Restaurant of Mistaken Orders: यहां गलतियां ही मेन्यू का हिस्सा! जाने जापान के इस अनोखे कैफे की कहानी

Restaurant of Mistaken Orders: यहां गलतियां ही मेन्यू का हिस्सा! जाने जापान के इस अनोखे कैफे की कहानी
locationभारत
userचेतना मंच
calendar15 JUL 2025 00:27 AM
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आपने कभी सोचा है कि किसी रेस्तरां में जानबूझकर आपका गलत ऑर्डर परोसा जाए और फिर भी आप उसे मुस्कुराकर खा लें? सुनने में अजीब लगता है, लेकिन जापान में एक ऐसा कैफे है, जो इस अनोखे विचार पर ही बना है। इस जगह का नाम है – Restaurant of Mistaken Orders. यह एक ऐसा रेस्तरां है जो सिर्फ खाने-पीने की जगह नहीं, बल्कि इंसानियत, समझदारी और सहानुभूति की एक मिसाल है।

कहां है यह अनोखा रेस्तरां?

यह खास कैफे जापान के टोक्यो शहर के सेंगवा इलाके में स्थित है। यहां केवल 12 सीटें हैं, लेकिन इसके पीछे की सोच इतनी गहरी है कि ये जगह लाखों लोगों को प्रेरित करती है। इस रेस्तरां की सबसे अनोखी बात यह है कि यहां जो लोग खाना परोसते हैं, वे सभी बुजुर्ग हैं जो डिमेंशिया नामक मानसिक रोग से पीड़ित हैं।

गलत ऑर्डर देना यहां गलती नहीं, एक अनुभव है

जैसा कि इसके नाम से ही समझ आता है, Restaurant of Mistaken Orders में गलत ऑर्डर मिलना आम बात है। कभी आपने चाय मंगाई होगी और कॉफी आ गई होगी, तो कभी बर्गर की जगह डंपलिंग्स। लेकिन इस कैफे में कोई नाराज़ नहीं होता। यहां के ग्राहक पहले से ही यह जानते हैं कि जो उन्हें मिलेगा, वो शायद उनके ऑर्डर से अलग हो, लेकिन अनुभव और माहौल इतना सुंदर होता है कि हर कोई उसे खुशी से स्वीकार कर लेता है।

इस आइडिया की शुरुआत कैसे हुई?

इस अनोखे रेस्तरां का आइडिया जापानी टेलीविजन डायरेक्टर शिरो ओगुनि को तब आया जब उन्हें एक बार रेस्तरां में गलती से डंपलिंग्स परोसे गए, जबकि उन्होंने बर्गर मंगाया था। पहले उन्होंने सोचा कि वे इसे बदलवा देंगे, लेकिन फिर उन्होंने सोचा – "क्या फर्क पड़ता है?" इसी सोच ने उन्हें कुछ बड़ा करने के लिए प्रेरित किया। शिरो के माता-पिता डिमेंशिया से पीड़ित थे। उन्हें लगा कि अगर ऐसे मरीजों को समाज में शामिल करने का एक सकारात्मक तरीका हो, तो लोग उनकी हालत को और बेहतर समझ सकेंगे। यही से शुरू हुआ 'Restaurant of Mistaken Orders' का सफर।

ग्राहकों का अनुभव कैसा होता है?

अगर आप इस रेस्तरां की वेबसाइट या सोशल मीडिया पेज देखें, तो आप देखेंगे कि लोग यहां आकर कितने खुश होते हैं। मेहमानों को पहले से बता दिया जाता है कि यहां आपका ऑर्डर गलत भी आ सकता है, लेकिन हर डिश लाजवाब होगी। लोग इस अनुभव को ना सिर्फ एक अनोखा फूड एक्सपीरियंस मानते हैं, बल्कि एक भावनात्मक जुड़ाव भी महसूस करते हैं।

मेन्यू में क्या-क्या मिलता है?

यहां शाकाहारी और मांसाहारी दोनों तरह के व्यंजन मिलते हैं। जैसे – सुकुने (चिकन हैमबर्गर), तेबासाकी (चिकन विंग्स), वेजिटेबल टेम्पुरा, नाटो रोल, प्लम और कुकुंबर रोल जैसी स्वादिष्ट डिशेज़। चाहे आपको जो ऑर्डर मिले, वह हर हाल में स्वादिष्ट होता है।

सिर्फ खाना नहीं, एक सोच है यह

यह कैफे सिर्फ एक बिजनेस मॉडल नहीं है। यह समाज के उन लोगों को सम्मान और आत्मनिर्भरता का अवसर देता है जो आमतौर पर हाशिए पर रखे जाते हैं। यहां गलतियों को सहानुभूति, धैर्य और प्यार से स्वीकारा जाता है। इस रेस्तरां का अनुभव आपको सिखाता है कि जीवन में हर चीज़ परफेक्ट नहीं होती, और ना ही होनी चाहिए। कभी-कभी गलतियां भी खूबसूरत होती हैं, बस उन्हें देखने का नजरिया चाहिए। Restaurant of Mistaken Orders एक उदाहरण है कि कैसे थोड़े से बदलाव से समाज में बड़ा फर्क लाया जा सकता है। यह कैफे न सिर्फ पेट भरता है, बल्कि दिल को भी छूता है। जब अगली बार आपको कोई छोटी सी गलती परेशान करे, तो इस रेस्तरां के बारे में ज़रूर याद कीजिएगा। विदेशियों को भारतीय संस्कृति में सबसे ज़्यादा क्या पसंद आता है?
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आपने कभी सोचा है कि किसी रेस्तरां में जानबूझकर आपका गलत ऑर्डर परोसा जाए और फिर भी आप उसे मुस्कुराकर खा लें? सुनने में अजीब लगता है, लेकिन जापान में एक ऐसा कैफे है, जो इस अनोखे विचार पर ही बना है। इस जगह का नाम है – Restaurant of Mistaken Orders. यह एक ऐसा रेस्तरां है जो सिर्फ खाने-पीने की जगह नहीं, बल्कि इंसानियत, समझदारी और सहानुभूति की एक मिसाल है।

कहां है यह अनोखा रेस्तरां?

यह खास कैफे जापान के टोक्यो शहर के सेंगवा इलाके में स्थित है। यहां केवल 12 सीटें हैं, लेकिन इसके पीछे की सोच इतनी गहरी है कि ये जगह लाखों लोगों को प्रेरित करती है। इस रेस्तरां की सबसे अनोखी बात यह है कि यहां जो लोग खाना परोसते हैं, वे सभी बुजुर्ग हैं जो डिमेंशिया नामक मानसिक रोग से पीड़ित हैं।

गलत ऑर्डर देना यहां गलती नहीं, एक अनुभव है

जैसा कि इसके नाम से ही समझ आता है, Restaurant of Mistaken Orders में गलत ऑर्डर मिलना आम बात है। कभी आपने चाय मंगाई होगी और कॉफी आ गई होगी, तो कभी बर्गर की जगह डंपलिंग्स। लेकिन इस कैफे में कोई नाराज़ नहीं होता। यहां के ग्राहक पहले से ही यह जानते हैं कि जो उन्हें मिलेगा, वो शायद उनके ऑर्डर से अलग हो, लेकिन अनुभव और माहौल इतना सुंदर होता है कि हर कोई उसे खुशी से स्वीकार कर लेता है।

इस आइडिया की शुरुआत कैसे हुई?

इस अनोखे रेस्तरां का आइडिया जापानी टेलीविजन डायरेक्टर शिरो ओगुनि को तब आया जब उन्हें एक बार रेस्तरां में गलती से डंपलिंग्स परोसे गए, जबकि उन्होंने बर्गर मंगाया था। पहले उन्होंने सोचा कि वे इसे बदलवा देंगे, लेकिन फिर उन्होंने सोचा – "क्या फर्क पड़ता है?" इसी सोच ने उन्हें कुछ बड़ा करने के लिए प्रेरित किया। शिरो के माता-पिता डिमेंशिया से पीड़ित थे। उन्हें लगा कि अगर ऐसे मरीजों को समाज में शामिल करने का एक सकारात्मक तरीका हो, तो लोग उनकी हालत को और बेहतर समझ सकेंगे। यही से शुरू हुआ 'Restaurant of Mistaken Orders' का सफर।

ग्राहकों का अनुभव कैसा होता है?

अगर आप इस रेस्तरां की वेबसाइट या सोशल मीडिया पेज देखें, तो आप देखेंगे कि लोग यहां आकर कितने खुश होते हैं। मेहमानों को पहले से बता दिया जाता है कि यहां आपका ऑर्डर गलत भी आ सकता है, लेकिन हर डिश लाजवाब होगी। लोग इस अनुभव को ना सिर्फ एक अनोखा फूड एक्सपीरियंस मानते हैं, बल्कि एक भावनात्मक जुड़ाव भी महसूस करते हैं।

मेन्यू में क्या-क्या मिलता है?

यहां शाकाहारी और मांसाहारी दोनों तरह के व्यंजन मिलते हैं। जैसे – सुकुने (चिकन हैमबर्गर), तेबासाकी (चिकन विंग्स), वेजिटेबल टेम्पुरा, नाटो रोल, प्लम और कुकुंबर रोल जैसी स्वादिष्ट डिशेज़। चाहे आपको जो ऑर्डर मिले, वह हर हाल में स्वादिष्ट होता है।

सिर्फ खाना नहीं, एक सोच है यह

यह कैफे सिर्फ एक बिजनेस मॉडल नहीं है। यह समाज के उन लोगों को सम्मान और आत्मनिर्भरता का अवसर देता है जो आमतौर पर हाशिए पर रखे जाते हैं। यहां गलतियों को सहानुभूति, धैर्य और प्यार से स्वीकारा जाता है। इस रेस्तरां का अनुभव आपको सिखाता है कि जीवन में हर चीज़ परफेक्ट नहीं होती, और ना ही होनी चाहिए। कभी-कभी गलतियां भी खूबसूरत होती हैं, बस उन्हें देखने का नजरिया चाहिए। Restaurant of Mistaken Orders एक उदाहरण है कि कैसे थोड़े से बदलाव से समाज में बड़ा फर्क लाया जा सकता है। यह कैफे न सिर्फ पेट भरता है, बल्कि दिल को भी छूता है। जब अगली बार आपको कोई छोटी सी गलती परेशान करे, तो इस रेस्तरां के बारे में ज़रूर याद कीजिएगा। विदेशियों को भारतीय संस्कृति में सबसे ज़्यादा क्या पसंद आता है?
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4,909 करोड़ का लॉटरी घोटाला : 74 वर्षीय महिला ने खोली साजिश की परतें, सिस्टम की नींव हिला दी

Lottary
Lottery Scam
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userचेतना मंच
calendar14 JUL 2025 07:11 AM
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Lottery Scam : घोटाले अक्सर पर्दे के पीछे रहते हैं, लेकिन जब एक 74 वर्षीय महिला ने अमेरिका के टेक्सास राज्य में हुए अब तक के सबसे बड़े लॉटरी घोटाले को उजागर किया, तो पूरी दुनिया की निगाहें इस खुलासे पर टिक गईं। अनुमान है कि इस धोखाधड़ी में कुल 4,909 करोड़ रुपये (57 मिलियन डॉलर) का जैकपॉट ठग लिया गया। इस महाघोटाले को अंजाम देने वालों ने तकनीक, नियमों की खामियों और सिस्टम की लापरवाही का संगठित रूप से फायदा उठाया।

डीकाड्स से निगरानी कर रही थीं डॉन नेट्ल्स

इस साजिश का भंडाफोड़ करने वाली महिला हैं डॉन नेट्ल्स। एक अनुभवी स्वतंत्र पत्रकार, जो वर्षों से लॉटरी सिस्टम पर शोध और रिपोर्टिंग कर रही हैं। डॉन लॉटरी फेयरनेस वॉच नामक वेबसाइट चलाती हैं, जहां वह टिकट बिक्री, ड्रा और इससे जुड़ी हर गतिविधि का विश्लेषण पेश करती हैं। अप्रैल 2023 में उन्होंने टेक्सास लॉटरी में एक असामान्य उछाल नोटिस किया, जिससे उन्हें शक हुआ कि पर्दे के पीछे कुछ बहुत बड़ा चल रहा है।

हर नंबर पर दावा करने की योजना

जांच के बाद सामने आया कि पूर्व बैंकर बर्नार्ड मारेंटेली और उनके सहयोगी जेल्जको रानोगाजेक उर्फ द जोकर ने मिलकर करीब 2.5 करोड़ संभावित लॉटरी नंबरों को कवर करने के लिए खुद के टिकट छपवाए। इसके लिए टेक्सास के पुराने दंत चिकित्सालय में एक प्रिंटिंग सेटअप तैयार किया गया, जहां दर्जनों मशीनों से तीन दिन तक टिकट छपते रहे।

ऐप्स के जरिये छपवाए टिकट, सिस्टम बना कमजोर कड़ी

टेक्सास के नियमों के अनुसार कुछ अधिकृत ऐप्स अपने ग्राहकों के लिए टिकट छापने की अनुमति रखते थे। इसी नियम का फायदा उठाकर इन लोगों ने ऐप्स के माध्यम से करोड़ों रुपये के टिकट छाप डाले। 19 अप्रैल के ड्रा में अचानक टिकट बिक्री का आंकड़ा $7.3 मिलियन तक पहुंच गया, जिससे डॉन को पूरा यकीन हो गया कि खेल में गड़बड़ी है।

साइट पर पहुंची तो दुकान नहीं, सिर्फ दो डेस्क

डॉन ने जब विजेता टिकट की बिक्री वाली जगह का दौरा किया, तो वहां न तो कोई लॉटरी काउंटर था और न ही कोई स्टाफ। सिर्फ एक बंद आॅफिस और अंदर दो डेस्क। यहीं से असल घोटाले का परिदृश्य स्पष्ट हुआ। घटना सामने आने के बाद टेक्सास सरकार ने लॉटरी टिकटों की कूरियर और थर्ड पार्टी ऐप बिक्री पर तत्काल रोक लगा दी। लॉटरी विभाग के निदेशक को इस्तीफा देना पड़ा और गवर्नर डैन पैट्रिक ने इसे "टेक्सास के नागरिकों के साथ विश्वासघात" बताया।

सिर्फ खुलासा नहीं, इंसाफ चाहिए : डॉन नेट्ल्स

डॉन का मानना है कि सिर्फ खुलासा काफी नहीं, दोषियों को सजा भी मिलनी चाहिए। वह चाहती हैं कि इस घोटाले को अंजाम देने वालों की गिरफ्तारी हो और लॉटरी तंत्र को पारदर्शी व ईमानदार बनाया जाए। इस घटना ने न सिर्फ टेक्सास की व्यवस्था की खामियां उजागर की हैं, बल्कि यह भी दिखाया कि एक सजग नागरिक की निगरानी कैसे अरबों के फरेब को रोक सकती है। डॉन नेट्ल्स आज लॉटरी सिस्टम की एक "साइलेंट गार्जियन" के रूप में सामने आई हैं।