Trump : अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप एक बार फिर अपने फैसले से सुर्खियों में हैं। इस बार उन्होंने देश की सुरक्षा संरचना की रीढ़ माने जाने वाली राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद (NSC) में बड़े पैमाने पर फेरबदल का ऐलान कर सियासी गलियारों में हलचल मचा दी है। उनके इस कदम से एनएससी के कर्मचारियों में असमंजस और आक्रोश दोनों की स्थिति बन गई है।
छंटनी की जद में सैकड़ों कर्मचारी
ट्रंप प्रशासन की योजना के तहत NSC में कार्यरत करीब 90 से 95 विशेषज्ञों को उनके मूल विभागों में वापस भेजा जाएगा। ये वे कर्मचारी हैं जो विभिन्न एजेंसियों से अस्थायी प्रतिनियुक्ति पर NSC में सेवाएं दे रहे थे। बताया जा रहा है कि इस कदम से NSC में लगभग एक-चौथाई मानव संसाधन घट जाएगा, जिससे संस्था की कार्यप्रणाली पर भी असर पड़ सकता है।
फिलहाल NSC में लगभग 395 कर्मचारी कार्यरत हैं, जिनमें 180 के करीब सहायक स्टाफ शामिल हैं। व्हाइट हाउस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने पुष्टि की है कि यह प्रक्रिया चरणबद्ध ढंग से आगे बढ़ेगी और इसका उद्देश्य परिषद को “कुशल और रणनीतिक” बनाना है।
राजनीतिक नियुक्तियों पर भी चला कैंची का वार
फेरबदल सिर्फ तकनीकी स्टाफ तक सीमित नहीं है। ट्रंप ने एनएससी में की गई कई राजनीतिक नियुक्तियों को भी हटाने या अन्य प्रशासनिक पदों पर स्थानांतरित करने का निर्णय लिया है। यह संकेत है कि ट्रंप प्रशासन सुरक्षा नीतियों को अधिक केंद्रीकृत और राष्ट्रपति के अधीन करना चाहता है।
नेतृत्व परिवर्तन भी चर्चा में
यह घटनाक्रम ऐसे समय में सामने आया है, जब कुछ ही सप्ताह पहले राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार माइक वाल्ट्ज को उनके पद से हटा दिया गया था। उनकी जगह फिलहाल विदेश मंत्री मार्को रुबियो ने अंतरिम रूप से यह जिम्मेदारी संभाली है। वाल्ट्ज को अब संयुक्त राष्ट्र में अमेरिका का अगला राजदूत नियुक्त किए जाने की घोषणा हुई है।
इसके अलावा, उपराष्ट्रपति जे. डी. वेंस के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार एंडी बेकर और राष्ट्रपति के नीति सहायक रॉबर्ट गेब्रियल को उप राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार की जिम्मेदारी सौंपी गई है। यह भी संकेत करता है कि आने वाले दिनों में राष्ट्रीय सुरक्षा नीति निर्धारण में इन चेहरों की भूमिका प्रमुख होगी।
NSC की भूमिका और संभावित असर
गौरतलब है कि राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद (NSC) व्हाइट हाउस की वह अहम शाखा है जो राष्ट्रपति को राष्ट्रीय सुरक्षा और विदेश नीति से जुड़े मामलों में सलाह देती है और सरकारी एजेंसियों के बीच समन्वय सुनिश्चित करती है। ऐसे में इसमें किसी भी स्तर का व्यापक फेरबदल अमेरिका की आंतरिक और वैश्विक रणनीति पर दूरगामी प्रभाव डाल सकता है। Trump
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