Indo-Pak War : पाकिस्तान ने हाल ही में सतह से सतह पर मार करने वाली “अब्दाली मिसाइल” का परीक्षण किया। इस परीक्षण को वह इतनी बड़ी उपलब्धि मान रहा है जैसे उसने चाँद पर झंडा गाड़ दिया हो। लेकिन जरा ठहरिए इस मिसाइल की रेंज 450 किलोमीटर है, और अगर आप इसे लाहौर से दागें तो यह इस्लामाबाद से आगे नहीं जा सकती।
-लाहौर से इस्लामाबाद की दूरी: 378 किमी
-लाहौर से पेशावर की दूरी: 521 किमी
-अब्दाली की अधिकतम रेंज: 450 किमी
भारत बनाम पाकिस्तान : मिसाइल की असल ताकत
तो सवाल उठता है अगर दुश्मन सीमा के पार भी नहीं है, तो ये मिसाइल उड़कर क्या अपने ही शहरों पर गिरने के लिए बनी है? भारत और पाकिस्तान की मिसाइल क्षमताओं की तुलना करना बुलेट और ब्रह्मास्त्र को एक ही तराजू पर तौलने जैसा है। भारत की मिसाइलें सिर्फ लंबी दूरी तक नहीं जातीं, बल्कि सटीकता, गति और नाभिकीय क्षमताओं में भी कहीं आगे हैं। ब्रह्मोस जैसी मिसाइल को दुनिया की सबसे तेज सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल माना जाता है।
भारत की मिसाइलें क्षमता पाकिस्तान की मिसाइलें क्षमता
अग्नि-5 5,000+ किमी अब्दाली 450 किमी
ब्रह्मोस (क्रूज) 800+ किमी गजनवी 290 किमी
पृथ्वी-2 350 किमी, परमाणु सक्षम शाहीन-1 750 किमी
अब्दाली परीक्षण : आंतरिक बौखलाहट की बाहरी नुमाइश
पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पाकिस्तान पर दबाव बढ़ गया है। ऐसे में अब्दाली का परीक्षण करना महज एक खानापूर्ति लगता है। न अंतरराष्ट्रीय मीडिया ने इसे कोई खास महत्व दिया न सैन्य विशेषज्ञों ने इसे गंभीरता से लिया। यह मिसाइल परीक्षण दूध में पानी मिलाकर मलाई खोजने जैसा प्रयास है। न ऊर्जा, न प्रभाव, न भविष्य।
दुनिया हंस रही है, और पाकिस्तान बधाई बाँट रहा है
पाकिस्तानी प्रधानमंत्री, राष्ट्रपति और सैन्य प्रमुखों ने अब्दाली के सफल परीक्षण पर वैज्ञानिकों को बधाई दी। लेकिन क्या यह बधाई है या सांत्वना? जब आपके पास अग्नि-5 जैसी इंटरकॉन्टिनेंटल बैलिस्टिक मिसाइलों का कोई जवाब नहीं, तब 450 किमी की सीमा में फुस्स मिसाइल चलाकर तालियाँ बजाना सिर्फ खुद को धोखा देना है। सच तो यह है कि रणनीतिक दृष्टिकोण से अब्दाली का महत्व शून्य है। ये मिसाइल परमाणु हथियार ले जा सकती है, लेकिन इतनी कम दूरी पर? क्या पाकिस्तान अपने ही शहरों को टारगेट करना चाहता है? क्या ये मिसाइल भारत की रक्षा प्रणाली को भेद सकती है? बिलकुल नहीं!
अब्दाली नहीं, यह पाकिस्तान की ‘अस्थिरता’ का परीक्षण था
भारत जहां “मेक इन इंडिया” के तहत रक्षा और अंतरिक्ष तकनीक में आत्मनिर्भरता और वैश्विक नेतृत्व की ओर अग्रसर है, वहीं पाकिस्तान अब भी छोटी दूरी की, पुरानी तकनीक वाली मिसाइलों पर इतराने में व्यस्त है। अब्दाली मिसाइल परीक्षण असल में पाकिस्तान की सैन्य रणनीति का नहीं, बल्कि उसकी राजनीतिक हताशा और कूटनीतिक बौखलाहट का प्रतीक है। Indo-Pak War
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