें अंधेरी गर्त में खस्ताहाल भूतिया रेलवे स्टेशनों के दिन अब लद गए….अब 27 राज्यों के 508 अमृत रेलवे स्टेशन लिखेंगे भारत की गौरव गाथा। जानिए सुलभ और सुखद लक्ष्य के साथ रेलवे के 160 साल का सफरनामा ब्रिटिश काल से अमृत युग तक। अब आधुनिक सुविधा और सांस्कृतिक विरासत की गौरव गाथा के साथ विश्व के आकर्षण का केंद्र होगा भारतीय रेलवे।

रेलवे स्टेशन में चीखने और भूतों के डांस करने का वाकया !

Indian Railway: भारत आजादी के अमृत काल में भारतीय रेलवे अब एक नया इतिहास लिखने जा रहा है जिसमें अंधेरी गर्त में खस्ताहाल भूतिया रेलवे स्टेशनों के दिन अब लद गए…. इस रोमांचक सफर की बहुत खट्टी मीठी यादें हैं ,मुंबई से इसका पहला सफर ब्रिटिश काल में शुरू हुआ था और तब से लेकर अब तक तमाम परिवर्तन होते रहे लेकिन 1967 में बिना शौचालय और अंधेरे स्टेशनों की दुनिया से गुजरते हुए पश्चिम बंगाल की ” बेगुनदोर रेलवे स्टेशन “की अजीब भूतिया घटना ने पढ़ी-लिखी जनता तक को भी डराए रखा। अंधेरे सन्नाटे में रेलवे स्टेशन में चीखने और भूतों के डांस करने और रेलवे स्टेशन पर पूरे परिवार के मारे जाने तक की घटना ने स्थानीय लोगों को हिलाकर रख दिया था। नतीजा यहां ट्रेनों ने रुकना बंद कर दिया और यात्रियों ने यहां से सफर करना बंद कर दिया और यह रेलवे स्टेशन 40 वर्षों तक बंद रहा। कहा जाता है यहां रेलवे स्टेशन मास्टर और उसके पूरे परिवार को भी मृत पाया गया था और तब से यहां कोई ट्रेन नहीं गुजरती थी न रुकती थी । क्योंकि रेलवे स्टेशन मास्टर ने रात को सफेद साड़ी में किसी महिला को देखा था वह महिला स्टेशन पर ही मारी गई थी और इसके बाद रेलवे मास्टर का पूरा परिवार भी अपने क्वार्टर में मरा हुआ मिला था।  अनहोनी घटनाओं के बाद 1967 से 2009 तक यह रेलवे स्टेशन बंद पड़ा रहा 42 वर्षों बाद इसका अंधेरा टूटा और ग्रामीणों की मांग पर रेलवे स्टेशन को दोबारा शुरू किया गया। हालांकि वहां के लोग इसे किसी महिला के भूत के प्रकट होने, गाड़ी के साथ-साथ उसके भूत के भगाने और रोने चिल्लाने और रेल के सामने आने की कहानी कहते आए हैं। घटना का कारण कुछ भी रहा हो लेकिन अब इस रेलवे स्टेशन पर प्रकाश की जगमगाहट और सुख सुविधा किसी भूत को या किसी बुरी सोच को भी फटकने नहीं देती।

Indian Railway: 160 वर्ष पुराना भारतीय रेलवे अब नई करवट ले रहा है

अंग्रेजों काल के बने रेलवे स्टेशन अब शत प्रतिशत इलेक्ट्रिक ट्रेनों के साथ भारतीय रेलवे स्टेशनों की शक्ल और सीरत के साथ आधुनिक तेवर में बदलने जा रहे हैं। भारत सरकार ने पूरब पश्चिम भारत से उत्तर भारत तक 508 रेलवे स्टेशनों के आधुनिकरण, पुनर्विकास और उनके संस्कृतिकरण का लक्ष्य रखा है। इसके बाद रेलवे मंत्रालय के द्वारा 508 रेलवे स्टेशनों के साथ ही 1309 रेलवे स्टेशनों के पुनर्विकास का कम तेज हो गया है। प्रधानमंत्री ने 6 अगस्त को ऑनलाइन इन 508 रेलवे स्टेशनों के पुनरुद्धार का उद्घाटन किया।

अब आधुनिक सुविधा और सांस्कृतिक विरासत की गौरव गाथा के साथ विश्व के आकर्षण का केंद्र होगा भारतीय रेलवे

भारत के 27 राज्यों के 508,”अमृत रेलवे स्टेशन ” आधुनिक सेवाओं से लैस भारत की सांस्कृतिक विरासत की गाथा का प्रतिबिंब होंगे। इन रेलवे स्टेशनों को आधुनिकता की चकाचौंध के साथ वहां की स्थानीय परंपरा और सांस्कृतिक विरासत से जोड़कर उनका निर्माण किया जाएगा। चेन्नई के रेलवे स्टेशनों में स्थानीय सांस्कृतिक विरासत का प्रतिबिंब पर्यटकों के आकर्षण का मुख्य केंद्र होगा। मसलन अगर जम्मू कश्मीर का रेलवे स्टेशन है तो वह वहां के सबसे प्राचीन रघुनाथ मंदिर की गौरव गाथा रेलवे स्टेशन के सुंदर निर्माण की दीवारों पर वहां की पूरी संस्कृति के साथ अंकित होगा।
अयोध्या रेलवे स्टेशन पर धनुष की टंकार
इसी तरह से अयोध्या में रेलवे स्टेशन का निर्माण भगवान श्री राम के धनुष आकार में विश्व भर के पर्यटको को आकर्षित करेगा।
नागालैंड अमृत रेलवे स्टेशन पर 16 जनजातियों की परंपरा का प्रतिबिब होगा अगर हम उत्तर भारत की तरफ बढ़ेंगे तो वहां नागालैंड दीमापुर का जो 100 वर्षों के बाद दूसरा स्टेशन बन रहा है ..16 जनजातियों की परंपराओं को उकेरते हुए पूरे उत्तर भारत की कहानी स्टेशन पर ही कह देगा जो वहां की सांस्कृतिक विरासत को पहली ही झलक में पर्यटकों को आकर्षित करेगा।

भारतीय रेलवे की बदलती तस्वीर ..अंधेरे भूतिया रेलवे स्टेशनों के दिन अब लदे

भारत हर क्षेत्र में अपने विकास की गौरव गाथा लिखने को बेताब है। जहां विश्व के तमाम पर्यटक प्लेन से उतरकर जैसे ही भारत की संपदा में झांकना चाहेंगे और उनके कदम भारतीय रेलवे के जरिए तमाम राज्यों में कदम पड़ेंगे …तो उनका पहला ही इंप्रेशन विकासशील भारत का होना चाहिए विकसित भारत का होना चाहिए जहां हर एक यात्री चाहे भारत का हो या फिर बाहर का पर्यटक उसे सुलभ और सुखद यात्रा मिले… और वह जैसे ही किसी राज्य के रेलवे स्टेशन में कदम रखे तो उसे पता चल जाए राज्य की स्थानीय सांस्कृतिक विरासत क्या है और वह आधुनिकता के साथ कैसे पंखों की उड़ान पर है… और यह सब उसे अमृत रेलवे स्टेशन की पूरी झलक देखे ही मिल जाएगा. यही नहीं यात्रियों की सुविधा के लिए जगमगाते एलइडी, सुंदर सुविधाओं से लैस रेलों के कोच ,दोहरी लाइन ,प्लेटफार्म पर आरामदायक बैठने की सीट, इंटरनेट के जमाने में मुफ्त वाई-फाई सभी कुछ उपलब्ध होगा।

कारीगरों के लिए वन विंडो वन उत्पादन योजना से जुड़ेंगे रेलवे स्टेशन

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और जब भारतीय रेलवे एक नए युग में कदम रख रहा है तो उसे वहां के स्थानीय कारीगर भला अछूते कैसे रह सकते हैं। उनके लिए भी भारतीय रेलवे ने वन स्टेशन वन प्रोडक्ट स्कीम बनाई है जिसके तहत जिले के तमाम कारीगरों को एक मंच मिलेगा उन्हें खास मदद मिलेगी।

रेलवे के लिए 5 गुना बजट की वृद्धि

इस वर्ष भारतीय रेलवे को वर्ष 2014 के मुकाबले 5 गुना बजट मिला है जिसमें भारतीय रेलवे को ढाई लाख करोड़ से ज्यादा का बजट प्राप्त हुआ है।
पुरानी रेलवे को विकसित कर उन्हें अमृत रेलवे स्टेशन बनाने के लिए केंद्र सरकार ने उत्तर प्रदेश के लिए लंबा चौड़ा बजट दिया है। उत्तर प्रदेश के 55 रेलवे स्टेशन 4000 करोड़ की राशि से उत्तर प्रदेश की गौरव गाथा का बखान करेगें। जिसमें अयोध्या की श्री राम की गौरव गाथा से लेकर शानदार रोशनी के साथ सुलभ शौचालय तक खान-पान से लेकर उठने बैठने सोने की व्यवस्था तक सभी कुछ भव्य रूप में होगा।

Indian Railway: जम्मू का रेलवे स्टेशन होगा ऐसा

जम्मू कश्मीर में कदम रखते ही सबसे पहले पर्यटकों की निगाह वहां के भगवान श्री राम के रघुनाथ मंदिर की तरफ जाती है  मंदिर में प्रभु के गुणगान और वहां की झलक हमें आकृष्ट करती है लेकिन अब रघुनाथ मंदिर का नजारा जम्मू कश्मीर के स्टेशन पर पर्यटकों को आते ही मिलेगा।वहाँ की दर दीवार और वहां के स्टेशन की भाव सूरत मे रघुनाथ जी दिखाई पड़ेंगे।।

राज्यवार रेलवे स्टेशन का पुनर्विकास

हवेलियों का शहर राजस्थान वहां की रंग रंगीली संस्कृति को समेटे राजस्थान के रेलवे स्टेशनों का नजारा वहां की कठपुतली संस्कृति का एक अद्भुत  संगम लिए होग । आपको बता दें की इन 508 रेलवे स्टेशनों में 55 रेलवे स्टेशन उत्तर प्रदेश के, 55 राजस्थान के, 49 बिहार के, 34 मध्य प्रदेश के, 44 महाराष्ट्र के होंगे इसके अलावा 34 अमृत रेलवे स्टेशन पश्चिम बंगाल के, 32 रेलवे स्टेशन असम के, 25 उड़ीसा के, 22 रेलवे स्टेशन पंजाब के, 21-21, गुजरात और तेलंगाना के, 200 झारखंड के, 18 -18 तमिलनाडु और आंध्र के होंगे।  इसके अलावा 15 हरियाणा के और 13 कश्मीर के रेलवे स्टेशन होंगे जिन्हें आधुनिक तेवर और संस्कृति के संगम के साथ सजाने संवारने का काम पूरे जोर पर है।

Indian Railway की स्थापना भारत में आजादी से पूर्व तत्कालीन गवर्नर लॉर्ड कर्जन ने मुंबई में थाने के बीच 34 किलोमीटर की दूरी के साथ शुरू की थी।  वक्त ने करवट बदली और भारतीय रेलवे के तेवर दिनों दिन यात्रियों की सुविधाओं के साथ बदलते गए  अब देश को वंदे भारत की सबसे बेहतरीन और तेज चलने वाली ऐसी गाड़ी दी गई जो समूचे भारत और विश्व के लिए अलग स्थान रखें। विद्युतीकरण से लेकर लाइनों के दोहरीकरण तक, यात्रियों का समय बचाने के लिए 72 घंटे को कम करके 24 घंटे लाने तक ऐसे तमाम प्रयास किए गए .जिसमें बेहतरीन कोच और शानदार टॉयलेट, खान-पान आदि की सुविधा हो।

ज्ञात हो ,Indian Railway अपनी स्थापना के 50 वर्षों तक बिना शौचालय और बिना लाइट के ही चलती थी। भारतीय रेलवे के जनक के रूप में लॉर्ड डलहौजी को माना जाता है। लॉर्ड डलहौजी के समय में 16 अप्रैल 1853 में भारत में प्रथम बार रेल ( बंबई से ठाणे ) चली थी। आधुनिक पीढ़ी के लिए भाप  के इंजन, बिना शौचालय वाली धूल वाहिनी गाड़ियां अब म्यूजियम का हिस्सा बन गई है। उन्हें आप या तो गोरखपुर में देख सकते हैं या फिर आप दिल्ली के रेलवे में म्यूजियम में उनका नज़ारा कर सकते हैं। लेकिन आज विद्युतीकरण, सौर ऊर्जा ,इंटरनेट की सेवाओं से युक्त सजीले रेलवे स्टेशन अमृतकाल के विकास का इतिहास रच कर नई कहानी कहेंगें।  बलखाती इठलाती ये ट्रेन अब किसी आधुनिक दुल्हन की तरह बंदे भारत की दुनिया में भारत की इंद्रधनुषी से संस्कृति के साथ आधुनिकता में अपनी अलग ही कहानी कहेगी। अमृत रेलवे स्टेशनों के साथ आपका सफर होगा सुलभ और सुखद….

प्रस्तुतकर्ता मीना कौशिक

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