India -US Trade Deal : भारत और अमेरिका के बीच अंतरिम व्यापार समझौते को लेकर जारी बातचीत निर्णायक मोड़ पर पहुंच गई है। अगले 48 घंटे में इस बड़ी डील पर मुहर लगने की संभावना जताई जा रही है। दोनों देशों के शीर्ष स्तर पर बातचीत अंतिम चरण में है, लेकिन कृषि और डेयरी सेक्टर को लेकर भारत ने अपनी सख्त शर्तों से अमेरिका को स्पष्ट संकेत दे दिया है कि राष्ट्रीय हितों से कोई समझौता नहीं होगा। यह वार्ता ऐसे समय में निर्णायक बन गई है जब अमेरिका द्वारा लगाए गए ‘पारस्परिक टैरिफ’ (Reciprocal Tariff) की अस्थायी राहत की समयसीमा 9 जुलाई को समाप्त होने जा रही है।
कृषि और डेयरी सेक्टर बना मुख्य बिंदु
हालांकि, समझौते की राह इतनी भी सरल नहीं है। अमेरिका जहां भारत के विशाल कृषि और डेयरी बाजार में अपने उत्पादों की पहुंच चाहता है, वहीं भारत ने साफ कर दिया है कि इन क्षेत्रों को पूरी तरह खोलना उसके किसानों के हित में नहीं होगा। भारत ने कई अमेरिकी कृषि उत्पादों पर 100% तक आयात शुल्क लगा रखा है, जिसे हटाने का दबाव अमेरिका बना रहा है, पर केंद्र सरकार अपनी शर्तों से एक इंच भी पीछे हटने को तैयार नहीं है।
भारत की प्राथमिकताएं भी स्पष्ट
भारत की ओर से इस बातचीत में कपड़ा, रत्न व आभूषण, चमड़ा, प्लास्टिक और रसायन जैसे श्रम-प्रधान क्षेत्रों को अमेरिकी बाजार तक व्यापक पहुंच देने की मांग की जा रही है। इन सेक्टरों में भारत का निर्यातक वर्ग बड़ी संभावनाएं देखता है और यही कारण है कि यह डील भारत के लिए सिर्फ अमेरिकी शर्तों पर नहीं, बल्कि संतुलित लाभ के आधार पर ही स्वीकार्य होगी। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने सप्ताह की शुरुआत में दिए एक बयान में साफ कहा कि भारत अमेरिका के साथ एक “उचित और व्यापक” व्यापार समझौता करना चाहता है, लेकिन किसी भी कीमत पर नहीं। उन्होंने विशेष रूप से यह संकेत दिया कि कृषि और डेयरी क्षेत्र को लेकर भारत का रुख सोच-विचार के बाद ही तय किया गया है और इसमें बदलाव की संभावना कम है।
ट्रंप की टिप्पणी और व्हाइट हाउस का रुख
वहीं, अमेरिका की ओर से राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने हाल में बयान दिया था कि भारत-अमेरिका व्यापार समझौते पर 8 जुलाई तक तस्वीर स्पष्ट हो जाएगी। उन्होंने कहा, “हम भारत के लिए अपने दरवाजे खोलने जा रहे हैं और जल्द ही एक बड़ा समझौता होने की उम्मीद है।” व्हाइट हाउस की प्रेस सचिव कैरोलिन लेविट ने भी दोनों नेताओं—प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और राष्ट्रपति ट्रंप—के अच्छे व्यक्तिगत संबंधों की ओर इशारा करते हुए कहा कि यही मजबूती इस डील को सफल बना सकती है।
बता दें कि 2 अप्रैल 2025 को अमेरिका ने रेसिप्रोकल टैरिफ के तहत भारत सहित कई देशों पर शुल्क लगाया था, जिसमें भारत पर 26% टैक्स भी शामिल था। हालांकि, ट्रंप प्रशासन ने इस पर 90 दिनों की अस्थायी राहत दी थी, जिसकी मियाद 9 जुलाई को समाप्त हो रही है। यह डेडलाइन दोनों देशों के बीच समझौते को अंतिम रूप देने की एक तरह से अनौपचारिक समयसीमा बन चुकी है। India -US Trade Deal
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