हमले के बाद पाकिस्तान को जोरदार झटका, 70000 करोड़ का नुकसान

Pakistan stock market
Pahalgam Terror Attack
locationभारत
userचेतना मंच
calendar29 APR 2025 04:06 PM
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Pahalgam Terror Attack : पिछले सप्ताह पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद भारत द्वारा उठाए गए कूटनीतिक और आर्थिक कदमों का पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था पर गहरा असर पड़ा है। विशेष रूप से पाकिस्तान के शेयर बाजार में भारी गिरावट देखी गई है, जिससे निवेशकों को लगभग 70,000 करोड़ पाकिस्तानी रुपये का नुकसान हुआ है।​ Pahalgam Terror Attack

पाकिस्तान स्टॉक मार्केट में भारी गिरावट

हमले के बाद के दिनों में कराची स्टॉक एक्सचेंज में उल्लेखनीय गिरावट देखी गई। 24 अप्रैल 2025 को केएसई-100 इंडेक्स में 1,500 अंकों की गिरावट आई, जो भारत-पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव के कारण निवेशकों की चिंता को दशार्ता है। 29 अप्रैल 2025 को केएसई-100 इंडेक्स 112,935.57 अंकों तक गिर गया, जो 22 अप्रैल के 118,430.35 अंकों से लगभग 4.63% की गिरावट है।​ इस गिरावट के परिणामस्वरूप पाकिस्तान के शेयर बाजार का मार्केट कैपिटलाइजेशन लगभग 2.45 अरब डॉलर (लगभग 70,000 करोड़ पाकिस्तानी रुपये) कम हो गया है।​ Pahalgam Terror Attack

भारत के शेयर बाजार में तेजी

वहीं दूसरी ओर, भारत के शेयर बाजार ने सकारात्मक प्रदर्शन किया है। 22 अप्रैल से 29 अप्रैल 2025 को सेंसेक्स में लगभग 1,100 अंकों की वृद्धि हुई, जो निवेशकों के विश्वास को दर्शाता है।​ इस वृद्धि से भारतीय निवेशकों को लगभग 1.33% का रिटर्न मिला है।​ भारत द्वारा उठाए गए कूटनीतिक और आर्थिक कदमों ने पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था, विशेष रूप से उसके शेयर बाजार, पर गहरा प्रभाव डाला है। इससे पाकिस्तान को निवेशकों के विश्वास को पुन: प्राप्त करने और आर्थिक स्थिरता बनाए रखने के लिए ठोस कदम उठाने की आवश्यकता है। Pahalgam Terror Attack

​पाकिस्तान का भारत ही नहीं कई अन्य देशों से संबंध खराब

ग्रेटर नोएडा– नोएडा की खबरों से अपडेट रहने के लिए चेतना मंच से जुड़े रहें। देशदुनिया की लेटेस्ट खबरों से अपडेट रहने के लिए हमेंफेसबुकपर लाइक करें याट्विटरपर फॉलो करें।
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Pahalgam Terror Attack
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Pahalgam Terror Attack : पिछले सप्ताह पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद भारत द्वारा उठाए गए कूटनीतिक और आर्थिक कदमों का पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था पर गहरा असर पड़ा है। विशेष रूप से पाकिस्तान के शेयर बाजार में भारी गिरावट देखी गई है, जिससे निवेशकों को लगभग 70,000 करोड़ पाकिस्तानी रुपये का नुकसान हुआ है।​ Pahalgam Terror Attack

पाकिस्तान स्टॉक मार्केट में भारी गिरावट

हमले के बाद के दिनों में कराची स्टॉक एक्सचेंज में उल्लेखनीय गिरावट देखी गई। 24 अप्रैल 2025 को केएसई-100 इंडेक्स में 1,500 अंकों की गिरावट आई, जो भारत-पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव के कारण निवेशकों की चिंता को दशार्ता है। 29 अप्रैल 2025 को केएसई-100 इंडेक्स 112,935.57 अंकों तक गिर गया, जो 22 अप्रैल के 118,430.35 अंकों से लगभग 4.63% की गिरावट है।​ इस गिरावट के परिणामस्वरूप पाकिस्तान के शेयर बाजार का मार्केट कैपिटलाइजेशन लगभग 2.45 अरब डॉलर (लगभग 70,000 करोड़ पाकिस्तानी रुपये) कम हो गया है।​ Pahalgam Terror Attack

भारत के शेयर बाजार में तेजी

वहीं दूसरी ओर, भारत के शेयर बाजार ने सकारात्मक प्रदर्शन किया है। 22 अप्रैल से 29 अप्रैल 2025 को सेंसेक्स में लगभग 1,100 अंकों की वृद्धि हुई, जो निवेशकों के विश्वास को दर्शाता है।​ इस वृद्धि से भारतीय निवेशकों को लगभग 1.33% का रिटर्न मिला है।​ भारत द्वारा उठाए गए कूटनीतिक और आर्थिक कदमों ने पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था, विशेष रूप से उसके शेयर बाजार, पर गहरा प्रभाव डाला है। इससे पाकिस्तान को निवेशकों के विश्वास को पुन: प्राप्त करने और आर्थिक स्थिरता बनाए रखने के लिए ठोस कदम उठाने की आवश्यकता है। Pahalgam Terror Attack

​पाकिस्तान का भारत ही नहीं कई अन्य देशों से संबंध खराब

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​पाकिस्तान का भारत ही नहीं कई अन्य देशों से संबंध खराब

Pakistan
Situation Across The Border
locationभारत
userचेतना मंच
calendar29 APR 2025 03:03 PM
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Situation Across The Border : पाकिस्तान की विदेश नीति और उसके पड़ोसी देशों के साथ संबंधों की जटिलता को समझने के लिए, हमें उसके प्रमुख विरोधियों और उनके साथ तनावपूर्ण संबंधों के कारणों पर ध्यान देना होगा।​ सबसे पहले हम भारत की बात करते हैं। भारत और पाकिस्तान के बीच संबंध 1947 के विभाजन के बाद से ही तनावपूर्ण रहे हैं। कश्मीर मुद्दा, आतंकवाद, और सीमाओं पर संघर्ष जैसे कारणों से दोनों देशों के बीच तीन युद्ध हो चुके हैं। हाल ही में, 22 अप्रैल 2025 को पहलगाम में हुए आतंकी हमले में 26 पर्यटकों की मौत के बाद, भारत ने पाकिस्तान पर आतंकवाद का समर्थन करने का आरोप लगाया। इसके परिणामस्वरूप, भारत ने वीजा सेवाएं निलंबित कर दीं, राजनयिकों को निष्कासित किया, और सिंधु जल संधि को रद कर दिया। पाकिस्तान ने भी जवाबी कार्रवाई में अपने हवाई क्षेत्र को भारतीय विमानों के लिए बंद कर दिया और सीमाएं सील कर दीं।​

अफगानिस्तान : रणनीतिक गहराई और सीमा विवाद

पाकिस्तान ने अफगानिस्तान में तालिबान का समर्थन किया है, ताकि भारत के प्रभाव को कम किया जा सके और रणनीतिक गहराई प्राप्त की जा सके। हालांकि, अफगानिस्तान ने पाकिस्तान पर तालिबान और अन्य आतंकी समूहों को समर्थन देने का आरोप लगाया है, जिससे दोनों देशों के बीच तनाव बढ़ा है। डूरंड रेखा को लेकर भी विवाद है, जिसे अफगानिस्तान मान्यता नहीं देता।​

ईरान : सीमा पार आतंकवाद और सांप्रदायिक तनाव

पाकिस्तान और ईरान के बीच संबंध भी तनावपूर्ण हैं, खासकर बलूचिस्तान क्षेत्र में सक्रिय आतंकी समूहों के कारण। जनवरी 2024 में, ईरान ने पाकिस्तान के पांजगुर क्षेत्र में स्थित जैश अल-अदल के ठिकानों पर मिसाइल और ड्रोन हमले किए, जिसमें दो बच्चों की मौत हो गई। पाकिस्तान ने इसे अपनी संप्रभुता का उल्लंघन बताया और गंभीर परिणामों की चेतावनी दी।​

अमेरिका : विश्वास की कमी और आतंकवाद पर चिंता

अमेरिका और पाकिस्तान के संबंधों में भी विश्वास की कमी रही है, विशेषकर आतंकवाद के मुद्दे पर। 2011 में ओसामा बिन लादेन को पाकिस्तान में मार गिराने के बाद, अमेरिका ने पाकिस्तान पर आतंकवादियों को पनाह देने का आरोप लगाया। हाल ही में, अमेरिका ने पाकिस्तान को दी जाने वाली सैन्य सहायता में कटौती की है और भारत के साथ अपने संबंधों को मजबूत किया है।​

अन्य पश्चिमी देश : आतंकवाद और मानवाधिकारों पर चिंता

यूरोपीय संघ और अन्य पश्चिमी देशों ने भी पाकिस्तान पर आतंकवाद के समर्थन और मानवाधिकारों के उल्लंघन का आरोप लगाया है। बलूचिस्तान में पाकिस्तानी सेना द्वारा किए गए अत्याचारों और अल्पसंख्यकों के अधिकारों के हनन के कारण, इन देशों ने पाकिस्तान की आलोचना की है।​

पाकिस्तान के कई पड़ोसी देशों और पश्चिमी शक्तियों के साथ संबंध तनावपूर्ण

पाकिस्तान के कई पड़ोसी देशों और पश्चिमी शक्तियों के साथ संबंध तनावपूर्ण हैं, जिसका मुख्य कारण आतंकवाद का समर्थन, सीमा विवाद, और आंतरिक अस्थिरता है। इन चुनौतियों का सामना करने के लिए पाकिस्तान को अपनी विदेश नीति में पारदर्शिता, आतंकवाद के खिलाफ सख्त कदम, और क्षेत्रीय सहयोग को बढ़ावा देने की आवश्यकता है।

आतंक के विरुद्ध लड़ाई में विपक्ष एकजुट , विशेष सत्र बुलाने की मांग

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