Monday, 12 May 2025

पीओके को हासिल करना होगा मुश्किल, चीन गंभीर चुनौती

Indo-Pak War : पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (पीओके) को पुन: प्राप्त करने की रणनीति भारत के लिए कई स्तरों पर चुनौतीपूर्ण…

पीओके को हासिल करना होगा मुश्किल, चीन गंभीर चुनौती

Indo-Pak War : पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (पीओके) को पुन: प्राप्त करने की रणनीति भारत के लिए कई स्तरों पर चुनौतीपूर्ण होगी, विशेषकर जब चीन की भागीदारी और क्षेत्र की भौगोलिक जटिलताएं शामिल हैं।​ पीओके में चीन की उपस्थिति भारत के लिए एक गंभीर चुनौती प्रस्तुत करती है। चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारा (सीपीईसी) इस क्षेत्र से होकर गुजरता है, जो चीन के लिए रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण है। इसके तहत चीन ने पीओके में बंकरों, सड़कों और अन्य सैन्य ढांचों का निर्माण किया है, जिससे भारत के लिए सैन्य अभियान और भी कठिन हो सकता है। ​

भौगोलिक और सैन्य चुनौतियाँ

पीओके का भूगोल अत्यंत दुर्गम है, जिसमें ऊँचे पहाड़, गहरी घाटियाँ और संकरे दर्रे शामिल हैं। पाकिस्तानी सेना ने इस क्षेत्र में मजबूत रक्षा संरचनाएँ स्थापित की हैं, जिससे भारतीय सेना के लिए यहाँ अभियान चलाना जटिल हो सकता है। इसके अलावा, स्थानीय आबादी की प्रतिक्रिया और समर्थन भी एक महत्वपूर्ण कारक होगा।​

चीन का संभावित हस्तक्षेप

हालांकि वर्तमान में चीन ने भारत और पाकिस्तान दोनों से संयम बरतने की अपील की है, लेकिन पीओके में चीन की आर्थिक और रणनीतिक निवेश को देखते हुए, किसी भी सैन्य कार्रवाई पर उसकी प्रतिक्रिया अनिश्चित हो सकती है। विशेषज्ञों का मानना है कि चीन सीधे हस्तक्षेप से बच सकता है, लेकिन वह पाकिस्तान को खुफिया जानकारी, ड्रोन और सैटेलाइट डेटा प्रदान कर सकता है। ​

भारत की संभावित रणनीति

भारत “सलामी स्लाइसिंग” रणनीति अपना सकता है, जिसमें धीरे-धीरे छोटे क्षेत्रों पर नियंत्रण स्थापित किया जाता है।​ चीन और पाकिस्तान के संचार और लॉजिस्टिक्स को बाधित करने के लिए भारत को उन्नत इलेक्ट्रॉनिक युद्ध प्रणाली और सैटेलाइट निगरानी का उपयोग करना होगा।​ पीओके की जनता में पाकिस्तान के प्रति असंतोष को बढ़ावा देकर भारत को स्थानीय समर्थन प्राप्त करने की कोशिश करनी चाहिए।​ अंतरराष्ट्रीय मंचों पर पाकिस्तान के खिलाफ आतंकवाद के समर्थन के सबूत प्रस्तुत करके भारत को वैश्विक समर्थन जुटाना होगा।​

भारत को एक बहुआयामी रणनीति अपनानी होगी

पीओके को पुन: प्राप्त करने की दिशा में भारत को एक बहुआयामी रणनीति अपनानी होगी, जिसमें सैन्य, कूटनीतिक और सामाजिक पहलुओं का समावेश हो। चीन की उपस्थिति और क्षेत्र की भौगोलिक जटिलताएं इस प्रयास को और भी चुनौतीपूर्ण बनाती हैं। इसलिए, किसी भी कार्रवाई से पहले व्यापक योजना और अंतरराष्ट्रीय समर्थन सुनिश्चित करना आवश्यक होगा। Indo-Pak War

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