आज फिर होगा भारत में मॉक ड्रिल, सीमा पार पाकिस्तान में सतर्कता

Mok dril
Delhi News
locationभारत
userचेतना मंच
calendar31 MAY 2025 00:45 PM
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Delhi News : भारत सरकार द्वारा प्रस्तावित "आपरेशन शील्ड" के तहत आज देश के पांच राज्यों और एक केंद्र शासित प्रदेश में व्यापक स्तर पर आपातकालीन मॉक ड्रिल आयोजित की जाएगी। इस अभ्यास का उद्देश्य संभावित आपदा या युद्ध जैसे हालात में नागरिक प्रशासन, सुरक्षा बलों और आपातकालीन सेवाओं की तैयारियों की समीक्षा करना है।

मॉक ड्रिल को लेकर पाकिस्तान में हलचल देखी जा रही

भारत की इस मॉक ड्रिल को लेकर पड़ोसी देश पाकिस्तान में हलचल देखी जा रही है। सीमा पर सुरक्षा एजेंसियों की गतिविधियों में तेजी के बीच कुछ रिपोर्ट्स में दावा किया गया है कि पाकिस्तानी सुरक्षा बलों ने अपनी अग्रिम चौकियों से पीछे हटना शुरू कर दिया है। हालांकि इस संबंध में अभी तक पाकिस्तान की ओर से कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं की गई है।

सीमा पर पाकिस्तानी बलों की हलचल

सूत्रों के अनुसार, अंतरराष्ट्रीय सीमा के कुछ क्षेत्रों में पाकिस्तानी रेंजर्स की गतिविधियों में असामान्य बदलाव देखा गया है। एक भारतीय समाचार चैनल द्वारा जारी फुटेज में कुछ पाकिस्तानी सैनिकों को सीमा के निकट से हटते हुए देखा गया है। बताया जा रहा है कि ये सैनिक पास के झाड़ियों में पुन: जमावड़ा कर रहे हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि यह कदम भारत की सैन्य तैयारियों को ध्यान में रखते हुए उठाया गया हो सकता है।

पाकिस्तानी जनरल का बयान

इस बीच पाकिस्तान के ज्वाइंट चीफ आॅफ स्टाफ जनरल शमशाद मिर्जा ने एक बयान में स्वीकार किया है कि उनकी सेना ने सीमा से कुछ पीछे हटने का फैसला किया है। उन्होंने कहा, "हम लगभग 22 अप्रैल से पहले की स्थिति में लौट आए हैं और सीमा क्षेत्र में सैन्य उपस्थिति को सीमित कर रहे हैं।" उन्होंने इसे रणनीतिक दृष्टिकोण बताया।

गृहमंत्री का वक्तव्य

भारत के गृहमंत्री अमित शाह ने "आॅपरेशन शील्ड" और सीमा पर भारत की स्थिति को लेकर टिप्पणी करते हुए कहा कि भारत की कार्रवाई से पाकिस्तान को बड़ा नुकसान हुआ है। उनके अनुसार, हालिया अभियानों में पाकिस्तान की 118 से अधिक चौकियाँ क्षतिग्रस्त की गई हैं और उनकी निगरानी प्रणाली को निष्क्रिय किया गया है। शाह ने कहा कि इन चौकियों को पुन: स्थापित करने में पाकिस्तान को वर्षों लग सकते हैं।

मॉक ड्रिल का उद्देश्य नागरिक सुरक्षा तंत्र की दक्षता को परखना

भारत की यह मॉक ड्रिल पूर्णत: आंतरिक प्रशासनिक प्रक्रिया है, जिसका उद्देश्य नागरिक सुरक्षा तंत्र की दक्षता को परखना है। हालांकि इसके क्षेत्रीय प्रभावों को नजरंदाज नहीं किया जा सकता। विशेषज्ञों का कहना है कि वर्तमान स्थिति में संयम और कूटनीतिक संवाद दोनों देशों के लिए आवश्यक है। दोनों देशों के बीच आज स्थिति यह है कि सीमा पर किसी भी तरह की हलचल देखते ही दोनों देश सतर्क हो जाते हैं। Delhi News

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Delhi News : भारत सरकार द्वारा प्रस्तावित "आपरेशन शील्ड" के तहत आज देश के पांच राज्यों और एक केंद्र शासित प्रदेश में व्यापक स्तर पर आपातकालीन मॉक ड्रिल आयोजित की जाएगी। इस अभ्यास का उद्देश्य संभावित आपदा या युद्ध जैसे हालात में नागरिक प्रशासन, सुरक्षा बलों और आपातकालीन सेवाओं की तैयारियों की समीक्षा करना है।

मॉक ड्रिल को लेकर पाकिस्तान में हलचल देखी जा रही

भारत की इस मॉक ड्रिल को लेकर पड़ोसी देश पाकिस्तान में हलचल देखी जा रही है। सीमा पर सुरक्षा एजेंसियों की गतिविधियों में तेजी के बीच कुछ रिपोर्ट्स में दावा किया गया है कि पाकिस्तानी सुरक्षा बलों ने अपनी अग्रिम चौकियों से पीछे हटना शुरू कर दिया है। हालांकि इस संबंध में अभी तक पाकिस्तान की ओर से कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं की गई है।

सीमा पर पाकिस्तानी बलों की हलचल

सूत्रों के अनुसार, अंतरराष्ट्रीय सीमा के कुछ क्षेत्रों में पाकिस्तानी रेंजर्स की गतिविधियों में असामान्य बदलाव देखा गया है। एक भारतीय समाचार चैनल द्वारा जारी फुटेज में कुछ पाकिस्तानी सैनिकों को सीमा के निकट से हटते हुए देखा गया है। बताया जा रहा है कि ये सैनिक पास के झाड़ियों में पुन: जमावड़ा कर रहे हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि यह कदम भारत की सैन्य तैयारियों को ध्यान में रखते हुए उठाया गया हो सकता है।

पाकिस्तानी जनरल का बयान

इस बीच पाकिस्तान के ज्वाइंट चीफ आॅफ स्टाफ जनरल शमशाद मिर्जा ने एक बयान में स्वीकार किया है कि उनकी सेना ने सीमा से कुछ पीछे हटने का फैसला किया है। उन्होंने कहा, "हम लगभग 22 अप्रैल से पहले की स्थिति में लौट आए हैं और सीमा क्षेत्र में सैन्य उपस्थिति को सीमित कर रहे हैं।" उन्होंने इसे रणनीतिक दृष्टिकोण बताया।

गृहमंत्री का वक्तव्य

भारत के गृहमंत्री अमित शाह ने "आॅपरेशन शील्ड" और सीमा पर भारत की स्थिति को लेकर टिप्पणी करते हुए कहा कि भारत की कार्रवाई से पाकिस्तान को बड़ा नुकसान हुआ है। उनके अनुसार, हालिया अभियानों में पाकिस्तान की 118 से अधिक चौकियाँ क्षतिग्रस्त की गई हैं और उनकी निगरानी प्रणाली को निष्क्रिय किया गया है। शाह ने कहा कि इन चौकियों को पुन: स्थापित करने में पाकिस्तान को वर्षों लग सकते हैं।

मॉक ड्रिल का उद्देश्य नागरिक सुरक्षा तंत्र की दक्षता को परखना

भारत की यह मॉक ड्रिल पूर्णत: आंतरिक प्रशासनिक प्रक्रिया है, जिसका उद्देश्य नागरिक सुरक्षा तंत्र की दक्षता को परखना है। हालांकि इसके क्षेत्रीय प्रभावों को नजरंदाज नहीं किया जा सकता। विशेषज्ञों का कहना है कि वर्तमान स्थिति में संयम और कूटनीतिक संवाद दोनों देशों के लिए आवश्यक है। दोनों देशों के बीच आज स्थिति यह है कि सीमा पर किसी भी तरह की हलचल देखते ही दोनों देश सतर्क हो जाते हैं। Delhi News

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पहलगाम आतंकी हमले में बड़ा खुलासा : मास्टरमाइंड निकला पाक आर्मी चीफ आसिम मुनीर, सेना भी लिप्त

Munir
Operation Sindoor
locationभारत
userचेतना मंच
calendar28 MAY 2025 06:32 PM
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Operation Sindoor : जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले को लेकर अब तक का सबसे बड़ा और चौंकाने वाला खुलासा सामने आया है। हमले के पीछे किसी आतंकी संगठन या स्थानीय मॉड्यूल का नहीं, बल्कि सीधे पाकिस्तान आर्मी और उसके शीर्ष नेतृत्व का हाथ होने के ठोस प्रमाण मिले हैं। इस हमले का मास्टरमाइंड कोई और नहीं, बल्कि पाकिस्तान के आर्मी चीफ और फील्ड मार्शल आसिम मुनीर को बताया जा रहा है।

पाक सेना के पूर्व मेजर आदिल राजा ने किया पर्दाफाश

यह सनसनीखेज दावा पाकिस्तानी सेना के पूर्व मेजर आदिल राजा ने किया है। उन्होंने खुलासा किया कि पाकिस्तान की सेना लंबे समय से आतंकियों को प्रत्यक्ष समर्थन दे रही है और उनके जरिए भारत में कश्मीर घाटी में अस्थिरता फैलाने का काम कर रही है। आदिल राजा के मुताबिक, पहलगाम में हुए हमले की योजना रावलपिंडी के मिलिट्री आॅपरेशंस डिविजन में बनाई गई थी और इसमें शामिल थे पाकिस्तानी आर्मी के 4 से 5 वरिष्ठ अफसर जिनके नाम और पदनाम अब उजागर हो चुके हैं।

मास्टरमाइंड कौन?

आसिम मुनीर जो पाकिस्तान के मौजूदा सेना प्रमुख हैं को इस हमले का मुख्य मास्टरमाइंड बताया गया है। उनके साथ पाकिस्तान आर्मी के टॉप अफसरों का एक समूह भी इस साजिश में शामिल था, जो सीमा पार से हमले की योजना, वित्तीय सहायता और हथियार सप्लाई में संलिप्त रहे। पहलगाम हमले में आमतौर पर पाकिस्तान समर्थित आतंकी संगठनों की भूमिका की बात की जाती थी, लेकिन इस खुलासे के बाद अब बात एक कदम आगे निकल गई है। अब पाकिस्तान की सेना और उसका उच्च नेतृत्व प्रत्यक्ष रूप से आतंकी गतिविधियों में शामिल पाए गए हैं।

दावा पाकिस्तान की सेना का हिस्सा रहे व्यक्ति ने किया

यह केवल किसी रिपोर्ट या अनआॅफिशियल सूत्र की बात नहीं, बल्कि यह दावा पाकिस्तान की सेना का हिस्सा रहे व्यक्ति ने किया है, जिसकी बात को एक इनसाइडर टेस्टिमनी माना जा रहा है। भारत अब इस मुद्दे को अंतरराष्ट्रीय मंचों पर उठा सकता है। सुरक्षा एजेंसियों ने इस खुलासे के बाद जम्मू-कश्मीर में सतर्कता और सख्ती बढ़ा दी है। इस मामले में यूएन, एफएटीएफ और अंतरराष्ट्रीय समुदाय से पाकिस्तान को आतंकी राष्ट्र घोषित करने की मांग भी तेज हो  सकती है।

पहलगाम हमला क्या था?

यह हमला दक्षिण कश्मीर के अनंतनाग जिले में स्थित पहलगाम क्षेत्र में हुआ था। आतंकियों ने सुरक्षाबलों और नागरिकों को निशाना बनाया था। इसमें कई जानें गई थीं और यह हमला संगठित सैन्य रणनीति की तरह किया गया था, न कि सिर्फ स्थानीय उग्रवादियों की साजिश। अब भारत सरकार राजनयिक कदम उठा सकती है। जैसे पाकिस्तान से कड़ा विरोध दर्ज कराना, अंतरराष्ट्रीय मंचों पर मुद्दा उठाना। सुरक्षा एजेंसियों द्वारा खुफिया नेटवर्क और बॉर्डर सिक्योरिटी को और मजबूत किया जा सकता है। आदिल राजा जैसे पाकिस्तानी डिफेक्टरों की गवाही का अंतरराष्ट्रीय जांच एजेंसियों द्वारा उपयोग किया जा सकता है। Operation Sindoor

पाक का सैन्य नेतृत्व खुद साजिशकर्ता की भूमिका में रहता है

इस खुलासे ने एक बार फिर साबित किया है कि पाकिस्तान सिर्फ आतंकवाद को पनाह नहीं देता, बल्कि उसका सैन्य नेतृत्व खुद साजिशकर्ता की भूमिका में रहता है। पहलगाम हमला सिर्फ एक आतंकी हमला नहीं था, यह एक सुनियोजित सैन्य कार्रवाई थी, जिसे पाकिस्तान की सेना ने ही अंजाम दिया। अब यह देखना होगा कि भारत सरकार इस खुलासे को किस रूप में लेती है और क्या इस बार पाकिस्तान की जवाबदेही अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सुनिश्चित की जा सकेगी। Operation Sindoor

अगर हमला हुआ, तो जवाब पहले से भी ज्यादा भयानक होगा : शशि थरूर

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