Defense Budget : जापान ने हाल ही में अपने रक्षा बजट को बढ़ाने का फैसला किया है। 2022 में जापान ने 287.09 बिलियन डॉलर के रक्षा खर्च का लक्ष्य तय किया था, और 2027 तक यह अपनी जीडीपी का 2% रक्षा क्षेत्र पर खर्च करेगा। अब, अमेरिका के कुछ रक्षा विशेषज्ञों ने इसे और बढ़ाकर 3% करने की सिफारिश की है, लेकिन जापान का कहना है कि वह अपना बजट खुद तय करेगा। हालांकि अमेरिका के यूक्रेन के मामले में रुख को देखते हुए अब जापान भी अपने रक्षा बजट को बढ़ाने का फैसला कर चुका है।
अमेरिका के रुख से जापान को क्या सबक मिला
– यूक्रेन युद्ध और अमेरिका का रवैया : रूस-यूक्रेन युद्ध में अमेरिका ने यूक्रेन को समर्थन दिया, लेकिन धीरे-धीरे उसकी रक्षा सहायता कम होती गई। हाल ही में अमेरिका ने यूक्रेन को दी जाने वाली सैन्य मदद रोक दी, जिससे यूक्रेन पर भारी दबाव आ गया।
– ताइवान की चिंता : अमेरिका के इस रुख से ताइवान भी चिंतित हो गया है कि अगर चीन से संघर्ष की स्थिति आती है, तो क्या अमेरिका ताइवान का पूरी तरह साथ देगा?
– अमेरिकी रणनीति : अमेरिका अक्सर पहले सहयोगी देशों को सैन्य समर्थन देता है, लेकिन बाद में अपने आर्थिक और रणनीतिक हितों के लिए अपने कदम वापस भी खींच लेता है। यह इराक, अफगानिस्तान और अब यूक्रेन में देखा जा चुका है।
जापान की सुरक्षा चुनौतियां
– चीन : जापान और चीन के बीच पूर्वी चीन सागर में सेनकाकू द्वीप को लेकर विवाद है।
– उत्तर कोरिया : उत्तर कोरिया अक्सर जापान के पास मिसाइल परीक्षण करता रहता है, जिससे जापान की सुरक्षा को खतरा है।
– रूस : रूस और जापान के बीच कुर्लाइल द्वीप समूह को लेकर विवाद है, और यूक्रेन युद्ध के बाद रूस के रवैये से जापान और सतर्क हो गया है।
क्या जापान आत्मनिर्भर रक्षा नीति अपनाएगा?
जापान अब अमेरिका पर पूरी तरह निर्भर नहीं रहना चाहता और अपनी सेना को मजबूत करने पर ध्यान दे रहा है। जापान के प्रधानमंत्री शिगेरू इशिबा ने साफ कहा है कि रक्षा बजट कितना होना चाहिए, यह जापान खुद तय करेगा, न कि अमेरिका। यूक्रेन युद्ध से जापान ने यह सीखा है कि सुरक्षा के लिए केवल अमेरिका पर निर्भर रहना सही रणनीति नहीं है। जापान अब अपने रक्षा बजट को बढ़ाकर चीन, उत्तर कोरिया और रूस से संभावित खतरों से निपटने की तैयारी कर रहा है।
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