Pahalgam Terror Attack : पाकिस्तान द्वारा हाल ही में आधी रात को लिए गए महत्वपूर्ण निर्णयों की श्रृंखला ने अंतरराष्ट्रीय समुदाय का ध्यान आकर्षित किया है। विशेषज्ञों का मानना है कि ये कदम भारत के साथ बढ़ते तनाव और आंतरिक अस्थिरता के बीच लिए जा रहे हैं, जिनका उद्देश्य घरेलू और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर संदेश देना है।
आधी रात के फैसलों के पीछे की रणनीति
राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार की नियुक्ति : 29 अप्रैल को आधी रात के समय, पाकिस्तान ने इंटर-सर्विसेज इंटेलिजेंस (आईएसआई) के प्रमुख लेफ्टिनेंट जनरल मुहम्मद असीम मलिक को राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (एनएसए) नियुक्त किया। यह नियुक्ति ऐसे समय में हुई जब भारत के साथ तनाव चरम पर है, और यह संकेत देती है कि पाकिस्तान की सुरक्षा और विदेश नीति में सेना की भूमिका बढ़ रही है।
राष्ट्रीय असेंबली का विशेष सत्र : राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी ने 4 मई की रात को घोषणा की कि 5 मई को शाम 5 बजे नेशनल असेंबली का विशेष सत्र बुलाया जाएगा। इस सत्र में भारत के साथ बढ़ते तनाव, सिंधु जल संधि की स्थिति और राष्ट्रीय सुरक्षा पर चर्चा होने की संभावना है।
अंतरराष्ट्रीय छवि सुधारने की कोशिश
पाकिस्तान ने विदेशी मीडिया को नियंत्रण रेखा (एलओसी) के पास आमंत्रित किया है, ताकि यह दिखाया जा सके कि उसकी सीमा में कोई आतंकवादी गतिविधि नहीं हो रही है। यह कदम अंतरराष्ट्रीय समुदाय को यह संदेश देने के लिए उठाया गया है कि पाकिस्तान आतंकवाद के खिलाफ कार्रवाई कर रहा है।
परमाणु हथियारों की धमकी
पाकिस्तान के राजदूत मुहम्मद खालिद जमाली ने रूस में एक साक्षात्कार में कहा कि यदि भारत ने पाकिस्तान पर हमला किया या उसकी जल आपूर्ति को बाधित किया, तो पाकिस्तान “पूर्ण शक्ति” का उपयोग करेगा, जिसमें परमाणु हथियार भी शामिल हैं। पाकिस्तान द्वारा आधी रात को लिए जा रहे निर्णयों का उद्देश्य घरेलू अस्थिरता को नियंत्रित करना, सेना की भूमिका को मजबूत करना और अंतरराष्ट्रीय समुदाय को यह संदेश देना है कि वह स्थिति को गंभीरता से ले रहा है। हालांकि, इन कदमों से क्षेत्रीय तनाव और बढ़ सकता है। Pahalgam Terror Attack
भारत हाजी पीर दर्रे पर कब्जा करे तभी आतंकी गतिविधियों पर होगा प्रहार
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