PM Modi : शिवुसागर रामगुलाम की विरासत से लेकर रक्षा और व्यापार तक, भारत-मॉरीशस के अटूट रिश्तों की पूरी कहानी शिवुसागर रामगुलाम – भारतीय जड़ों से जुड़े नेतामॉरीशस के प्रमुख नेता शिवुसागर रामगुलाम की पारिवारिक जड़ें बिहार से जुड़ी हुई थीं। बताया जाता है कि उनके पिता, मोहित रामगुलाम, महज 18 वर्ष की उम्र में मॉरीशस पहुंचे थे। उनके साथ सैकड़ों की संख्या में लोग बिहार से मॉरीशस आए थे। मोहित रामगुलाम और उनके बड़े भाई, भोजपुर जिले के हरिगांव से आए थे। उन्होंने 1898 में बासमती रामचरण से विवाह किया और दो साल बाद शिवुसागर रामगुलाम का जन्म हुआ।
शिवुसागर रामगुलाम ने अपनी सांस्कृतिक विरासत को महत्व दिया और संस्कृत एवं भोजपुरी भाषा में शिक्षा ग्रहण की। उनके प्रयासों से ही मॉरीशस में हजारों प्रवासियों ने भोजपुरी भाषा को अपनाया और इसे अपनी शिक्षा और संवाद का अभिन्न अंग बनाया।
मॉरीशस भारत के लिए बेहद महत्वपूर्ण
भारत के लिए मॉरीशस का कूटनीतिक महत्वहिंद महासागर में अपनी सामरिक स्थिति के कारण, मॉरीशस भारत के लिए बेहद महत्वपूर्ण है। 2015 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दौरे के दौरान, दोनों देशों ने मॉरीशस के अगालेगा द्वीप पर परिवहन सुविधाओं के विकास के लिए समझौता किया। यह द्वीप, मॉरीशस के मुख्य भूभाग से 1100 किमी दूर स्थित है और भारत के रणनीतिक हितों के काफी करीब है। यह लगभग 70 वर्ग किलोमीटर के क्षेत्र में फैला हुआ है और भारत की सुरक्षा दृष्टि से अहम माना जाता है।
फरवरी 2024 में, भारत और मॉरीशस ने इस द्वीप पर एक एयर स्ट्रिप और जेटी प्रोजेक्ट का उद्घाटन किया, जो क्षेत्र में भारत की रक्षा क्षमताओं को मजबूत करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम था। इसके अलावा, चीन की विस्तारवादी नीति को ध्यान में रखते हुए इस क्षेत्र की सुरक्षा के लिए यह प्रोजेक्ट विशेष रूप से महत्वपूर्ण है।
रक्षा, व्यापार और शिक्षा में भारत-मॉरीशस संबंध
रक्षा क्षेत्र में सहयोग :भारत और मॉरीशस लंबे समय से रक्षा क्षेत्र में सहयोग कर रहे हैं। भारतीय नौसेना प्राकृतिक आपदाओं और सैन्य अभियानों में मॉरीशस की सहायता करती रही है। इसके अलावा, दोनों देश अपने व्यापार मार्गों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए एक नए समझौते पर चर्चा कर सकते हैं। साथ ही, हिंद महासागर में सुरक्षा को और मजबूत करने के लिए रियल टाइम डेटा साझा करने की योजना भी बन सकती है।
व्यापारिक रिश्ते : भारत और मॉरीशस के बीच व्यापारिक संबंध काफी गहरे हैं। मॉरीशस, भारत में विदेशी प्रत्यक्ष निवेश (एफडीआई) का एक प्रमुख स्रोत है और सिंगापुर के बाद दूसरे स्थान पर आता है। 2021 में, भारत और मॉरीशस के बीच एक व्यापक आर्थिक सहयोग और साझेदारी समझौता (सीईसीपीए) हुआ, जो किसी भी अफ्रीकी देश के साथ भारत का पहला व्यापार समझौता था।
शिक्षा में सहयोग : शिक्षा के क्षेत्र में भी भारत और मॉरीशस के बीच मजबूत संबंध हैं। वर्तमान में लगभग 2300 भारतीय छात्र मॉरीशस में उच्च शिक्षा प्राप्त कर रहे हैं, जिनमें चिकित्सा, होटल मैनेजमेंट और बिजनेस स्टडीज प्रमुख विषय हैं। इसके अतिरिक्त, भारत ने 2002-03 से अब तक लगभग 5000 मॉरीशियाई नागरिकों को अपने तकनीकी और आर्थिक सहयोग कार्यक्रम के तहत प्रशिक्षण दिया है। PM Modi
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