Monday, 23 June 2025

भारत का दो टूक जवाब, बातचीत और आतंकवाद एक साथ नहीं चल सकते

Indo Pak Relations : भारत ने पाकिस्तान और अन्य पड़ोसी देशों को लेकर अपनी विदेश नीति और राष्ट्रीय सुरक्षा के…

भारत का दो टूक जवाब, बातचीत और आतंकवाद एक साथ नहीं चल सकते

Indo Pak Relations : भारत ने पाकिस्तान और अन्य पड़ोसी देशों को लेकर अपनी विदेश नीति और राष्ट्रीय सुरक्षा के रुख को एक बार फिर सख्ती से स्पष्ट किया है। भारत ने पाकिस्तान से दो टूक शब्दों में बता दिया है कि बातचीत और आतंकवाद एक साथ नहीं चल सकते। नीचे इसके प्रमुख बिंदु दिए गए हैं:

-बातचीत और आतंकवाद एक साथ नहीं चल सकते :
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने स्पष्ट किया कि पाकिस्तान से बातचीत तभी संभव है जब वह आतंकवाद का समर्थन पूरी तरह समाप्त करे। भारत ने साफ तौर पर कहा है कि बातचीत और आतंकवाद एक साथ नहीं चल सकते हैं।

-आतंकियों की सूची पर कार्रवाई की माँग :
भारत ने पाकिस्तान को पहले सौंपी गई वांछित आतंकवादियों की सूची पर कार्रवाई करने को कहा है।

-जम्मू-कश्मीर पर चर्चा की शर्त :
कोई भी बातचीत पाक-अधिकृत कश्मीर (पीओके) को खाली किए बिना नहीं होगी।

-सिंधु जल संधि स्थगित:
पानी और खून एक साथ नहीं बह सकते। इस नीति के तहत सिंधु जल संधि पर अमल रोक दिया गया है, जब तक पाकिस्तान आतंकवाद के खिलाफ ठोस कार्रवाई नहीं करता।

अन्य अहम अंतरराष्ट्रीय मुद्दों पर भारत का रुख

चीन-पाक-अफगान त्रिपक्षीय बैठक पर प्रतिक्रिया देते हुए भारत ने कहा कि वह रिपोर्टों से अवगत है, लेकिन टिप्पणी से परहेज किया।
अफगानिस्तान के विदेश मंत्री ने पहलगाम आतंकी हमले की निंदा की, और द्विपक्षीय सहयोग बढ़ाने पर सहमति बनी।
भारत ने तुर्किए से अपील की कि वह पाकिस्तान के सीमा पार आतंकवाद को समर्थन देना बंद करे और वहां मौजूद आतंकी ढांचे के खिलाफ विश्वसनीय कार्रवाई करे। भारत और चीनी विदेश मंत्री वांग यी के बीच 10 मई को वार्ता हुई, जिसमें भारत ने पाकिस्तान से फैले आतंकवाद के प्रति अपना रुख साफ किया।

दुनिया में पाकिस्तान की पोल खोलने की तैयारी

सात प्रतिनिधिमंडलों को वैश्विक स्तर पर भेजा गया है ताकि भारत के खिलाफ आतंकवाद को समर्थन देने वाले पाकिस्तान की भूमिका उजागर की जा सके। भारत दुनिया से आग्रह कर रहा है कि पाकिस्तान को उसके आतंकी कृत्यों के लिए जवाबदेह ठहराया जाए।
पाक उच्चायोग के दो अधिकारी निष्कासित किए गए हैं। दो पाकिस्तानी अधिकारी असंगत गतिविधियों में संलिप्त पाए गए, जिसके बाद उन्हें भारत छोड़ने को कहा गया। एक अधिकारी भारत छोड़ चुका है, दूसरे को 24 घंटे का समय दिया गया।

भारत में अवैध रूप से रह रहे बांग्लादेशी नागरिक

2369 बांग्लादेशी नागरिकों को वापस भेजने की प्रक्रिया 2020 से लंबित है। भारत ने बांग्लादेश सरकार से जल्द वेरिफिकेशन पूरा करने का आग्रह किया है। भारत ने स्पष्ट कर दिया है कि राष्ट्र की सुरक्षा सर्वोपरि है। पाकिस्तान के साथ कोई भी संवाद तभी संभव होगा जब वह आतंकवाद का समर्थन पूरी तरह और स्थायी रूप से बंद करे। इस रुख के साथ भारत वैश्विक मंचों पर भी आतंकवाद के खिलाफ सशक्त अभियान छेड़ रहा है।

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