Saturday, 19 April 2025

मौलाना ने पीएम को दी वार्निंग, पाकिस्तान को दो टुकड़ों में बांटने की बात कही

Warning To PM : पाकिस्तान में शुरू से ही प्रदेशों के बीच काफी भेदभाव वाला रवैया अपनाया जाता रहा है,…

मौलाना ने पीएम को दी वार्निंग, पाकिस्तान को दो टुकड़ों में बांटने की बात कही

Warning To PM : पाकिस्तान में शुरू से ही प्रदेशों के बीच काफी भेदभाव वाला रवैया अपनाया जाता रहा है, जिसकी वजह से वहां अलगाववादी विचारधाराएं बराबर अपना सिर उठाती रहती हैं। अभी हाल में नेशनल असेंबली के सदस्य मौलाना फजलुर्रहमान ने भरी पार्लियामेंट में कहा कि अगर पाकिस्तान की सरकार अपने नजरिये और सोचने की तरीके को नहीं बदलती है तो जल्द ही पाकिस्तान से एक और बांग्लादेश निकल सकता है। मौलाना का यह बयान ऐसे समय में आया जब पाकिस्तान में पहले से ही कई अलगाववादी गुट एक्टिव हैं और वो खुद को देश से अलग करने की मांग कर रहे हैं। अब इन अलगाववादियों के बाद पाकिस्तान के धार्मिक नेता मौलाना फजलुर्रहमान ने हाल ही में पाकिस्तान को फिर दो टुकड़ों में बांटने की बात कही है।

बलूचिस्तान राज्य हो सकता है अलग

पाकिस्तान के धार्मिक नेता मौलाना फजलुर्रहमान ने अपनी बात कहने के दौरान 1971 की भारत-पाकिस्तान जंग का भी जिक्र किया, जिसमें बांग्लादेश का जन्म हुआ था। एक बार फिर वैसी ही स्थितियां बन रही हैं। मौलाना ने आगे कहा कि बलूचिस्तान राज्य के पांच से सात जिले स्वतंत्रता की घोषणा कर सकते हैं और अगर ऐसा हुआ तो संयुक्त राष्ट्र उनकी आजादी को कबूल भी कर सकता है। मौलाना ने चेतावनी देते हुए कहा कि अगर पाकिस्तान ने हालात नहीं संभाले, तो बलूचिस्तान में भी 1971 जैसा कुछ हो सकता है। जिसके जिम्मेदार पाकिस्तान के हुक्मरान ही होंगे।

20 सालों से बलूचिस्तान और खैबर पख्तूनख्वा में बिगड़ते हालात

पाकिस्तान के बलूचिस्तान और खैबर पख्तूनख्वा में बिगड़ते मौजूदा हालात को बयान करते हुए मौलाना फजलुर्रहमान ने पाकिस्तान की नेशनल असेंबली में कहा कि सरकार की पकड़ खासकर खैबर पख्तूनख्वा और बलूचिस्तान में बहुत कमजोर हो गई है। उन्होंने बताया कि इन इलाकों में पिछले 20 सालों से हालात बिगड़ते जा रहे हैं, जिससे बड़ी तादाद में लोग पलायन कर रहे हैं। मौलाना ने इन सबकी जिम्मेदारी पंजाब के लोगों पर डालते हुए कहा कि पंजाब और अन्य प्रांतों में रहने वाले लोग इस गंभीर हालत को नजर अंदाज कर रहे हैं, जो पूरे देश के लिए बेहद खतरनाक साबित हो सकता है।

बाहरी ताकतों का हस्तक्षेप बढ़ेगा

धार्मिक नेता मौलाना फजल-उर-रहमान ने आगाह करते हुए सरकार और सभी संबंधित पक्षों से अपील की है कि वे जल्द से जल्द कोई समाधान निकालें। उन्होंने चेतावनी दी कि अगर सरकार ने अभी कोई ठोस कदम नहीं उठाया, तो हालात पूरी तरह नियंत्रण से बाहर हो सकते हैं। मौलाना का यह कहना सही है कि जब सरकार की पकड़ किसी क्षेत्र में कमजोर होती है तो वहां बाहरी ताकतों का हस्तक्षेप बढ़ जाता है। खासकर जब यह क्षेत्र खनिज संसाधनों से भरपूर हो, तो यह और भी संवेदनशील हो जाता है। ऐसी स्थिति में सरकार को पूरी तरह से एलर्ट होकर काम करना होगा।

कुर्रम इलाके में तेजी से बढ़ रही हिंसा

मौलाना ने आगे बताया कि पाकिस्तान के उत्तर-पश्चिमी हिस्से में मौजूद कुर्रम इलाके में तेजी से हिंसा बढ़ रही है। इस इलाके में पिछले लंबे समय से सुन्नी और शिया गुटों के बीच संघर्ष होता रहा है। हाल ही में नवंबर से शुरू हुई नई झड़पों में अब तक लगभग 150 लोग मारे जा चुके हैं। हाल ही में स्थानीय व्यापारियों के लिए जरूरी सामान जैसे चावल, आटा और तेल लेकर जा रहे काफिले जिसमें दवाइयों से भरी दो गाड़ियां भी शामिल थी, के ऊपर भी हमला बोला गया। जिसमें कुछ की मौत हुई और कुछ को अगवा कर लिया गया। यह इलाका पहाड़ी और दुर्गम होने की वजह से बाहरी दुनिया से कट गया है। कई बार संघर्ष विराम (सीजफायर) की घोषणा की गई, लेकिन हिंसा थमने का नाम नहीं ले रही।

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