Monday, 16 June 2025

रूस का ‘गेम चेंजर’ जिरकॉन मिसाइल : यूक्रेन पर बढ़ता खतरा या शक्ति प्रदर्शन

Russia Ukraine War : रूस-यूक्रेन युद्ध एक बार फिर बेहद खतरनाक मोड़ पर आ पहुंचा है। यूक्रेन द्वारा रूस के…

रूस का ‘गेम चेंजर’ जिरकॉन मिसाइल : यूक्रेन पर बढ़ता खतरा या शक्ति प्रदर्शन

Russia Ukraine War : रूस-यूक्रेन युद्ध एक बार फिर बेहद खतरनाक मोड़ पर आ पहुंचा है। यूक्रेन द्वारा रूस के एयरबेसों पर ड्रोन हमलों के बाद, अब रूस ने पलटवार की पूरी तैयारी कर ली है। राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने अमेरिका के साथ हुई बातचीत में साफ कर दिया है कि इसका जवाब ‘जवाब से भी ज्यादा तीखा’ होगा। ऐसे में सवाल उठता है, क्या रूस अब अपना सबसे घातक हथियार जिरकॉन हाइपरसोनिक मिसाइल युद्ध में उतारेगा?

क्या है जिरकॉन मिसाइल?

जिरकॉन मिसाइल, जिसे तकनीकी रूप से 3एम22 जिरकान कहा जाता है, रूस की हाइपरसोनिक मिसाइल तकनीक का सबसे अत्याधुनिक और भयावह उदाहरण है। यह ध्वनि की गति से 9 गुना तेज चलती है, जिससे इसे ट्रैक करना और इंटरसेप्ट करना लगभग असंभव है। इसकी रेंज लगभग 1,000 किलोमीटर है। इसकी स्पीड 11,000 किमी/घंटा से अधिक है। युद्धपोत और पनडुब्बियों से भी इसे लॉन्च किया जा सकता है। इसके टारगेट दुश्मन के बड़े नौसैनिक जहाज, एयरक्राफ्ट कैरियर और सैन्य आपूर्ति लाइनें होती हैं।

यूक्रेन के खिलाफ जिरकॉन का प्रयोग?

सूत्रों और यूक्रेनी सैन्य विश्लेषकों का दावा है कि रूस ने हाल ही में यूक्रेन पर जिरकॉन मिसाइल का इस्तेमाल किया है, जिससे भारी तबाही हुई। हालांकि रूस की ओर से आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है, लेकिन पुतिन की हालिया चेतावनियों के बाद इसकी संभावना को नकारा नहीं जा सकता। विशेषज्ञों का मानना है कि यूक्रेन की वायु रक्षा प्रणाली हाइपरसोनिक हथियारों से निपटने में अभी बेहद कमजोर है, जिससे जिरकॉन मिसाइल रूस के लिए रणनीतिक बढ़त का हथियार बनती जा रही है।

क्यों है यह रूस के लिए गेम चेंजर?

अमेरिका और नाटो भी हैरान:
अभी तक अमेरिका, फ्रांस, ब्रिटेन या किसी अन्य नाटो सदस्य देश के पास ऐसी मिसाइल को रोकने की पूरी तकनीक विकसित नहीं हुई है। यह रूस को वैश्विक सैन्य शक्ति समीकरण में बढ़त देता है।

समुद्री वर्चस्व की कुंजी:
ब्लैक सी और बाल्टिक जैसे संवेदनशील इलाकों में रूस को अपने विरोधियों पर दबाव बनाने में भारी मदद मिलती है।

मानसिक दबाव:
युद्ध के मोर्चे पर ही नहीं, बल्कि यह हथियार दुश्मन की रणनीतिक सोच को भी प्रभावित करता है। यूक्रेन समेत पश्चिमी देशों में इसका खौफ पहले ही असर दिखा रहा है।

यूक्रेन के लिए नया सिरदर्द

यूक्रेन पहले ही हाइपरसोनिक हमलों की चपेट में आ चुका है। पश्चिमी मदद के बावजूद उसकी रक्षा प्रणाली जिरकॉन जैसी मिसाइलों से मुकाबला करने के लिए तैयार नहीं है। इससे यूक्रेन को अब न सिर्फ रक्षा बल्कि नैतिक दबाव झेलना भी पड़ रहा है। यूक्रेन पर ड्रोन हमलों के बाद रूस जिस तरह से पलटवार की धमकी दे रहा है, उसमें जिरकॉन जैसे हथियार का इस्तेमाल सिर्फ सैन्य नहीं, बल्कि भू-राजनीतिक संदेश भी देता है। यह युद्ध को उस दिशा में ले जा सकता है जहाँ तकनीक, रफ्तार और रणनीति ही नहीं, खौफ भी सबसे बड़ा हथियार होगा। Russia Ukraine War

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