America : डोनाल्ड ट्रंप के अमेरिका के राष्ट्रपति के रूप में वापसी से वैश्विक समीकरणों में बदलाव की संभावनाएं दिख रही हैं। शपथ ग्रहण से पहले ही उन्होंने अपने इरादे स्पष्ट कर दिए हैं और संकेत दिया है कि वे चीन, कनाडा और मेक्सिको के खिलाफ कठोर कदम उठाने की योजना बना रहे हैं। उनके इन बयानों पर चीन ने भी अपनी प्रतिक्रिया दी है।
अमेरिका और चीन में हो सकता है वॉर?
वॉशिंगटन में चीन के दूतावास के प्रवक्ता लिउ पेंग्यू ने कहा कि यदि ट्रेड वॉर होती है, तो इसका नुकसान दोनों देशों को होगा, और इसमें किसी की भी जीत नहीं होगी। उन्होंने यह भी कहा कि अमेरिका और चीन के बीच व्यापारिक संबंध आपसी हितों पर आधारित हैं। लिउ ने आगे बताया कि पिछले साल राष्ट्रपति जो बाइडेन और चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग के बीच सहमति बनने के बाद चीन ने ड्रग्स तस्करी के खिलाफ कदम उठाए थे। उन्होंने अमेरिका को इन प्रयासों की जानकारी दी थी। लेकिन यह कहना कि चीन जानबूझकर अमेरिका में फेंटानिल जैसे ड्रग्स की सप्लाई कर रहा है, वास्तविकता से परे है।
चीन से ट्रंप की नाराज़गी की वजह
ट्रंप का कहना है कि उन्होंने चीन से अमेरिका में सप्लाई हो रहे ड्रग्स, खासकर फेंटानिल, के मुद्दे पर बात की थी। हालांकि, इस पर कोई ठोस परिणाम नहीं मिला। उन्होंने कहा कि चीन ने ड्रग डीलर्स को मृत्युदंड की सजा देने का आश्वासन दिया था, लेकिन यह लागू नहीं हुआ। इसके परिणामस्वरूप, चीन से मेक्सिको के रास्ते ड्रग्स की तस्करी जारी रही। इस स्थिति से निपटने के लिए ट्रंप ने चीन पर अतिरिक्त 10% टैरिफ लगाने की घोषणा की है। उनके इस फैसले से उत्तरी अमेरिका की सप्लाई चेन और कारोबार पर असर पड़ने की संभावना है। इसके अलावा, चीन के नीति सलाहकार झेंग योंगनियान ने ट्रंप की नई टीम, जिसमें एलन मस्क और भारतीय मूल के विवेक रामस्वामी जैसे लोग शामिल हैं, को लेकर चिंता जताई है। झेंग का मानना है कि यह टीम चीन के लिए एक बड़ी चुनौती बन सकती है। America
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