भारत के चुनाव में अमेरिकी फंडिंग को ट्रंप ने रोका, बताया गैरजरूरी

Tramp
Election Funding :
locationभारत
userचेतना मंच
calendar20 FEB 2025 03:50 PM
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Election Funding : अमेरिका में राष्ट्रपति बनने के बाद से ट्रंप आए दिन कोई ना कोई धमाका कर रहे हैं। अब उन्होंने बाइडेन प्रशासन पर सवालिया निशान लगा दिया है। राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का कहना है कि भारत में 'वोटर टर्नआउट' के लिए 21 मिलियन डॉलर (लगभग 174 करोड़ रुपये) देने के फैसला बेहद गलत था। उन्होंने नाराजगी जताते हुए कहा कि क्या यह किसी और को चुनाव जिताने के लिए किया गया किया गया फंडिंग था। ट्रंप ने मियामी में एक सम्मेलन में कहा, हमें समझ नहीं आ रहा कि 'हम भारत में वोटर टर्नआउट के लिए 21 मिलियन डॉलर क्यों खर्च कर रहे हैं।

भारत में वोटिंग बढ़ाने के लिए यह रकम दी थी

ट्रंप का कहना है कि आखिर भारत में वोटिंग बढ़ाने के लिए इतनी बड़ी रकम खर्च करने की क्या जरूरत है। ट्रंप का यह बयान तब आया जब अमेरिका की 'डिपार्टमेंट आॅफ गवर्नमेंट एफिशिएंसी' ने खुलासा किया कि यूएस एजेंसी फॉर इंटरनेशनल डेवलपमेंट ने भारत में वोटिंग बढ़ाने के लिए यह रकम दी थी। जिसे ट्रंप ने सरकारी खर्चों में कटौती के लिए बनाया था, ने 16 फरवरी को बताया कि अमेरिका के टैक्सपेयर्स के पैसे कहां खर्च हो रहे थे। ऐसे खर्चों की क्या जरूरत थी, ऐसे खर्चों को रोका भी जा सकता है।

बेवकूफी भरी फंडिंग कर रहा था विभाग

इस फंडिंग जिसकी कोई जरूरत नहीं थी की गई थी। इस गैरजरूरी फंडिंग में भारत के लिए 21 मिलियन डॉलर, बांग्लादेश के लिए 29 मिलियन डॉलर और नेपाल के लिए 39 मिलियन डॉलर की योजनाएं शामिल थीं। हालांकि इन सभी फंडिंग को अब रद कर दिया गया है। ट्रंप ने कहा,'हमने एक महीने में इस तरह की बेवकूफी भरी फंडिंग को खत्म कर दिया। अब तक हमने 55 अरब डॉलर बचा लिए हैं और यह शुरुआत भर है।

सत्ताधारी पार्टी बीजेपी ने कांग्रेस पर निशाना साधा

यह तो खुलकर सामने नहीं आया कि इस धन से किस पार्टी का फायदा हुआ। लेकिन इस खुलासे के बाद, भारत की सत्ताधारी पार्टी बीजेपी ने कांग्रेस पर निशाना साधा। बीजेपी नेता अमित मालवीय ने कहा,'यह भारत के चुनावी प्रक्रिया में बाहरी दखल है। इससे फायदा किसे होगा? बीजेपी को तो नहीं। उन्होंने इस तरह की विदेशी फंडिंग विदेशी संस्थाओं के जरिए भारत की संस्थाओं में सिस्टमेटिक घुसपैठ का भी आरोप लगाया है। जो भी हो ट्रंप ने अपने देश का गैरजरूरी खर्च जो विदेशों के ऊपर हो रहा था उसे जरूर रोक दिया।

योगी सरकार का जंबो बजट, वन ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाने का लक्ष्य

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Election Funding : अमेरिका में राष्ट्रपति बनने के बाद से ट्रंप आए दिन कोई ना कोई धमाका कर रहे हैं। अब उन्होंने बाइडेन प्रशासन पर सवालिया निशान लगा दिया है। राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का कहना है कि भारत में 'वोटर टर्नआउट' के लिए 21 मिलियन डॉलर (लगभग 174 करोड़ रुपये) देने के फैसला बेहद गलत था। उन्होंने नाराजगी जताते हुए कहा कि क्या यह किसी और को चुनाव जिताने के लिए किया गया किया गया फंडिंग था। ट्रंप ने मियामी में एक सम्मेलन में कहा, हमें समझ नहीं आ रहा कि 'हम भारत में वोटर टर्नआउट के लिए 21 मिलियन डॉलर क्यों खर्च कर रहे हैं।

भारत में वोटिंग बढ़ाने के लिए यह रकम दी थी

ट्रंप का कहना है कि आखिर भारत में वोटिंग बढ़ाने के लिए इतनी बड़ी रकम खर्च करने की क्या जरूरत है। ट्रंप का यह बयान तब आया जब अमेरिका की 'डिपार्टमेंट आॅफ गवर्नमेंट एफिशिएंसी' ने खुलासा किया कि यूएस एजेंसी फॉर इंटरनेशनल डेवलपमेंट ने भारत में वोटिंग बढ़ाने के लिए यह रकम दी थी। जिसे ट्रंप ने सरकारी खर्चों में कटौती के लिए बनाया था, ने 16 फरवरी को बताया कि अमेरिका के टैक्सपेयर्स के पैसे कहां खर्च हो रहे थे। ऐसे खर्चों की क्या जरूरत थी, ऐसे खर्चों को रोका भी जा सकता है।

बेवकूफी भरी फंडिंग कर रहा था विभाग

इस फंडिंग जिसकी कोई जरूरत नहीं थी की गई थी। इस गैरजरूरी फंडिंग में भारत के लिए 21 मिलियन डॉलर, बांग्लादेश के लिए 29 मिलियन डॉलर और नेपाल के लिए 39 मिलियन डॉलर की योजनाएं शामिल थीं। हालांकि इन सभी फंडिंग को अब रद कर दिया गया है। ट्रंप ने कहा,'हमने एक महीने में इस तरह की बेवकूफी भरी फंडिंग को खत्म कर दिया। अब तक हमने 55 अरब डॉलर बचा लिए हैं और यह शुरुआत भर है।

सत्ताधारी पार्टी बीजेपी ने कांग्रेस पर निशाना साधा

यह तो खुलकर सामने नहीं आया कि इस धन से किस पार्टी का फायदा हुआ। लेकिन इस खुलासे के बाद, भारत की सत्ताधारी पार्टी बीजेपी ने कांग्रेस पर निशाना साधा। बीजेपी नेता अमित मालवीय ने कहा,'यह भारत के चुनावी प्रक्रिया में बाहरी दखल है। इससे फायदा किसे होगा? बीजेपी को तो नहीं। उन्होंने इस तरह की विदेशी फंडिंग विदेशी संस्थाओं के जरिए भारत की संस्थाओं में सिस्टमेटिक घुसपैठ का भी आरोप लगाया है। जो भी हो ट्रंप ने अपने देश का गैरजरूरी खर्च जो विदेशों के ऊपर हो रहा था उसे जरूर रोक दिया।

योगी सरकार का जंबो बजट, वन ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाने का लक्ष्य

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नीट पास करने के बाद ही विदेश से एमबीबीएस, सुप्रीम कोर्ट ने दिया फैसला

Neet 1
Neet UG Exam
locationभारत
userचेतना मंच
calendar20 FEB 2025 02:37 PM
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Neet UG Exam : अभी तक विदेश से एमबीबीएस करने की होड़ मची रहती थी, लेकिन अब विदेश से मेडिकल की पढ़ाई करने के लिए इच्छुक स्टूडेंट्स को विदेशी मेडिकल संस्थानों में एडमिशन लेने के लिए नीट यूजी परीक्षा पास करनी अनिवार्य होगी। अभी तक विदेशों से बिना नीट पास किए एमबीबीएस करने का आनन्द तमाम छात्र उठा रहे थे, अब बिना नीट यूजी परीक्षा पास किए स्टूडेंट्स विदेश से एमबीबीएस की पढ़ाई नहीं कर सकते हैं। सुप्रीम कोर्ट ने विदेश से मेडिकल कोर्स करने के लिए नीट यूजी योग्यता की वैधता बरकरार रखी है। सुप्रीम कोेर्ट के आदेश के बाद अब बिना नीट पास किए एमबीबएस करने का सपना देखने वाले छात्रों का ख्वाब ख्वाब ही रहेगा।

नीट परीक्षा उत्तीर्ण करना अनिवार्य

अपने आदेश में सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को मेडिकल काउंसिल आॅफ इंडिया के उस नियम को बरकरार रखा, जिसके तहत विदेशी संस्थानों में मेडिकल यूजी पाठ्यक्रम करने के लिए छात्रों के लिए राष्ट्रीय पात्रता-सह-प्रवेश परीक्षा उत्तीर्ण करना अनिवार्य कर दिया गया है। यह नियम 2018 में पेश किया गया, यह सुनिश्चित करता है कि विदेश में चिकित्सा की पढ़ाई कर रहे भारतीय छात्र को भारत में चिकित्सा का अभ्यास करने के लिए आवश्यक मानकों को अनिवार्य रूप से पूरा करना होगा।

योग्यता नियमों को पूरा करने अनिवार्य

यह मामला सुप्रीम कोर्ट में गया था। सुप्रीम कोर्ट में इस संबंध में दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए जस्टिस बी आर गवई और के विनोद चंद्रन की पीठ ने यह निर्णय दिए। कोर्ट ने फैसले में कहा कि यह नियम निष्पक्ष, पारदर्शी है और किसी भी वैधानिक प्रावधान के साथ टकराव नहीं करता है। नीट पास करने की आवश्यकता स्नातक चिकित्सा शिक्षा विनियम, 1997 में निर्धारित योग्यता नियमों को पूरा करने के अतिरिक्त है। अब विदेश से एमबीबीएस के लिए नीट पास करना अनिवार्य कर दिया गया है।

नियमों में हस्तक्षेप करने का कोई कारण नहीं

सुप्रीम कोर्ट की पीठ ने कहा कि हमें नियमों में हस्तक्षेप करने का कोई कारण नहीं दिखता। इस संबंध में सर्वोच्च न्यायालय ने किसी भी प्रकार से छूट देने से भी इनकार कर दिया। सुनवाई के दौरान पीठ ने कहा कि जाहिर है, खुली आंखों से, संशोधित नियम लागू होने के बाद यदि कोई उम्मीदवार प्राथमिक चिकित्सा योग्यता प्राप्त करने के लिए किसी विदेशी संस्थान में प्रवेश लेना चाहता है, तो वे नियमों से छूट नहीं मांग सकता है। जो देश के भीतर चिकित्सा का अभ्यास करने के लिए आवश्यक योग्यता निर्धारित करता है वही भारत के बाहर कहीं भी अभ्यास करने के उनके अधिकार को प्रतिबंधित नहीं करता है।

पिछले 60 सालों में बदल गई कतर की किस्मत, बना अमीर देश

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