Bangkok

Bangkok : थाईलैंड की 38 वर्षीय प्रधानमंत्री पैतोंगतार्न शिनावात्रा को मंगलवार को संवैधानिक अदालत ने पद से निलंबित कर दिया। यह फैसला उस लीक कॉल की पृष्ठभूमि में आया जिसमें वह कम्बोडिया के पूर्व प्रधानमंत्री हुन सेन से बातचीत करते हुए उन्हें “चाचा” कहती सुनाई दीं। यही ‘पारिवारिक संबोधन’ अब उनके राजनीतिक करियर पर भारी पड़ गया है।

सीमा विवाद की पृष्ठभूमि में फंसी राजनीति

मामला थाईलैंड-कम्बोडिया सीमा विवाद से जुड़ा है, जहां पैतोंगतार्न के खिलाफ आरोप है कि उन्होंने इस मुद्दे पर मंत्री पद की गरिमा और गोपनीयता का उल्लंघन किया। विपक्षी गुट ने यह सवाल उठाया कि क्या उनका व्यक्तिगत रिश्ता कूटनीतिक रेखाएं लांघ गया। पूरे विवाद की जड़ में है 15 जून 2025 को हुई एक निजी फोन कॉल, जिसमें शिनावात्रा, हुन सेन से बेहद आत्मीयता से बात करती हैं। वो उन्हें ‘चाचा’ कहती हैं और खुद को ‘भतीजी’ बताती हैं। यह दर्शाता है कि उनके पिता थाकसिन शिनावात्रा और हुन सेन के बीच वर्षों पुरानी दोस्ती का रिश्ता बना रहा है।

चाचा ने ही लीक की बातचीत

पर असली मोड़ तब आया जब इस कॉल को लीक करने वाला कोई और नहीं, बल्कि स्वयं हुन सेन निकले। बताया गया है कि 17 मिनट की इस बातचीत को उन्होंने रिकॉर्ड किया और फिर उसे पहले करीब 80 कम्बोडियाई अधिकारियों को सुनाया। बाद में इसका 9 मिनट का हिस्सा सोशल मीडिया पर वायरल हुआ और फिर पूरे 17 मिनट की रिकॉर्डिंग उन्होंने अपने फेसबुक पेज पर सार्वजनिक कर दी।

सियासी गिरावट की उलटी गिनती यहीं से शुरू हुई

रिकॉर्डिंग के सार्वजनिक होते ही थाईलैंड में राजनीतिक भूचाल आ गया। पैतोंगतार्न पर पक्षपात और असंवैधानिक संवाद का आरोप लगा, जिसके बाद अदालत ने उन्हें जांच पूरी होने तक कार्य से निलंबित कर दिया। यह मामला सिर्फ एक पारिवारिक संबोधन का नहीं, बल्कि एक प्रधानमंत्री द्वारा विदेशी नेता से असाधारण आत्मीयता दिखाने का था। जिससे यह संदेश गया कि राष्ट्रीय हितों पर व्यक्तिगत रिश्ते हावी हो सकते हैं। उनके खिलाफ जांच जारी है, और इस बीच थाई राजनीति में अस्थिरता बढ़ गई है।

उत्तर प्रदेश के 6 जिलों की चमकेगी किस्मत, गांव में भी खिलेंगे विकास के फूल

ग्रेटर नोएडा – नोएडा की खबरों से अपडेट रहने के लिए चेतना मंच से जुड़े रहें।

देशदुनिया की लेटेस्ट खबरों से अपडेट रहने के लिए हमें  फेसबुक  पर लाइक करें या  ट्विटर  पर फॉलो करें।