जेलेंस्की ने मुस्लिम देशों को साधने की कोशिश की, मिली निराशा

Jel
Rusia Ukraine War
locationभारत
userचेतना मंच
calendar02 MAR 2025 06:06 PM
bookmark
Rusia Ukraine War : यूक्रेन युद्ध के आरंभ से ही राष्ट्रपति वोलोडिमिर जेलेंस्की ने मुस्लिम देशों का समर्थन प्राप्त करने के लिए प्रयास किए थे। मई 2023 में, उन्होंने जेद्दा में आयोजित अरब शिखर सम्मेलन में भाग लिया, जहां उन्होंने मुस्लिम देशों के नेताओं से मुलाकात की और क्रीमिया के मुस्लिम समुदाय की दुर्दशा पर चिंता व्यक्त की। उन्होंने क्रीमिया के मुसलमानों को यूक्रेनी मुस्लिम संस्कृति का केंद्र बताते हुए वैश्विक इस्लामी दुनिया का अभिन्न अंग कहा।

शांति वार्ता के लिए रख दी अपनी शर्त

उस समय, सऊदी अरब के क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान ने रूस और यूक्रेन के बीच मध्यस्थता की पेशकश की थी, जिसे जेलेंस्की ने यह कहते हुए अस्वीकार कर दिया था कि शांति तभी संभव है जब रूसी सैनिक यूक्रेनी क्षेत्र छोड़ दें। इस तरह जब भी शांति वार्ता की बात कोई देश करता है तो यूक्रेन उसमें कुछ न कुछ अड़ंंगा लगा देता है। अब अमेरिका जब आगे बढ़ा तो उसके भी शांति वार्ता के प्रस्ताव को ठुकरा कर उससे भी पंगा ले लिया।

सऊदी अरब ने अमेरिका और रूस के बीच शांति वार्ता की मध्यस्थता की

हालांकि, हालिया घटनाक्रम में, सऊदी अरब ने अमेरिका और रूस के बीच शांति वार्ता की मध्यस्थता की है, जिसमें यूक्रेन को शामिल नहीं किया गया है। 18 फरवरी 2025 को, सऊदी अरब की राजधानी रियाद में अमेरिका और रूस के शीर्ष अधिकारियों के बीच बैठक आयोजित की गई, जिसका उद्देश्य यूक्रेन में जारी संघर्ष को समाप्त करने के तरीकों पर चर्चा करना था। इस बैठक में दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय संबंधों को सुधारने और यूक्रेन में शांति स्थापित करने के लिए उच्च स्तरीय टीम के गठन पर सहमति बनी।

मुस्लिम देशों से समर्थन की थी उम्मीद

यह घटनाक्रम जेलेंस्की के लिए अप्रत्याशित था, क्योंकि उन्होंने मुस्लिम देशों से समर्थन की उम्मीद की थी, लेकिन अब वही देश रूस और अमेरिका के बीच मध्यस्थता कर रहे हैं, जिसमें यूक्रेन को वार्ता से बाहर रखा गया है। यूक्रेन को मुस्लिम देशों से काफी उम्मीद थी जो उसकी नैया को पार लगाने में मदद कर सकते थे। अब वो उम्मीद भी नहीं रही, और तो और उसने अमेरिका जैसे देश को जो उसकी भरपूर मदद कर रहा था को भी नाराज कर दिया है।

सीएम देवेंद्र फडणवीस और एकनाथ शिंदे के बीच तनाव चरम पर, समीक्षा शुरू

ग्रेटर नोएडा– नोएडा की खबरों से अपडेट रहने के लिए चेतना मंच से जुड़े रहें। 

देशदुनिया की लेटेस्ट खबरों से अपडेट रहने के लिए हमेंफेसबुकपर लाइक करें याट्विटरपर फॉलो करें।

अगली खबर पढ़ें

जेलेंस्की ने मुस्लिम देशों को साधने की कोशिश की, मिली निराशा

Jel
Rusia Ukraine War
locationभारत
userचेतना मंच
calendar02 MAR 2025 06:06 PM
bookmark
Rusia Ukraine War : यूक्रेन युद्ध के आरंभ से ही राष्ट्रपति वोलोडिमिर जेलेंस्की ने मुस्लिम देशों का समर्थन प्राप्त करने के लिए प्रयास किए थे। मई 2023 में, उन्होंने जेद्दा में आयोजित अरब शिखर सम्मेलन में भाग लिया, जहां उन्होंने मुस्लिम देशों के नेताओं से मुलाकात की और क्रीमिया के मुस्लिम समुदाय की दुर्दशा पर चिंता व्यक्त की। उन्होंने क्रीमिया के मुसलमानों को यूक्रेनी मुस्लिम संस्कृति का केंद्र बताते हुए वैश्विक इस्लामी दुनिया का अभिन्न अंग कहा।

शांति वार्ता के लिए रख दी अपनी शर्त

उस समय, सऊदी अरब के क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान ने रूस और यूक्रेन के बीच मध्यस्थता की पेशकश की थी, जिसे जेलेंस्की ने यह कहते हुए अस्वीकार कर दिया था कि शांति तभी संभव है जब रूसी सैनिक यूक्रेनी क्षेत्र छोड़ दें। इस तरह जब भी शांति वार्ता की बात कोई देश करता है तो यूक्रेन उसमें कुछ न कुछ अड़ंंगा लगा देता है। अब अमेरिका जब आगे बढ़ा तो उसके भी शांति वार्ता के प्रस्ताव को ठुकरा कर उससे भी पंगा ले लिया।

सऊदी अरब ने अमेरिका और रूस के बीच शांति वार्ता की मध्यस्थता की

हालांकि, हालिया घटनाक्रम में, सऊदी अरब ने अमेरिका और रूस के बीच शांति वार्ता की मध्यस्थता की है, जिसमें यूक्रेन को शामिल नहीं किया गया है। 18 फरवरी 2025 को, सऊदी अरब की राजधानी रियाद में अमेरिका और रूस के शीर्ष अधिकारियों के बीच बैठक आयोजित की गई, जिसका उद्देश्य यूक्रेन में जारी संघर्ष को समाप्त करने के तरीकों पर चर्चा करना था। इस बैठक में दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय संबंधों को सुधारने और यूक्रेन में शांति स्थापित करने के लिए उच्च स्तरीय टीम के गठन पर सहमति बनी।

मुस्लिम देशों से समर्थन की थी उम्मीद

यह घटनाक्रम जेलेंस्की के लिए अप्रत्याशित था, क्योंकि उन्होंने मुस्लिम देशों से समर्थन की उम्मीद की थी, लेकिन अब वही देश रूस और अमेरिका के बीच मध्यस्थता कर रहे हैं, जिसमें यूक्रेन को वार्ता से बाहर रखा गया है। यूक्रेन को मुस्लिम देशों से काफी उम्मीद थी जो उसकी नैया को पार लगाने में मदद कर सकते थे। अब वो उम्मीद भी नहीं रही, और तो और उसने अमेरिका जैसे देश को जो उसकी भरपूर मदद कर रहा था को भी नाराज कर दिया है।

सीएम देवेंद्र फडणवीस और एकनाथ शिंदे के बीच तनाव चरम पर, समीक्षा शुरू

ग्रेटर नोएडा– नोएडा की खबरों से अपडेट रहने के लिए चेतना मंच से जुड़े रहें। 

देशदुनिया की लेटेस्ट खबरों से अपडेट रहने के लिए हमेंफेसबुकपर लाइक करें याट्विटरपर फॉलो करें।

अगली खबर पढ़ें

ट्रंप और जेलेंस्की के बीच हुई तीखी बहस, अमेरिका ने सहायता रोकी

Tramp jelenski
Russia Ukraine War
locationभारत
userचेतना मंच
calendar01 MAR 2025 04:10 PM
bookmark
Russia Ukraine War : अमेरिका और यूक्रेन के बीच हालिया बैठक के बाद तनाव और बढ़ गया है। वॉशिंगटन डी.सी. में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और यूक्रेनी राष्ट्रपति वोलोदिमिर जेलेंस्की के बीच हुई तीखी बहस ने अप्रत्याशित मोड़ ले लिया, जिसके बाद अमेरिका ने यूक्रेन को दी जाने वाली सभी आर्थिक और सैन्य सहायता पर तत्काल प्रभाव से रोक लगाने का फैसला किया है। इस फैसले से रूस-यूक्रेन युद्ध में एक बड़ा मोड़ आ सकता है, क्योंकि अमेरिका अब तक यूक्रेन का सबसे बड़ा सैन्य सहयोगी रहा है।

आखिर बैठक में क्या हुआ

बैठक के दौरान ट्रंप ने जेलेंस्की से स्पष्ट रूप से कहा कि अमेरिका के समर्थन के बिना यूक्रेन के पास रूस के खिलाफ कोई मजबूत विकल्प नहीं बचेगा। ट्रंप प्रशासन यूक्रेन के प्राकृतिक संसाधनों, खासकर खनिजों तक अमेरिका की पहुंच सुनिश्चित करने के लिए एक समझौता चाहता था, लेकिन जेलेंस्की ने इस प्रस्ताव को खारिज कर दिया। इसके बाद दोनों नेताओं के बीच गरमागरम बहस हुई, और जेलेंस्की बैठक बीच में छोड़कर चले गए। इस विवाद के कारण दोनों देशों की संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस भी रद कर दी गई।

अमेरिका की ओर से कड़ा फैसला

बैठक के बाद अमेरिका ने न सिर्फ यूक्रेन को दी जा रही सैन्य और आर्थिक सहायता पर तत्काल प्रभाव से रोक लगा दी, बल्कि विदेशी सहायता के अन्य कार्यक्रमों को भी रोकने का निर्णय लिया। हालांकि, इजराइल और मिस्र को इस फैसले से छूट दी गई है। इस फैसले का असर न केवल यूक्रेन बल्कि अन्य उन देशों पर भी पड़ेगा, जिन्हें अमेरिका से वित्तीय सहायता मिलती रही है। इस तरह से यूक्रेन के राष्ट्रपति की सख्ती का असर जल्द ही दिखाई देने लगेगा। हालांकि अब जेलेंस्की सहायता के लिए इंगलैंड का मनाने की कोशिश में जुट गए हैं।

यूक्रेन पर असर

अमेरिकी मदद पर रोक लगने से यूक्रेन की सैन्य क्षमताएं कमजोर पड़ सकती हैं। अमेरिका ने यूक्रेन को हथियारों, मिसाइलों और सैन्य उपकरणों की आपूर्ति जारी रखी थी, जो अब बाधित हो जाएगी। इसके अलावा, अमेरिका ने यूक्रेन की स्टारलिंक इंटरनेट सेवाओं की पहुंच भी बंद करने की धमकी दी है। अगर ऐसा होता है, तो यूक्रेन की सैन्य संचार प्रणाली पर गंभीर असर पड़ेगा, जिससे रूस के खिलाफ उसकी युद्ध रणनीति प्रभावित हो सकती है।

यूरोप की प्रतिक्रिया

अमेरिका के इस फैसले के बाद अब सवाल उठने लगे हैं कि क्या यूरोपीय देश यूक्रेन की मदद जारी रखेंगे? जर्मनी और फ्रांस ने पहले ही यूक्रेन को समर्थन देने की बात कही है, लेकिन अमेरिका जैसी बड़ी सैन्य और आर्थिक सहायता की भरपाई करना यूरोपीय देशों के लिए चुनौतीपूर्ण हो सकता है। जेलेंस्की सहायता प्राप्त करने के लिए इंग्लैंड रवाना हो गए हैं। देखना है अब युक्रेन अपना युद्ध किस तरह जारी रख पाएगा, क्यों कि उसका सबसे बड़ा सहयोगी सहायता करने वाला अमेरिका ने हर तरह की सहायता पर रोक लगा दी है।

रूस को होगा फायदा

अमेरिका की ओर से समर्थन बंद होने के बाद रूस को इस युद्ध में एक रणनीतिक बढ़त मिल सकती है। पुतिन प्रशासन पहले से ही पश्चिमी देशों की मदद को लेकर सवाल उठाता रहा है, और अब अमेरिकी सहायता बंद होने से रूस को आक्रामक रणनीति अपनाने का मौका मिल सकता है। रूस ने अमेरिका के सहायता रोकते ही नए सिरे से आक्रमण की रूपरेखा तैयार करना शुरू कर दिया है, जो जल्द ही सबके सामने आने वाला है।

रूस से ठोस सुरक्षा गारंटी के बाद ही जेलेंस्की शांति वार्ता करेंगे

यूक्रेन के राष्ट्रपति जेलेंस्की ने कहा है कि वे किसी भी कीमत पर रूस से बिना किसी ठोस सुरक्षा गारंटी के शांति वार्ता नहीं करेंगे। अब यह देखना दिलचस्प होगा कि क्या अमेरिका इस फैसले पर दोबारा विचार करेगा या फिर यूरोपीय देश यूक्रेन की मदद के लिए आगे आएंगे। इस घटनाक्रम के बाद अंतरराष्ट्रीय राजनीति में हलचल मच गई है और पूरी दुनिया इस बात पर नजर गड़ाए हुए है कि आगे क्या होने वाला है।

लखनऊ एयरपोर्ट पर आज से कई उड़ाने रहेंगी रद, होगी परेशानी

ग्रेटर नोएडा– नोएडा की खबरों से अपडेट रहने के लिए चेतना मंच से जुड़े रहें। 

देशदुनिया की लेटेस्ट खबरों से अपडेट रहने के लिए हमेंफेसबुकपर लाइक करें याट्विटरपर फॉलो करें।