Friday, 20 June 2025

पाकिस्तान तुर्किए से बड़े विनाश के कगार पर, कराची में सक्रिय हुई फॉल्टलाइन, जनमानस में भय

Islamabad : तुर्किए में हाल ही में आए भूकंप के झटकों ने एक बार फिर वर्ष 2023 की भीषण त्रासदी…

पाकिस्तान तुर्किए से बड़े विनाश के कगार पर, कराची में सक्रिय हुई फॉल्टलाइन, जनमानस में भय

Islamabad : तुर्किए में हाल ही में आए भूकंप के झटकों ने एक बार फिर वर्ष 2023 की भीषण त्रासदी की याद ताजा कर दी, जब 7.8 तीव्रता वाले विनाशकारी भूकंप ने हजारों जिदगियों को निगल लिया था। अब ठीक इसी प्रकार की हलचल पाकिस्तान के सबसे बड़े शहर कराची में भी दर्ज की गई है, जिसने विशेषज्ञों को तो चिंतित किया ही है, आम नागरिकों के मन में भी भय का वातावरण बना दिया है।

कराची में एक के बाद एक झटके, लोगों में बढ़ा तनाव

रविवार रात से लेकर सोमवार सुबह तक कराची में कई बार धरती हिली। लोग घबराकर घरों से बाहर निकल आए और सड़कों पर जमा हो गए। सोशल मीडिया पर सैकड़ों उपयोगकतार्ओं ने इन झटकों को लेकर चिंता जताई और सवाल किया कि क्या ये किसी बड़े भूकंप की पूर्वसूचना है? पाकिस्तान मौसम विभाग की आधिकारिक जानकारी के अनुसार, 1 और 2 जून के बीच कराची में कुल 5 भूकंप दर्ज किए गए, हालांकि कुछ मीडिया रिपोर्ट्स इस संख्या को 11 तक बता रही हैं। राहत की बात यह रही कि इनमें से कोई भी झटका उच्च तीव्रता का नहीं था, लेकिन बार-बार की हलचल से लोगों की मानसिक शांति भंग हुई है।

सक्रिय हुई कराची की ‘सोई हुई’ फॉल्टलाइन

भूकंपीय गतिविधि के पीछे की वैज्ञानिक वजह बताते हुए मौसम विभाग ने खुलासा किया है कि कराची के लांधी क्षेत्र के नीचे स्थित एक पुरानी फॉल्टलाइन अब सक्रिय हो चुकी है। जब कोई फॉल्टलाइन जागृत होती है, तो वह धीरे-धीरे संचित ऊर्जा को मुक्त करती है, जिसके परिणामस्वरूप बार-बार हल्के झटके आते हैं। बीबीसी की एक रिपोर्ट के अनुसार, इस प्रकार की भूकंपीय गतिविधियाँ कुछ दिनों में सामान्य हो जाती हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि कराची की भूगर्भीय प्लेटें अत्यधिक संवेदनशील नहीं मानी जातीं और इतिहास में यहां कोई अत्यधिक विनाशकारी भूकंप दर्ज नहीं हुआ है।

क्या सुनामी या बड़े भूकंप की आशंका है?

कराची में सुनामी की संभावना फिलहाल नगण्य मानी जा रही है। इसकी मुख्य वजह यह है कि इस क्षेत्र की टेक्टोनिक प्लेट्स अपेक्षाकृत स्थिर हैं। हालांकि, बलूचिस्तान के समुद्र तटीय इलाकों जहां अरब और यूरेशियन प्लेटें आपस में मिलती हैं में सुनामी का खतरा अपेक्षाकृत अधिक बना रहता है। जियोलॉजिकल सर्वे आॅफ पाकिस्तान के अनुसार, देश का लगभग दो-तिहाई हिस्सा फॉल्टलाइन पर स्थित है। कराची को भूकंपीय संवेदनशीलता के ‘जोन-3’ में रखा गया है, जो मध्यम श्रेणी का खतरा दर्शाता है।

घबराएं नहीं, तैयार रहें, यही है सुरक्षा मंत्र

भविष्य में किसी बड़ी आपदा की आशंका से इनकार नहीं किया जा सकता, लेकिन विशेषज्ञों की राय में घबराने की बजाय सतर्क रहना अधिक आवश्यक है। लोगों को भूकंप-रोधी निर्माण को प्राथमिकता देना चाहिए। जन-जागरूकता कार्यक्रमों को बढ़ावा देना चाहिए। तथा आपदा प्रबंधन योजनाओं को अद्यतन और व्यवहारिक बनाना जरूरी है। तथा खुला स्थान और निकासी मार्ग सुनिश्चित करना, ये सभी उपाय संभावित नुकसान को न्यूनतम कर सकते हैं।

आपदा से पहले की तैयारी ही सबसे प्रभावी सुरक्षा कवच

विशेषज्ञ यह भी सलाह दे रहे हैं कि ऊँची इमारतों में रहने वाले लोग विशेष सतर्कता बरतें और भूकंप के समय क्या करना है, इसके स्पष्ट दिशानिर्देश परिवारों के साथ साझा किए जाएं। पाकिस्तान के कराची में फॉल्टलाइन की सक्रियता भले ही तत्काल बड़े खतरे का संकेत न दे रही हो, लेकिन यह निश्चित रूप से एक चेतावनी है कि समय रहते हम भूकंपीय जोखिमों को गंभीरता से लें। आपदा से पहले की तैयारी ही सबसे प्रभावी सुरक्षा कवच है।

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