Sunday, 20 April 2025

ट्रंप सरकार का एक और झटका, 3 लाख भारतीय छात्रों का भविष्य संकट में

वॉशिंगटन/नई दिल्ली। अमेरिका में विदेशी छात्रों के लिए लागू Optional Practical Training (OPT) प्रोग्राम को समाप्त करने का प्रस्ताव रखा…

ट्रंप सरकार का एक और झटका, 3 लाख भारतीय छात्रों का भविष्य संकट में

वॉशिंगटन/नई दिल्ली। अमेरिका में विदेशी छात्रों के लिए लागू Optional Practical Training (OPT) प्रोग्राम को समाप्त करने का प्रस्ताव रखा गया है। यदि यह प्रस्ताव कानून का रूप लेता है, तो इसका सीधा असर अमेरिका में पढ़ाई कर रहे करीब 3 लाख भारतीय छात्रों पर पड़ेगा।

OPT कार्यक्रम वर्तमान में विदेशी छात्रों को पढ़ाई के बाद अमेरिका में एक से तीन वर्षों तक काम करने की अनुमति देता है, जिससे उन्हें व्यावसायिक अनुभव मिल पाता है और H-1B जैसे वर्क वीजा के लिए आवेदन करने का अवसर मिलता है।

क्या है अमेरिका की नई वीजा नीति का प्रस्ताव?

अमेरिकी नीति-निर्माताओं के एक वर्ग का मानना है कि OPT प्रोग्राम का दुरुपयोग हो रहा है। उनके अनुसार कई अमेरिकी कंपनियां सस्ते विदेशी श्रमिकों को हायर करती हैं जिससे देश के नागरिकों को नौकरियों में प्रतिस्पर्धा झेलनी पड़ती है। इस आधार पर इस प्रोग्राम को खत्म करने की मांग तेज हो गई है।

भारतीय छात्रों के लिए संकट के बादल

संयुक्त राज्य अमेरिका में भारतीय छात्र सबसे बड़ी अंतरराष्ट्रीय छात्र आबादी में शामिल हैं। पढ़ाई के बाद वहीं रहकर काम करने और अनुभव लेने की चाहत रखने वाले छात्रों के लिए OPT एक महत्वपूर्ण रास्ता है। अगर यह रास्ता बंद होता है तो उन्हें पढ़ाई पूरी करते ही देश लौटना पड़ सकता है, जिससे उनके करियर की योजनाएं प्रभावित होंगी।

सरकारी रुख क्या है?

फिलहाल OPT को समाप्त करने का कोई औपचारिक निर्णय नहीं लिया गया है। अमेरिकी संसद में इस प्रस्ताव पर बहस हो रही है, लेकिन इसे पास होने में अभी वक्त लग सकता है।

वहीं, हाल ही में अमेरिकी डिपार्टमेंट ऑफ होमलैंड सिक्योरिटी (DHS) ने वीजा नियमों में कुछ सकारात्मक बदलाव भी किए हैं, जिनमें शामिल हैं:

  1. F-1 से H-1B वीजा में ट्रांजिशन के दौरान स्टेटस का स्वतः विस्तार
  2. अमेरिका में घरेलू H-1B वीजा रिन्यूअल प्रोग्राम की शुरुआत – जिससे भारतीय पेशेवरों को बड़ा लाभ मिलेगा

क्या है विशेषज्ञों की राय?

शिक्षा विशेषज्ञों और इमिग्रेशन वकीलों का मानना है कि यदि OPT प्रोग्राम बंद होता है, तो इससे न केवल छात्रों को नुकसान होगा बल्कि अमेरिकी यूनिवर्सिटीज की प्रतिष्ठा और उनकी विदेशी छात्रों को आकर्षित करने की क्षमता भी प्रभावित होगी।

फिलहाल यह मामला प्रस्ताव स्तर पर है और इसे लेकर घबराने की जरूरत नहीं है। हालांकि, भारतीय छात्रों और उनके परिवारों को सतर्क रहना चाहिए और अमेरिकी सरकार की आधिकारिक घोषणाओं पर नजर बनाए रखनी चाहिए।

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