UN : AI के क्षेत्र में भारत की बड़ी छलांग: संयुक्त राष्ट्र ने सराहा

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locationभारत
userचेतना मंच
calendar04 APR 2025 04:30 PM
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UN : भारत ने कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI) के क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण उपलब्धि हासिल की है। संयुक्त राष्ट्र की हालिया रिपोर्ट के अनुसार, AI में 1.4 अरब डॉलर के निवेश के साथ भारत वैश्विक स्तर पर 10वें स्थान पर पहुंच गया है। यह उपलब्धि भारत की तकनीकी क्षमता, नवाचार और नीतिगत पहल के प्रभावी कार्यान्वयन को दर्शाती है।

भारत की प्रगति और संयुक्त राष्ट्र की रिपोर्ट

संयुक्त राष्ट्र व्यापार और विकास संगठन (UNCTAD) द्वारा जारी ‘प्रौद्योगिकी और नवाचार रिपोर्ट 2025’ के अनुसार, भारत ‘अग्रणी प्रौद्योगिकी के लिए तत्परता’ सूचकांक में 36वें स्थान पर पहुंच गया है। 2022 में यह 48वें स्थान पर था, जिससे यह साफ है कि भारत AI और अन्य उन्नत तकनीकों को अपनाने में तेज़ी से आगे बढ़ रहा है। रिपोर्ट में कहा गया है कि चीन, ब्राजील और भारत ने AI डेवलपर्स का एक बड़ा समूह तैयार किया है। यह संकेत देता है कि ये देश तकनीकी विकास को बढ़ावा देने के लिए सक्रिय नीतिगत प्रयास कर रहे हैं।

AI में भारत का वैश्विक स्थान

भारत ने AI के विभिन्न पहलुओं में मजबूत उपस्थिति दर्ज कराई है:
  • ICT (सूचना एवं संचार प्रौद्योगिकी): 99वां स्थान
  • कौशल विकास: 113वां स्थान
  • अनुसंधान एवं विकास (R&D): तीसरा स्थान
  • औद्योगिक क्षमता: 10वां स्थान
  • वित्तीय संसाधन: 70वां स्थान
इन आंकड़ों से स्पष्ट होता है कि भारत AI अनुसंधान और औद्योगिक विकास में आगे बढ़ रहा है, हालांकि ICT और कौशल विकास जैसे क्षेत्रों में अभी सुधार की आवश्यकता है।

अमेरिका और चीन की स्थिति

रिपोर्ट में बताया गया कि अमेरिका AI में सबसे बड़ा निवेशक है, जिसने 2023 में 67 अरब डॉलर का निवेश किया, जो वैश्विक AI निवेश का 70% है। वहीं, चीन 7.8 अरब डॉलर के निवेश के साथ दूसरे स्थान पर है। 2033 तक वैश्विक AI बाजार 4800 अरब डॉलर तक पहुंचने की संभावना है, जिससे यह डिजिटल बदलाव का एक महत्वपूर्ण कारक बनेगा। रिपोर्ट के अनुसार, AI बुनियादी ढांचे और विशेषज्ञता तक पहुंच मुख्यतः अमेरिका और चीन जैसे कुछ ही देशों तक सीमित है।

नौकरियों पर AI का प्रभाव

AI से जुड़ी स्वचालन प्रक्रिया पूंजी को प्राथमिकता देती है, जिससे कुछ पारंपरिक नौकरियों पर असर पड़ सकता है। हालांकि, रिपोर्ट का कहना है कि AI नई नौकरियों और उद्योगों के लिए अवसर भी पैदा करेगा। इसलिए कौशल उन्नयन और नए प्रशिक्षण कार्यक्रमों पर ध्यान देना आवश्यक है।  UN :  

Tariff: ट्रम्प के टैरिफ से वैश्विक व्यापार युद्ध, कैसे पंहुचा यहाँ तक

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UN : AI के क्षेत्र में भारत की बड़ी छलांग: संयुक्त राष्ट्र ने सराहा

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UN : भारत ने कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI) के क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण उपलब्धि हासिल की है। संयुक्त राष्ट्र की हालिया रिपोर्ट के अनुसार, AI में 1.4 अरब डॉलर के निवेश के साथ भारत वैश्विक स्तर पर 10वें स्थान पर पहुंच गया है। यह उपलब्धि भारत की तकनीकी क्षमता, नवाचार और नीतिगत पहल के प्रभावी कार्यान्वयन को दर्शाती है।

भारत की प्रगति और संयुक्त राष्ट्र की रिपोर्ट

संयुक्त राष्ट्र व्यापार और विकास संगठन (UNCTAD) द्वारा जारी ‘प्रौद्योगिकी और नवाचार रिपोर्ट 2025’ के अनुसार, भारत ‘अग्रणी प्रौद्योगिकी के लिए तत्परता’ सूचकांक में 36वें स्थान पर पहुंच गया है। 2022 में यह 48वें स्थान पर था, जिससे यह साफ है कि भारत AI और अन्य उन्नत तकनीकों को अपनाने में तेज़ी से आगे बढ़ रहा है। रिपोर्ट में कहा गया है कि चीन, ब्राजील और भारत ने AI डेवलपर्स का एक बड़ा समूह तैयार किया है। यह संकेत देता है कि ये देश तकनीकी विकास को बढ़ावा देने के लिए सक्रिय नीतिगत प्रयास कर रहे हैं।

AI में भारत का वैश्विक स्थान

भारत ने AI के विभिन्न पहलुओं में मजबूत उपस्थिति दर्ज कराई है:
  • ICT (सूचना एवं संचार प्रौद्योगिकी): 99वां स्थान
  • कौशल विकास: 113वां स्थान
  • अनुसंधान एवं विकास (R&D): तीसरा स्थान
  • औद्योगिक क्षमता: 10वां स्थान
  • वित्तीय संसाधन: 70वां स्थान
इन आंकड़ों से स्पष्ट होता है कि भारत AI अनुसंधान और औद्योगिक विकास में आगे बढ़ रहा है, हालांकि ICT और कौशल विकास जैसे क्षेत्रों में अभी सुधार की आवश्यकता है।

अमेरिका और चीन की स्थिति

रिपोर्ट में बताया गया कि अमेरिका AI में सबसे बड़ा निवेशक है, जिसने 2023 में 67 अरब डॉलर का निवेश किया, जो वैश्विक AI निवेश का 70% है। वहीं, चीन 7.8 अरब डॉलर के निवेश के साथ दूसरे स्थान पर है। 2033 तक वैश्विक AI बाजार 4800 अरब डॉलर तक पहुंचने की संभावना है, जिससे यह डिजिटल बदलाव का एक महत्वपूर्ण कारक बनेगा। रिपोर्ट के अनुसार, AI बुनियादी ढांचे और विशेषज्ञता तक पहुंच मुख्यतः अमेरिका और चीन जैसे कुछ ही देशों तक सीमित है।

नौकरियों पर AI का प्रभाव

AI से जुड़ी स्वचालन प्रक्रिया पूंजी को प्राथमिकता देती है, जिससे कुछ पारंपरिक नौकरियों पर असर पड़ सकता है। हालांकि, रिपोर्ट का कहना है कि AI नई नौकरियों और उद्योगों के लिए अवसर भी पैदा करेगा। इसलिए कौशल उन्नयन और नए प्रशिक्षण कार्यक्रमों पर ध्यान देना आवश्यक है।  UN :  

Tariff: ट्रम्प के टैरिफ से वैश्विक व्यापार युद्ध, कैसे पंहुचा यहाँ तक

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Tariff: ट्रम्प के टैरिफ से वैश्विक व्यापार युद्ध, कैसे पंहुचा यहाँ तक

Tariff 12
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locationभारत
userचेतना मंच
calendar04 APR 2025 03:58 PM
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Tariff : डोनाल्ड ट्रम्प द्वारा लगाए गए टैरिफ न केवल अमेरिका बल्कि पूरे वैश्विक व्यापार पर गहरा प्रभाव डाल रहे हैं। टैरिफ बढ़ाने के कारण विभिन्न देशों के बीच व्यापारिक तनाव बढ़ा है, जिससे उपभोक्ताओं को उच्च कीमतें चुकानी पड़ रही हैं। आइए जानते हैं इस व्यापार युद्ध की पूरी समयरेखा।

टैरिफ और वैश्विक व्यापार युद्ध: कैसे हुई शुरुआत?

  • टैरिफ का उद्देश्य: अमेरिकी उत्पादों को सस्ता और प्रतिस्पर्धी बनाना।
  • चीन पर प्रभाव: चीन ने भी जवाबी टैरिफ लगाकर अमेरिकी उत्पादों को महंगा कर दिया।
  • अन्य देशों की प्रतिक्रिया: कनाडा, मैक्सिको, यूरोप और भारत सहित कई देशों ने भी प्रतिक्रिया दी।

प्रमुख घटनाएं और टैरिफ का प्रभाव

20 जनवरी – ट्रम्प ने पदभार संभाला

  • अपने उद्घाटन भाषण में विदेशी उत्पादों पर टैरिफ लगाने का वादा किया।
  • अमेरिका में निर्माण और रोजगार को प्राथमिकता देने का दावा।

1 फरवरी – प्रारंभिक टैरिफ की घोषणा

  • चीन: 10%
  • कनाडा और मेक्सिको: 25%
  • व्यापारिक तनाव की शुरुआत।

4 फरवरी – चीन की जवाबी कार्रवाई

  • अमेरिकी उत्पादों पर अतिरिक्त कर लगाए।
  • गूगल पर एकाधिकार विरोधी जांच शुरू की।

10 फरवरी – स्टील और एल्युमीनियम पर टैरिफ

  • स्टील: 25%
  • एल्युमीनियम: 10%
  • अमेरिका में औद्योगिक उत्पादन पर असर।

25 फरवरी – तांबे पर टैरिफ का सुझाव

  • राष्ट्रीय सुरक्षा के तहत टैरिफ की संभावनाएं तलाशी गईं।

1 मार्च – लकड़ी और इमारती सामान पर टैरिफ

  • निर्माण और सैन्य आवश्यकताओं को ध्यान में रखते हुए।

4 मार्च – टैरिफ दोगुना

  • चीन पर: 20%
  • कनाडा और मैक्सिको पर: 25%
  • जवाबी टैरिफ की लहर।

10 मार्च – कृषि उत्पादों पर प्रभाव

  • चीन ने अमेरिकी कृषि उत्पादों पर 15% टैरिफ लगाया।
  • अमेरिकी किसानों पर नकारात्मक प्रभाव।

12 मार्च – यूरोप की प्रतिक्रिया

  • यूरोपीय संघ ने 26 बिलियन यूरो के अमेरिकी उत्पादों पर कर बढ़ाया।
  • व्यापारिक तनाव चरम पर।

2 अप्रैल – ट्रम्प का 'पारस्परिक' टैरिफ

  • सभी देशों पर 10% टैरिफ।
  • चीन: 34%
  • यूरोपीय संघ: 20%
  • दक्षिण कोरिया: 25%
  • जापान: 24%

3 अप्रैल – ऑटोमोबाइल उद्योग पर असर

  • अमेरिका ने ऑटो आयात पर 25% टैरिफ लगाया।
  • कनाडा ने अमेरिकी वाहनों पर 25% जवाबी कर लगाया।      Tariff :
 

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