इस देश ने 101 विदेशी नागरिकों को दी फांसी, मानवाधिकारों पर उठ रहे सवाल!

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Saudi Arabia
locationभारत
userचेतना मंच
calendar19 NOV 2024 10:56 AM
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Saudi Arabia : सऊदी अरब में मृत्युदंड के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं, जो दुनियाभर का ध्यान खींच रहे हैं। 2024 में अब तक 101 विदेशी नागरिकों को फांसी दी जा चुकी है, जो पिछले दो वर्षों के आंकड़ों से काफी अधिक है। सुन्नी-बहुल इस खाड़ी देश में विदेशी नागरिकों के लिए सजा-ए-मौत के मामलों में बढ़ोतरी देखी गई है। हाल ही में ड्रग तस्करी के आरोप में एक यमनी नागरिक को मृत्युदंड दिया गया, जिससे इस वर्ष का कुल आंकड़ा 101 पर पहुंच गया।

विदेशी नागरिकों को मिली सजा

2022 और 2023 में सऊदी अरब में 34 विदेशी नागरिकों को मौत की सजा दी गई थी। इसके मुकाबले इस वर्ष मृत्युदंड के मामलों में लगभग तीन गुना वृद्धि हुई है। आंकड़ों के अनुसार, मृत्युदंड पाने वाले विदेशी नागरिकों में सबसे अधिक 21 लोग पाकिस्तान से थे, जबकि तीन भारतीय नागरिक भी शामिल हैं। इसके अलावा, यमन के 20, सीरिया के 14, नाइजीरिया के 10, मिस्र के 9, जॉर्डन के 8, और इथियोपिया के 7 नागरिकों को भी फांसी दी गई है।

फांसी के बढ़ते आंकड़े

ड्रग्स तस्करी जैसे अपराधों पर कठोर सजा देने की नीति के कारण सऊदी अरब में मृत्युदंड के मामलों में तेजी आई है। इस वर्ष अब तक 92 लोगों को नशीली दवाओं से जुड़े मामलों में फांसी दी गई, जिनमें 69 विदेशी शामिल हैं।

सऊदी अरब में मृत्युदंड की प्रक्रिया

इस्लामी कानून के तहत सऊदी अरब में अपराधों को तीन श्रेणियों में बांटा जाता है—किसास (बदला), हद (अनिवार्य), और ताजीर (अदालती विवेकाधिकार)। अदालतों को यह तय करने का अधिकार है कि किसी अपराध के लिए किस प्रकार की सजा दी जानी चाहिए। 2022 में सऊदी अरब ने ड्रग्स से संबंधित अपराधों पर मृत्युदंड की रोक हटा दी थी, जिससे मौत की सजा के मामलों में अचानक वृद्धि हुई।

अंतरराष्ट्रीय आलोचना

मानवाधिकार संगठनों और अन्य देशों ने सऊदी अरब की इस कठोर नीति की आलोचना की है। एमनेस्टी इंटरनेशनल के अनुसार, सऊदी अरब अब मृत्युदंड के मामलों में चीन और ईरान के बाद तीसरे स्थान पर है। 2024 में मृत्युदंड की कुल संख्या नवंबर तक 274 तक पहुंच गई, जो तीन दशकों का सबसे बड़ा आंकड़ा है। क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान द्वारा सुधारवादी छवि प्रस्तुत करने के प्रयासों के बावजूद, कठोर सजा और मानवाधिकारों पर कड़े रुख ने सऊदी अरब की अंतरराष्ट्रीय छवि पर सवाल खड़े किए हैं। Saudi Arabia

पूरी दुनिया में बजा भारत का जोरदार डंका, डीआरडीओ ने गाड़ दिया झंडा

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Saudi Arabia : सऊदी अरब में मृत्युदंड के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं, जो दुनियाभर का ध्यान खींच रहे हैं। 2024 में अब तक 101 विदेशी नागरिकों को फांसी दी जा चुकी है, जो पिछले दो वर्षों के आंकड़ों से काफी अधिक है। सुन्नी-बहुल इस खाड़ी देश में विदेशी नागरिकों के लिए सजा-ए-मौत के मामलों में बढ़ोतरी देखी गई है। हाल ही में ड्रग तस्करी के आरोप में एक यमनी नागरिक को मृत्युदंड दिया गया, जिससे इस वर्ष का कुल आंकड़ा 101 पर पहुंच गया।

विदेशी नागरिकों को मिली सजा

2022 और 2023 में सऊदी अरब में 34 विदेशी नागरिकों को मौत की सजा दी गई थी। इसके मुकाबले इस वर्ष मृत्युदंड के मामलों में लगभग तीन गुना वृद्धि हुई है। आंकड़ों के अनुसार, मृत्युदंड पाने वाले विदेशी नागरिकों में सबसे अधिक 21 लोग पाकिस्तान से थे, जबकि तीन भारतीय नागरिक भी शामिल हैं। इसके अलावा, यमन के 20, सीरिया के 14, नाइजीरिया के 10, मिस्र के 9, जॉर्डन के 8, और इथियोपिया के 7 नागरिकों को भी फांसी दी गई है।

फांसी के बढ़ते आंकड़े

ड्रग्स तस्करी जैसे अपराधों पर कठोर सजा देने की नीति के कारण सऊदी अरब में मृत्युदंड के मामलों में तेजी आई है। इस वर्ष अब तक 92 लोगों को नशीली दवाओं से जुड़े मामलों में फांसी दी गई, जिनमें 69 विदेशी शामिल हैं।

सऊदी अरब में मृत्युदंड की प्रक्रिया

इस्लामी कानून के तहत सऊदी अरब में अपराधों को तीन श्रेणियों में बांटा जाता है—किसास (बदला), हद (अनिवार्य), और ताजीर (अदालती विवेकाधिकार)। अदालतों को यह तय करने का अधिकार है कि किसी अपराध के लिए किस प्रकार की सजा दी जानी चाहिए। 2022 में सऊदी अरब ने ड्रग्स से संबंधित अपराधों पर मृत्युदंड की रोक हटा दी थी, जिससे मौत की सजा के मामलों में अचानक वृद्धि हुई।

अंतरराष्ट्रीय आलोचना

मानवाधिकार संगठनों और अन्य देशों ने सऊदी अरब की इस कठोर नीति की आलोचना की है। एमनेस्टी इंटरनेशनल के अनुसार, सऊदी अरब अब मृत्युदंड के मामलों में चीन और ईरान के बाद तीसरे स्थान पर है। 2024 में मृत्युदंड की कुल संख्या नवंबर तक 274 तक पहुंच गई, जो तीन दशकों का सबसे बड़ा आंकड़ा है। क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान द्वारा सुधारवादी छवि प्रस्तुत करने के प्रयासों के बावजूद, कठोर सजा और मानवाधिकारों पर कड़े रुख ने सऊदी अरब की अंतरराष्ट्रीय छवि पर सवाल खड़े किए हैं। Saudi Arabia

पूरी दुनिया में बजा भारत का जोरदार डंका, डीआरडीओ ने गाड़ दिया झंडा

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आबादी बढ़ाने के लिए SEX मंत्रालय खोल रहा है एक देश

Russia
Russia Big News
locationभारत
userचेतना मंच
calendar15 NOV 2024 03:29 PM
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Russia Big News : यह खबर आपको चौंकाने वाली है। खबर यह है कि तेजी से घटती हुई आबादी को बढ़ाने के लिए रूस ने बड़ी पहल की है। अपने देश की आबादी बढ़ाने के लिए रूस ने देश मेंं बाकायदा  SEX मंत्रालय खोलने का फैसला कर लिया है। इतना ही नहीं रूस की सरकार हनीमून मनाने के लिए पूरा खर्चा सरकारी खजाने से देने की भी योजना बना रही है। और तो और आबादी बढ़ाने के लिए रात में बिजली तथा इंटरनेट बंद रखने की योजना का प्रस्ताव भी रूस में किया गया है। कुल मिलाकर ऐसी स्थिति है कि रूस की सरकार सब कुछ खुल्लम-खुल्ला करने की अनुमति दे रही है।

घटती हुई आबादी से रूस में बढ़ी है चिंता

आपको बता दें कि एक समय में रूस को दुनिया की बड़ी ताकत माना जाता था। धीरे-धीरे रूस का रूतबा कम होता चला गया। इसी के साथ ही रूस की आबादी भी तेजी के साथ कम हुई है। लम्बे समय से चल रहे रूस-यूक्रेन युद्ध के कारण तो रूस की आबादी बहुत अधिक घट रही है। घटती हुई आबादी के कारण रूस की सरकार बेहद चिंता में है। रूस की सरकार को लगता है कि यदि आबादी इसी प्रकार से घटती रही तो वह दिन भी आ सकता है जब रूस का असतित्व ही खतरे में पड़ जाएगा। इसी चिंता को दूर करने के लिए रूस की सरकार ने देश में बाकायदा SEX मंत्रालय बनाने का प्रस्ताव तैयार कर लिया है।

खुल्लम-खुल्ला प्यार करो तथा बच्चे पैदा करो

रूस की सरकार अपने नागरिकों को बोल रही है कि खुल्लम-खुल्ला प्यार करो, रात-दिन मस्ती करो किन्तु बच्चे जरूर पैदा करो। रूस की सरकार ने आबादी बढ़ाने के लिए पांच बड़े प्रस्ताव तैयार किए हैं। एक मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक इन प्रस्तावों में देश में  SEX  मंत्रालय खोलने का भी प्रस्ताव है। रूस की रूसी सरकार के सामने लाए गए प्रमुख प्रस्तावों में एक यह भी प्रस्ताव है कि रात 10 बजे से सुबह 2 बजे के बीच इंटरनेट और यहां तक कि लाइटें भी काट दी जाएं, ताकि कपल को अंतरंग गतिविधियों में शामिल होने के लिए प्रोत्साहित किया जा सके। यदि कोई महिला बच्चे को जन्म देती है तो रूसी सरकार माताओं के लिए ऐसी योजना पर विचार कर रही है कि उसे प्रोत्साहित राशि दी जाए। घर पर रहकर अपने बच्चों की परवरिश और घर के काम करने वाली महिलाओं को प्रति माह पैसे देने का सुझाव भी दिया गया है। इसे रूस पेंशन गणना में शामिल कर सकता है। एक अन्य सुझाव यह है कि सरकार कपल को उनकी पहली डेट के लिए भुगतान करेगी। इसके लिए खर्च सीमा- 5,000 रूबल (लगभग 4,395 रुपये) तक रखी गई है। होटलों में कपल के लिए आयोजित होने वाली शादी की रातों के लिए खर्चा उठाने पर भी विचार किया जा रहा है। इसके लिए 26,300 रूबल (?23,122) तक का भुगतान शामिल है।

भारत करने वाला है बड़ा कमाल, करेगा एशिया का नेतृत्व

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